कर्मचारियों की हड़ताल से चरमराईं यूपी की सार्वजनिक सेवाएं, आठ की मौत
राज्य कर्मचारियों की हड़ताल के चलते मंगलवार को सरकारी दफ्तरों में कामकाज ठप रहा। सरकारी कार्यालयों के गेटों को बंद किए जाने से कोई भी कर्मचारी परिसर में नहीं घुस सका।
लखनऊ (जेएनएन)। राज्य कर्मचारियों की हड़ताल ने आठ मरीजों की जान ले ली। जबकि हजारों मरीज उपचार के अभाव में सांसत में रहे। कई जगह तीमारदारों ने तोडफ़ोड़ की और परिजन की मौत पर जमकर हंगामा काटा। उधर, सरकारी दफ्तरों में कामकाज ठप रहा। लखनऊ स्थित जवाहर भवन व इंदिरा भवन के सभी गेटों को बंद किए जाने से कोई भी कर्मचारी परिसर में नहीं घुस सका। कलक्ट्रेट में भी पूर्ण बंदी रही। लखनऊ विश्वविद्यालय में बंद का मिलाजुला बंद रहा। नगर निगम मुख्यालय समेत अन्य कार्यालयों में भी बंदी रही।
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लखनऊ में इलाज के अभाव में पांच लोगों ने दम तोड़ दिया। चिनहट बाजार निवासी सावित्री (28) गर्भवती थीं। उनकी सुबह नौ बजे हालत गंभीर हो गई। मां अमरावती उन्हें लेकर स्थानीय सीएचसी पहुंची। जहां कर्मचारियों ने हड़ताल का हवाला देकर मरीज को वापस कर दिया। ऐसे में परिजन सावित्री को लेकर लोहिया अस्पताल पहुंचे। इमरजेंसी पहुंचे ही सावित्री ने दम तोड़ दिया। वहीं इंदिरा नगर सेक्टर ई ब्लॉक निवासी अजीज हुसैन (29) तेज बुखार से पीडि़त थे। दोपहर में परिजन अजीज को लेकर लोहिया अस्पताल पहुंचे। हड़ताल के चलते मरीज को भर्ती करने में देरी हो गई। इलाज के अभाव में अजीज ने दम तोड़ दिया।
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वहीं बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती पीलिया से ग्रसित रजनी, बुखार से पीडि़त अमरदीप की मौत हो गई। वहीं सीएचसी मलिहाबाद में इलाज न मिलने से डफरिन पहुंची गर्भवती सरोज के बच्चे की पेट में ही मौत हो गई। अस्पतालों में 136 ऑपरेशन टल गए तो बीस हजार रक्त जांचें नहीं हुईं। वहीं, इलाज न मिल पाने से मृत लोगों के परिवारीजनों ने लखीमपुर में शवों को लेकर लोगों ने डीएम दफ्तर पर प्रदर्शन किया। फैजाबाद में इलाज के अभाव में बालक की मौत हो जाने पर परिवारीजनों ने हंगामा किया। इसके अलावा गोंडा, बहराइच, रायबरेली, अमेठी, बलरामपुर, सुलतानपुर व अंबेडकरनगर सहित सभी जिलों में हड़ताल का व्यापक असर रहा।
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इलाहाबाद में तमाम मांगों को लेकर लंबे समय से लड़ाई लड़ रहे फार्मासिस्ट और नर्सें मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली गईं। इस कारण स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित रहीं। प्रतापगढ़ में भी ये सेवाएं प्रभावित रहीं। वाराणसी के मंडलीय व महिला अस्पताल में ऑपरेशन ठप रहे तो दवा का वितरण भी नहीं हुआ। महिला अस्पताल से प्रसव के लिए आई महिलाओं को बीएचयू रेफर कर दिया गया। वहीं पं. दीनदयाल अस्पताल में डॉक्टरों ने खुद कमान संभाली। दोपहर में व्यवस्था सुचारू करने के लिए सभी अस्पतालों में सीएमओ की ओर से अतिरिक्त स्टाफ संबद्ध किए गए। इसके अलावा लेखपालों व आंगनबाड़ी का कई दिनों से चल रहा धरना यथावत जारी रहा।
महाहड़ताल के कारण आज यूपी के सरकारी दफ्तरों में सन्नाटा, सड़कों पर कर्मचारी
गोरखपुर और बस्ती में लेखपालों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, वाहन चालकों, आगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा बहुओं, फार्मासिस्टों, लैब टेक्निशियन और कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर विभिन्न विभागों में आंदोलन के चलते सरकारी कामकाज पर व्यापक असर रहा। दोपहर बाद करीब-करीब सभी अस्पतालों में सिर्फ डॉक्टर रहे। फार्मासिस्टों के आंदोलन के कारण दवा देने वाला कोई नहीं मिला।
बुंदेलखंड समेत मध्य यूपी के सभी जिलों में फार्मासिस्टों के हड़ताल पर जाने के कारण भीषण बीमारियों के इस समय में मरीजों को खासी दिक्कत हुई। वार्ड ब्याय मरीजों को इंजेक्शन लगा रहे और ड्रिप भी चढ़ा रहे हैं। महोबा, हमीरपुर, बांदा, चित्रकूट, उरई, कन्नौज, फर्रुखाबाद, औरैया, इटावा, फतेहपुर, उन्नाव, कानपुर, कानपुर देहात और हरदोई में हड़ताली कर्मचारियों ने सरकार विरोधी नारे लगाए।
गाजियाबाद में अस्पताल में फार्मासिस्टों एवं लैब टेक्निशियनों की हड़ताल के कारण लगभग चार हजार मरीज परेशान हुए। गेट न खुलने से टीबी एवं बुखार से पीडि़त युवती ने दम तोड़ दिया। आक्रोशित परिजनों ने दो बार जाम लगा दिया। रोडवेज की हड़ताल से यात्रियों को खासी मुसीबत झेलनी पड़ी। वाणिज्य कर विभाग में 11 मोबाइल टीमों का परिचालन बंद रहा। आगरा में हड़ताल से चिकित्सीय सेवाओं, कलक्ट्रेट व अन्य कार्यालयों में काम प्रभावित रहा। जिला अस्पताल में परेशान तीमारदारों ने हंगामा काटा और डॉक्टर्स चैम्बर्स में तोडफ़ोड़ की। पुलिस ने तीमारदारों को हिरासत में ले लिया।
मथुरा, एटा, मैनपुरी, फीरोजाबाद में स्वास्थ्य सेवाएं ठप रहीं। मुरादाबाद में फार्मासिस्टों के हड़ताल पर रहने के कारण जिला चिकित्सालय में दवा नहीं मिलने से 21 दिन के बच्चे की मौत हो गई। नगर निगम में कामकाज ठप रहा। सम्भल, अमरोहा और रामपुर में भी हड़ताल का असर स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ा।
अलीगढ़, हाथरस में विभिन्न विभागों की हड़ताल का असर कामकाज पर दिखा। राजकीय वाहन चालक महासंघ भी दो दिन से चक्का जाम कर रहा है। तीन चालकों को गाड़ी चलाने पर चूडिय़ां पहनाई गईं। शिक्षक कर्मचारी संयुक्त मोर्चा की हड़ताल पूरे जिले में शुरू हो गई है। हापुड़ में आशाओं, आंगनबाड़ी कार्यककर्ताओं ने धरना प्रदर्शन किया। मेरठ में मेडिकल कालेज, जिला अस्पताल, नगर निगम एवं कैनाल सिंचाई में कर्मचारी हड़ताल पर रहे। मरीजों ने इलाज न मिलने पर जिला अस्पताल में तोडफ़ोड़ कर दी। सहारनपुर, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, बागपत और बिजनौर भी में कई विभागों के कर्मचारी हड़ताल पर रहे।
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