बेटी के बुग्गी खींचने का शामली प्रशासन ने लिया संज्ञान, मिली मदद
शामली में परसों लोगों ने 13 वर्ष की मीना को घोड़ा बुग्गी खींचते देखा तो प्रकरण चर्चा में आया। दरअसल बीते कांवड़ मेले के दौरान मीना और उसकी बहन को कोई साधु बहला-फुसला के साथ ले गया।
शामली (जेएनएन)। लोकतंत्र पर एक बेटी ने ऐसा प्रहार किया कि उसके चंद घंटे के अभियान के बाद शामली जिला प्रशासन ने उसकी बुग्गी के लिए एक खच्चर उपलब्ध कराया। शामली में लापता बहन की तलाश के लिए बुग्गी पर अंधे बाप को खींचती बेटी की तस्वीर और खबर दैनिक जागरण आने के बाद उसकी मदद के लिए समाज और प्रशासन दोनों आगे आए।
व्यवस्था की विडंबना ने आखिर सभी को झकझोरा। शामली के डीएम इंद्र विक्रम सिंह व एसपी शामली ने इस मामले का संज्ञान लिया। आनन-फानन में दो घंटे के भीतर बुग्गी खींच रही मीना को खोज निकाला गया। परिवार को फौरन आर्थिक मदद की गई। कई दिनों से भूखे मीना के पिता, बहन और भाई को खाना खिलाया गया। इसके बाद अधिकारियों ने परिवार को खच्चर खरीद कर दिया और फिर उसे बागपत रवाना कर दिया गया। प्रकरण पर राष्ट्रीय महिला और राज्य महिला आयोग ने भी प्रशासन से मामले की जानकारी मांगी है।
यह है प्रकरण
शामली में जब परसों लोगों ने 13 वर्ष की मीना को घोड़ा बुग्गी खींचते देखा तो प्रकरण चर्चा में आया। दरअसल बीते कांवड़ मेले के दौरान मीना और उसकी बहन को कोई साधु बहला-फुसला के साथ ले गया। मीना कुछ दिन बाद लौट आई, लेकिन उसकी बहन खैरूना का कुछ पता नहीं है। परिवार बेहद गरीब है। लापता बच्ची की तलाश में खानाबदोश परिवार दिव्यांग (नेत्रहीन) पिता सलमू के साथ हरिद्वार चला गया। हरिद्वार में बच्ची का कुछ पता न चला, लेकिन उनका खच्चर चोरी हो गया। परिवार के पास लौटने की समस्या थी। कुछ न सूझा तो मीना ने पिता, बहन और भाई को तांगे पर बैठा खींचना शुरू कर दिया। मीना ने सात दिनों में 120 किमी तक बुग्गी खुद खींची। शामली में चर्चा में आने पर दैनिक जागरण ने तस्वीर के साथ खबर प्रकाशित की। इसके बाद सरकारी अमला जागा और गरीब परिवार को मदद मिली।
अमला आया हरकत में
जागरण में प्रकाशित समाचार ने पूरे जिले को हिलाकर रख दिया। डीएम इंद्र विक्रम सिंह के आदेश पर सरकारी अमला तत्काल सलमू के परिवार को खोजने में लग गया। दिल्ली-सहारनपुर मार्ग पर सांई मंदिर के पास इस परिवार को तहसीलदार सदर राकेश त्यागी व नायब तहसीलदार सुरेन्द्र सिंह व इंस्पेक्टर आदर्श मंडी राजकुमार शर्मा ने तलाश लिया। उन्हें चौकी बनत पर लाये। यहां मीना व आरिफ के पैर के फफोलों का उपचार कराया गया। सलमू को उम्मीद नहीं थी कि उनकी मदद को कोई आगे आएगा। खच्चर, खाद्य सामग्री व आर्थिक मदद मिलने पर सलमू की आंखों में आंसू आ गए। मीना व आरिफ खुशी से चहक उठे। पूरे परिवार ने जागरण का शुक्रिया अदा किया।
डीएम बागपत भवानी सिंह खंगारौत ने कहा कि दो अक्टूबर को मीना व उनके पिता के घर अफसरों को भेजा जाएगा। इस दौरान जांच-पड़ताल कराकर उन्हें सरकारी योजनाओं के लाभ दिलवाएं जाएंगे।
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हरिद्वार में छिपा है मासूम खैरूना का अपहर्ता बाबा
कांवड़ यात्रा के दौरान मीना व खैरूना को बहला-फुसलाकर ले जाने वाला बाबा हरिद्वार में ही छिपा है। सलमू की बेटी शकीला व मीना ने इस बाबा को पथरिया रोड पर पकड़ भी लिया था, लेकिन वह खैरूना को लाकर देने का झांसा देकर फरार हो गया। सलमू का कहना है कि यह बाबा हर की पैड़ी व पथरिया रोड पर ही कहीं रहता है। उसके पास खैरूना होने की बात कई चौकीदारों ने कही है।
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इस बारे में सूचना देने पर भी हरिद्वार पुलिस ने उनकी कोई मदद नहीं की और भगा दिया। सलमू ने बताया कि वे लोग हरिद्वार में खैरूना व बाबा को तलाशते रहे। एक आश्रम में उन्होंने खैरूना का फोटो दिखाया तो उन्होंने उसे देखने व एक बाबा के पास होने की बात कही।
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सलमू के अनुसार, जब वह बताए गए स्थान पर गए तो उन्हें आरोपी बाबा मिल गया। उन्होंने उसे पकड़ लिया और खैरूना को वापस देने को कहा। मीना ने बताया कि खैरूना को ले आने की बात कह कर निकल गया, फिर नहीं लौटा।
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