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    यात्री रात आठ बजे के बाद नहीं जा पाएंगे बदरीनाथ

    By sunil negiEdited By:
    Updated: Fri, 03 Jun 2016 09:21 AM (IST)

    अब जोशीमठ से बदरीनाथ के बीच रात आठ बजे के बाद वाहन नहीं चलेंगे। वहीं, नौ बजे के बाद पांडुकेश्वर से आगे वाहनों को नहीं जाने दिया जाएगा।

    गोपेश्वर (चमोली)। अब जोशीमठ से बदरीनाथ के बीच रात आठ बजे के बाद वाहन नहीं चलेंगे। वहीं, नौ बजे के बाद पांडुकेश्वर से आगे वाहनों को नहीं जाने दिया जाएगा। वीडियो कॉन्फ्रेंस में विधायक राजेंद्र भंडारी के अनुरोध पर मुख्यमंत्री ने पुलिस-प्रशासन को ट्रैफिक व्यवस्था में संशोधन के निर्देश दिए हैं।
    अब तक यात्री वाहनों को रात दस बजे तक चलने की अनुमति थी, जिससे यात्री सीधे बदरीनाथ की ओर रुख कर रहे थे। ऐसे में बदरीनाथ में भीड़ जमा हो जा रही थी, जबकि जोशीमठ व पांडुकेश्वर जैसे प्रमुख पड़ावों में वीरानी पसरी हुई थी।

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    इसे देखते हुए स्थानीय लोगों ने भी पूर्व की भांति रात आठ बजे तक ही वाहनों के संचालन की मांग की थी। वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान बदरीनाथ के विधायक राजेंद्र भंडारी ने मुख्यमंत्री के सामने यह बात रखी। विधायक का तर्क था कि बारिश के दौरान जोशीमठ से बदरीनाथ के बीच देर रात तक आवाजाही ठीक नहीं है। मार्ग में लामबगड़ सहित कई अन्य स्थानों पर भूस्खलन जोन हैं। लिहाजा जोशीमठ से बदरीनाथ के बीच रात आठ बजे तक ही वाहनों की आवाजाही की अनुमति दी जानी चाहिए।

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    मुख्यमंत्री ने तत्काल जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को नई व्यवस्था के तहत रात आठ बजे तक ही जोशीमठ से बदरीनाथ के बीच वाहनों की आवाजाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इसके बाद प्रशासन ने भी आदेश जारी कर दिए हैं। बताया गया कि जोशीमठ-बदरीनाथ मार्ग को छोड़ अन्य जगह रात दस बजे तक हाईवे पर वाहनों की आवाजाही यथावत रहेगी।

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    वीडियो कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने चमोली जिले के आपदा प्रभावितों को तत्काल सहायता राशि उपलब्ध कराने के निर्देश भी जिलाधिकारी को दिए। कहा कि मानकों के अनुसार टीम बनाकर आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा भी करें। साथ ही आपदा प्रबंधन विभाग के तहत प्रत्येक गांव में दो-दो लोगों को प्रशिक्षित किया जाए। ताकि आपदा की स्थिति में वे राहत एवं बचाव कार्य कर सकें। इस अवसर पर जिलाधिकारी विनोद कुमार सुमन, एसपी प्रीति प्रियदर्शनी, अनिल कुमार चन्याल, जीएस पांगती, नंदकिशोर जोशी, जेपी जोशी आदि अधिकारी मौजूद थे।

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