दारुल उलूम का फतवा, विग लगाकर वजू जायज नहीं
फतवे में स्पष्ट किया है कि अगर आदमी के अपने ही बाल शरीर के किसी हिस्से से दूसरे हिस्से पर इस तरह जड़ दिए जाएं कि वे उतर न सकें। ऐसी स्थिति में गुसल व वजू जायज है।
सहारनपुर (जेएनएन)। दारुल उलूम देवबंद सहारनपुर ने सिर, दाढ़ी या मूंछों पर बनावटी बाल (बिग) लगे होने पर वजू और गुसल करने को नाजायज करार दिया है। मौजूदा दौर में बनावटी बालों के बढ़ते चलन को देखते हुए दारुल उलूम ने यह फतवा जारी किया है।
फतवे में स्पष्ट किया है कि अगर आदमी के अपने ही बाल शरीर के किसी हिस्से से दूसरे हिस्से पर इस तरह जड़ दिए जाएं कि वे उतर न सकें। ऐसी स्थिति में गुसल व वजू जायज है।
दरगाह आला हजरत से हराम करार दिया गया पोकेमॉन गेम
अगर दूसरे आदमी या अन्य प्रकार के बनावटी बाल अपने शरीर के किसी हिस्से पर विशेष तौर पर सिर, मूंछों, दाढ़ी पर लगाए तो यह जायज नहीं होगा।
फतवे पर मुफ्ती अरशद फारुकी ने कहा की मौजूदा दौर मे बीमारी या अन्य कारणों के चलते बालों का झडऩा आम बात है। बहुत से लोग बनावटी बाल का प्रयोग करते हैं।
देवबंद का नया फतवा: ‘गैरकानूनी’ और ‘हराम’ है ‘कन्या भ्रूणहत्या’
उन्होंने बताया कि यदि किसी लड़के या लड़की के सिर पर बाल नहीं है तो रिश्ते के समय यह बात स्पष्ट बताई जानी चाहिए। इस प्रकार की कमी को छुपाकर रिश्ता किया जाता है तो वह धोखेबाजी होगी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।