Move to Jagran APP

32 करोड़ से बदलेगी बैजनाथ झील की तस्वीर

स्वदेश दर्शन हैरिटेज योजना सर्किट इन कुमाऊं के तहत बैजनाथ झील की कायाकल्प होने जा रही है। इसके सुंदरीकरण के लिए केंद्र सरकार ने 32 करोड़ की धनराशि स्वीकृत कर दी है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sat, 04 Mar 2017 11:48 AM (IST)Updated: Sun, 05 Mar 2017 07:00 AM (IST)
32 करोड़ से बदलेगी बैजनाथ झील की तस्वीर
32 करोड़ से बदलेगी बैजनाथ झील की तस्वीर

 बागेश्‍वर, [देवेंद्र पांडेय]: कुमाऊं के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की पहल अब रंग लाने लगी है। स्वदेश दर्शन हैरिटेज योजना सर्किट इन कुमाऊं के तहत बैजनाथ झील की कायाकल्प होने जा रही है। इसके सुंदरीकरण के लिए केंद्र सरकार ने 32 करोड़ की धनराशि स्वीकृत कर दी है। कार्यदायी संस्था को पचास फीसद धनराशि जारी हो गई है। जल्द झील के दिन बहुरेंगे।

loksabha election banner
बैजनाथ झील को विश्व पर्यटन को जोड़ने की कवायद लंबे समय से चल रही थी। अब यह सपना सच होने जा रहा है। सिंचाई विभाग की जमीन पर बने इस कृत्रिम झील के सुंदरीकरण के लिए केंद्र ने स्वदेश दर्शन हैरिटेज इन कुमाऊं योजना के तहत 32 करोड़ रुपया स्वीकृत किया है। 
कार्यदायी संस्था कुमाऊं मंडल विकास निगम को पचास फीसद धनराशि स्वीकृत हो गई है। इस धनराशि से यहां हर्बल गार्डन, पार्क, पार्किंग निर्माण, व्यू प्वाइंट, जेटी निर्माण, लाइट एंड साउंड लगाए जाएंगे। इस योजना को पंख लगाने के लिए जिला पर्यटन विभाग की भूमिका अहम है। योजना स्थल चयन के बाद एनओसी भी विभाग ने दिलवाई। अब इसे मूर्त रूप दिया जाएगा।
मालूम हो कि बैजनाथ कुमाऊं के स्वीट्जरलैंड कहे जाने वाले कौसानी से 18 दूरी पर स्थित इस झील को देखने हर साल हजारों की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। इसकी कायाकल्प होते ही इनकी संख्या में भी इजाफा होगा। इससे यहां रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और पलायन पर भी रोक लगेगी।
चार स्थल हुए चयन
स्वदेश दर्शन हैरिटेज सर्किट इन कुमाऊं योजना के तहत चार स्थल चयनित हुए हैं। इन्हें विश्व पर्यटन मानचित्र में प्रमुखता से स्थान मिलेगा। योजना में देवीधुरा चम्पावत, अल्मोड़ा के जागेश्वर, कटारमल तथा बागेश्वर के बैजनाथ को शामिल किया गया है।
साहसिक पर्यटन का हो चुका है प्रशिक्षण
बैजनाथ कृत्रिम झील में पर्यटन विभाग ने जनवरी में साहसिक पर्यटन का प्रशिक्षण करा दिया है। इसमें एंगलिंग, कयाकिंग शामिल है। इसके लिए स्थानीय लोगों को प्रशिक्षण दिया गया। अल्मोड़ा और चम्पावत से प्रशिक्षण मौजूद रहे। इसके अलावा बैजनाथ से कौसानी के पारंपरिक रूट को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए दिसंबर में विभाग के साथ जिला स्तरीय अधिकारियों ने पैदल मार्च किया। इसे लोगों द्वारा काफी सराहा गया। अब झील की कायाकल्प का इंतजार है।
क्षेत्र में साहसिक पर्यटन की हैं अपार संभावना  
बागेश्वर की जिला पर्यटन विकास अधिकारी लता बिष्ट का कहना है कि क्षेत्र में साहसिक पर्यटन की अपार संभावना है। कयाकिंग तथा एंगलिंग के माध्यम से पर्यटकों को यहां जोड़ा जा सकता है। इसमें रोजगार भी जुड़ा है। झील की कायाकल्प के लिए केंद्र से 32 करोड़ रुपये स्वीकृत हो चुके हैं। कार्यदायी संस्था केएमवीएन होगी।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.