रोमांचित करेगा महाभारत और एडवेंचर सर्किट
पर्यटन विभाग ने केंद्र पोषित योजना 'प्रसाद' के तहत इस क्षेत्र में महाभारत सर्किट बनाने का निर्णय लिया है। इसके अलावा बदरीनाथ क्षेत्र में भी पर्यटन सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
देहरादून, [सुमन सेमवाल]: दून के चकराता, देवबन, त्यूणी व लाखामंडल क्षेत्र में धूमिल पड़ चुके महाभारत काल के ऐतिहासिक निशां फिर से जीवंत हो उठेंगे। पर्यटन विभाग ने केंद्र पोषित योजना 'प्रसाद' के तहत इस क्षेत्र में महाभारत सर्किट बनाने का निर्णय लिया है। इसके अलावा योजना में बदरीनाथ क्षेत्र में भी पर्यटन सुविधाएं विकसित की जाएंगी और कुछ अन्य चयनित क्षेत्रों में स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत एडवेंचर सर्किट भी बनाया जाएगा। इस दिशा में अहम कदम बढ़ाते हुए पर्यटन विभाग ने लुइट वैली इंजीनियरिंग प्रा.लि. का चयन प्रोजेक्ट सपोर्ट कंसल्टेंट्स के रूप में किया है।
पर्यटन विभाग के निदेशक (अवस्थापना) आरके जोशी के मुताबिक केंद्र सरकार से प्रसाद व स्वदेश दर्शन योजना में 100 करोड़ रुपये तक की राशि मिलनी है। इसी के अनुसार 30 दिन के भीतर केंद्र सरकार को कॉन्सेप्ट प्लान भेजा जाएगा। इसे स्वीकृति मिलते ही कंसल्टेंट कंपनी के माध्यम से एक माह के भीतर डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) भी जमा कर दी जाएगी। डीपीआर स्वीकृति के बाद कार्य के लिए तीन वर्ष की अवधि तय की गई है। इस अंतराल में तमाम कार्यों को उनकी प्राथमिकता के आधार पर पहले, दूसरे व तीसरे वर्ष में पूरा किया जाएगा।
इस तरह परवान चढ़ेगी योजना
महाभारत सर्किट
देहरादून के चकराता, देवबन, त्यूणी व लाखामंडल में पांडवों के प्रवास के दौरान की जानकारी संकलित की जाएगी। इन्हें विभिन्न स्थानों पर दस्तावेज के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा। इन स्थानों पर विभिन्न तरह की यात्री सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी और गाइड तैयार करने की भी योजना है। इसके अलावा पांडवों के स्वर्गारोहण के साक्षी बने स्वार्गरोहिणी स्थल, ऊखीमठ में श्रीकृष्ण के पुत्र अनिरुद्ध के विवाह की मान्यता वाले स्थल, हरिद्वार क्षेत्र में भीम के नाम पर भीमगौड़ा नाम वाले स्थल को पर्यटन केलिहाज से विकसित किया जाएगा।
बदरीनाथ सर्किट
पार्किंग व्यवस्था को आधुनिक बनाया जाएगा, घाटों का पुनर्निर्माण कर उनके एक रूपता लाई जाएगी।
एडवेंचर सर्किट
पहले चरण में उत्तरकाशी जनपद में नालौंग वैली, दयारा बुग्याल, हरकी दून, मोरी क्षेत्र में हेली टूरिज्म को विकसित करने के साथ ही अन्य संसाधन बेहतर बनाए जाएंगे। ताकि यात्रियों की संख्या बढ़ाई जा सके। इसके बाद बागेश्वर व पिथौरागढ़ जिले में भी इस तरह की पर्यटन सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
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