Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    देवबंद का नया फतवा: ‘गैरकानूनी’ और ‘हराम’ है ‘कन्‍या भ्रूणहत्‍या’

    By Monika minalEdited By:
    Updated: Thu, 09 Jun 2016 02:02 PM (IST)

    देवबंद के द्वारा जारी किए गए नए फतवेे के अनुसार, कन्‍या भ्रूण हत्‍या गैरकानूनी है अौर इस्‍लाम का आदेश है कि बेटियों के साथ दुर्व्‍यवहार 'गुनाह' है।

    लखनऊ। देश के प्रमुख इस्लामी शिक्षण संस्थान दारूल उलूम देवबंद ने नया फतवा जारी किया है जिसमें कन्या भ्रूणहत्या को ‘गैरकानूनी’ और ‘हराम’ माना गया है। इसके अनुसार, इस्लाम की नजर में गर्भपात कराना कत्ल करने के बराबर बड़ा गुनाह है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    संस्था के प्रवक्ता, अशरफ उस्मानी ने कहा, ‘हाल में हुए जनगणना के आंकड़ों के अनुसार लिंग अनुपात में काफी कमी देखी गयी, यहां तक कि मुस्लिम समुदाय में भी। इसके जवाब में ही सेमिनरी ने यह फतवा जारी किया है।‘

    किसी ने संस्था से सवाल किया, ‘क्या इस्लाम/कुरान/हादिथ में गर्भपात/लिंगानुसार चुनिंदा गर्भपात/ कन्या भ्रूण हत्या के बारे में कुछ कहा गया है?। बेटियों के प्रति किसी कर्तव्य के बारे में इस्लाम क्या कहता है? गर्भ में पल रही हों या घर में पल रही बेटियों के प्रति दुर्व्यवहार के लिए किसी तरह का दंड है?’

    आतंकी गतिविधियों की आशंका से देवबंद में हाई अलर्ट

    इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, फतवे में कहा गया है कि बेटियां अल्लाह का दिया वरदान हैं और अल्लाह ने उनकी कद्र करने का हुक्म दिया है। गर्भ के चार महीने हो जाने के बाद गर्भपात को हराम व गैरकानूनी बताते हुए दारुल उलूम के फतवा विभाग दारुल इफ्ता ने कहा कि पहले लोग जिंदा बेटियों को दफन कर देते हैं जो कुरान में सख्त गुनाह बताया गया है।

    मौलाना अब्दुल कासिम नोमानी ने कहा, ‘इस मामले का यह पहला फतवा नहीं है। ऐसे सैंकड़ों फतवे जारी किए जा चुके हैं और इस सीरीज में यह नया फतवा है।‘

    दारुल उलूम देवबंद के फतवा विभाग 'दारुल इफ्ता' द्वारा 6 जून को जारी किए फतवे में कहा गया है कि इस्लाम की शुरुआत से पहले लोग अपनी बच्चियों को ज़िन्दा दफन कर दिया करते थे। कुरान शरीफ में इसकी सख्त निन्दा की गई है, और इस्लाम में गर्भपात करवाना अवैध और हराम है।

    देवबंद से जैश-ए-मोहम्मद एक आतंकी गिरफ्तार, दो पर शिकंजा