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    चमोली में बर्फबारी के बाद बढ़ गई वन्य जीवों की मुसीबत

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Sat, 18 Mar 2017 04:55 PM (IST)

    चमोली जिले में केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग व नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के अधिकतर हिस्सों में लगातार बर्फबारी होने के बाद वन्य जीव आसरे के लिए निचले क्षेत्रों की ओर आ रहे हैं।

    चमोली में बर्फबारी के बाद बढ़ गई वन्य जीवों की मुसीबत

    गोपेश्वर, [जेएनएन]: चमोली जिले में बर्फबारी के बाद वन्य जीवों की मुसीबत बढ़ गई है। केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग व नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के अधिकतर हिस्सों में लगातार बर्फबारी होने के बाद वन्य जीव आसरे के लिए निचले क्षेत्रों की ओर आ रहे हैं। इन पर वन्य जीव तस्करों की निगाह लगी है। हालांकि वन विभाग गश्ती दलों का गठन कर वन्य जीवों की सुरक्षा की बात कर रहा है।
    चमोली जिले के जंगलों में दुर्लभ वन्य जीवों का संसार माना जाता है। खासकर नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क तथा केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग में कई दुर्लभ प्रजाति के वन्य जीवों का आसरा है। इन क्षेत्रों में कस्तूरी मृग, सफेद भालू, स्नो लेपर्ड के अलावा कई दुर्लभ प्रजाति के वन्य जीवों का निवास है। 
    केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग में तो वन्य जीवों के साथ ही 30 से अधिक प्रकार के आकड्स भी पाए जाते हैं। परंतु इन दिनों इन वन्य जीवों का जीवन संकट में दिख रहा है। असल में जंगलों के जिन ऊंचाई वाले क्षेत्रों में वन्य जीवों का आसरा है वहां लगातार बर्फबारी हो रही है। बर्फबारी से होने वाली ठंड से बचने के लिए वन्य जीव निचले क्षेत्रों की ओर जीवन बचाने के लिए आ रहे हैं। परंतु यहां वन्य जीव तस्करों की निगाह वन्य जीवों पर लगी है। 
    असल में इन वन्य जीवों के दांत, खाल, नाखून, बाल, पित्त समेत अन्य अंगों के तस्कर इसी मौसम का इंतजार करते हैं। इसी दौरान सबसे अधिक वन्य जीव मारे जाते हैं। केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग की डीएफओ नीतू लक्ष्मी का कहना है कि वन्य जीव तस्करों से वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए संभावित इलाकों में गश्ती दल लगाए गए हैं।

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