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    अल्ट्रासोनिक किरण बताएगी टूटी पटरी का हाल, रुकेंगी दुर्घटनाएं

    By Amal ChowdhuryEdited By:
    Updated: Thu, 23 Nov 2017 08:51 AM (IST)

    आरडीएसओ के एडीजी जोगेश सिंह सोंधी ने एक प्रेसवार्ता में बताया कि इन किरणों से टूटी हुई पटरियों की जानकारी मिलते ही अलार्म बजने लगता है।

    अल्ट्रासोनिक किरण बताएगी टूटी पटरी का हाल, रुकेंगी दुर्घटनाएं

    लखनऊ (जागरण संवाददाता)। गर्मी में फैलाव और सर्दियों में पटरियों के सिकुड़ने के कारण होने वाली रेल फ्रैक्चर की घटना को रोकने के लिए जल्द ही अल्ट्रासोनिक किरणों की एक नई तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) ने अल्ट्रासोनिक ब्रोकेन रेल डिटेक्शन (यूबीआरडी) नई तकनीक विकसित की है। दो रेलखंडों में इसका ट्रायल भी शुरू हो गया है।

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    आरडीएसओ के एडीजी जोगेश सिंह सोंधी ने एक प्रेसवार्ता में बताया कि इन किरणों से टूटी हुई पटरियों की जानकारी मिलते ही अलार्म बजने लगता है। इससे लोको पायलट सतर्क हो जाता है। अल्ट्रासोनिक ब्रोकेन रेल डिटेक्शन पर काम कर रहा है। इस तकनीक में अल्ट्रासोनिक किरणों रेल फ्रैक्चरों व जोड़ों की जानकारी दे देती हैं। उन्होंने बताया कि उत्तर मध्य रेलवे के इलाहाबाद डिवीजन और उत्तर रेलवे के मुरादाबाद डिवीजन में इस तकनीक का ट्रायल चल रहा है।

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    ट्रायल के लिए 25-25 किलोमीटर का सेक्शन चुना गया है। जहां इस सिस्टम को लगाया गया है। ट्रायल के जल्द पूरा होने की उम्मीद है। जिसके बाद इनका इस्तेमाल शुरू हो सकेगा। इस तकनीक को भारतीय रेलवे में लागू करने के लिए ने ग्लोबल एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट मंगाए हैं। फर्माें के चयन की प्रक्रिया चल रही है। जो इसके विकास, आपूर्ति, टेस्टिंग और इसे लगाने का काम करेंगी।

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