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    सुरक्षाकर्मियों को चकमा देकर मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति फरार

    By Nawal MishraEdited By:
    Updated: Fri, 03 Mar 2017 09:54 AM (IST)

    महिला से दुष्कर्म के मामले में आरोपी मंत्री गायत्री प्रसाद यूपी से फरार हैं। वह पुलिस को ढूंढ़े नहीं मिल रहे हैं। वह अपने सुरक्षाकर्मियों को चकमा देकर कहीं निकल गए हैं।

    सुरक्षाकर्मियों को चकमा देकर मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति फरार

    लखनऊ (जेएनएन)। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर प्रदेश सरकार के मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति पर दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज करने के बावजूद वह पुलिस को ढूंढ़े नहीं मिल रहे हैं। वह अपने सुरक्षाकर्मियों को चकमा देकर निकल गए हैं। आइजी एसटीएफ रामकुमार ने बताया कि मंत्री फरार हो गए हैं। लखनऊ की एसएसपी मंजिल सैनी ने कहा कि गायत्री प्रसाद समेत सातों आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए न्यायालय से वारंट लिया जा रहा है और बहुत जल्द उनकी गिरफ्तारी होगी। सूत्रों का दावा है कि इसकी भनक लगने के बाद से गायत्री समेत सातों आरोपियों ने न्यायालय में आत्मसमर्पण की तैयारी तेज कर दी है। इस बीच गायत्री को मिले सुरक्षाकर्मी वापस लौट आये हैं। 

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    पुलिस महानिरीक्षक रामकुमार के अनुसार, गायत्री के सभी मोबाइल फोन स्विच ऑफ हैं। उनके साथ लगे सुरक्षाकर्मी भी अपने मोबाइल बंद मिले। उनकी लोकेशन भी नहीं मिल रही। गायत्री के अमेठी और लखनऊ स्थित दोनों आवासों पर और इनके अलावा भी जहां दबिश पड़ी, वह मिले नहीं। गायत्री पर एक महिला और उसकी पुत्री के साथ सामूहिक दुष्कर्म का आरोप है। महिला ने पुलिस थानों के चक्कर लगाए लेकिन, मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। बाद में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मुकदमा दर्ज किया गया। अब गायत्री की गिरफ्तारी को लेकर विपक्ष के तेवर आक्रामक हो गए हैं। गायत्री को अमेठी और शासन से सुरक्षा मिली थी। सुरक्षा वापस लेने का एसएसपी का पत्र पहुंचने के बाद सुरक्षाकर्मी वापस लौट आये हैं। कहा जा रहा है कि सुरक्षाकर्मियों को चकमा देकर गायत्री फरार हो गये हैं। 

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    गुडग़ांव में मिली लोकेशन

    पुलिस सूत्रों का दावा है कि गायत्री प्रजापति बुधवार रात गुडग़ांव स्थित अपने फ्लैट में पहुंचे और गुरुवार को दिनभर वहीं रहे। उनके यह ठिकाना भी बदलने की आशंका है। गायत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने वाली पीडि़ता की पुत्री की हालत खराब है। वह दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती है। आइजी ने कहा कि अब तक तबीयत खराब होने की वजह से उसका बयान दर्ज नहीं हो सका। सूत्रों के मुताबिक अब डाक्टरों ने बयान दर्ज कराने की अनुमति दे दी है। विवेचना में जुटी लखनऊ पुलिस वहां जाकर पीडि़ता का बयान दर्ज करेगी।

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    अकूत संपत्ति के मालिक 

    एसएसपी के मुताबिक, मंत्री गायत्री के लखनऊ में गौतमपल्ली और पार्क रोड स्थित आवास के अतिरिक्त गुडग़ांव, मुंबई समेत अनेक शहरों में दर्जनों फ्लैट और आवास हैं। हालांकि अधिकांश आवास, फ्लैट और संपत्ति गायत्री ने अपने करीबियों के नाम कर रखी है। गिरफ्तारी से बचने के लिए गायत्री और अन्य आरोपी इन फ्लैटों और मकानों में छुप सकते हैं। दर्जनभर से अधिक मकान और फ्लैटों की सूची तैयार कर ली गई है, जिससे गायत्री को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस को दबिश के दौरान ज्यादा मशक्कत न करनी पड़े। गायत्री के शेष मकानों का पता पुलिस लगा रही है। 

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    पीसीएस का बेटा देखता पूरा काम

    पुलिस के मुताबिक, दुष्कर्म के आरोपी विकास वर्मा के पिता टीपी वर्मा पीसीएस अधिकारी हैं। गायत्री का पूरा काम विकास अपने साथी पिंटू सिंह के साथ देखता है। विकास के साथ पिंटू भी दुष्कर्म की एफआइआर में नामजद है। दोनों गायत्री के करीबी हैं। घटना के बाद से इनका भी कुछ पता नहीं चल रहा है। 

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    क्या है मामला
    गौरतलब है कि 18 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गौतमपल्ली थाने में गायत्री प्रसाद प्रजापति समेत सात लोगों पर सामूहिक दुष्कर्म, दुष्कर्म का प्रयास, धमकी, पॉक्सो एक्ट समेत आइपीसी की अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था। महिला ने तहरीर में कहा है कि वह गायत्री प्रसाद प्रजापति से खनन की जमीन के पट्टे के लिए उनके पांच गौतम पल्ली मंत्री आवास पर मिली थी, जहां उन्होंने चाय में नशीला पदार्थ मिला दिया। जिससे महिला बेहोश हो गई और गायत्री समेत सात लोगों ने मिलकर दुष्कर्म किया। महिला ने अपनी नाबालिग बेटी संग दुष्कर्म के प्रयास करने का मामला भी दर्ज कराया था। जिन अन्य लोगों को मुकदमे में नामजद किया गया है वह गायत्री के करीबी हैं, जिसमें विकास वर्मा, चंद्रपाल, रूपेश, आशीष गुप्ता, पिंटू सिंह व अशोक तिवारी शामिल हैं।

    सुरक्षाकर्मियों ने दर्ज कराई आमद 

    गायत्री की सुरक्षा में लगे छह पुलिसकर्मियों व घर पर तैनात तीन पुलिसकर्मियों ने  अमेठी पुलिस लाइन में अपनी आमद दर्ज कराई। आरआइ ने मामले की जानकारी पुलिस अधीक्षक को दी, जिसके बाद एसपी ने उच्चाधिकारियों को अपनी रिपोर्ट भेज दी है। सुरक्षाकर्मियों का कहना है कि दो दिन से वे सभी मंत्री को खोज रहे है लेकिन, उनका कही अता-पता नहीं चल रहा है। कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति को शासन द्वारा वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई थी जिसमें अमेठी जिले के छह पुलिसकर्मी भी लगे हैं। बताते चले कि एसएसपी लखनऊ मंजिल सैनी ने अमेठी पुलिस अधीक्षक को पत्र भेज कर मंत्री के साथ लगे पुलिसकर्मियों के बारे में जानकारी मांगी थी। गुरुवार को प्रकरण में नया मोड़ आ गया। मंत्री के साथ सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी हेड कांस्टेबिल दशरथ सिंह, कांस्टेबिल अमरनाथ, पवन सिंह, सेतरात व चंद्रभान सिंह पुलिस लाइन पहुंचे। वहीं, मंत्री के आवास पर तैनात अशोक कुमार सरोज, दीपचंद्र प्रजापति, कोडाई राम सरोज व राम कृपाल सिंह ने शाम चार बजे आरआइ के समक्ष पुलिस लाइन में आमद दर्ज करा ली। आरआइ सुरेश प्रताप सिंह ने मामले की जानकारी एसपी को सूचना दी। इस संबंध में पुलिस अधीक्षक अनीस अहमद अंसारी ने बताया कि कैबिनेट मंत्री के साथ लगे अमेठी जिले के छह पुलिसकर्मियों ने गुरुवार को पुलिस लाइन में आमद दर्ज कराई है। सभी का शस्त्र जमा करा लिया गया है। 

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