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    लखनऊ पहुंचे स्वामी ने मायावती पर बोला हमला कहा भ्रष्टाचार की देवी

    By Ashish MishraEdited By:
    Updated: Wed, 10 Aug 2016 07:35 PM (IST)

    बीजेपी में शामिल होने के बाद पहली बार लखनऊ पहुंचे स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि बीएसपी भ्रष्टाचार के दलदल में फंसी है। यहां उपस्थित भीड़ बता रही कि लोगों में बसपा के खिलाफ गुस्सा

    लखनऊ (वेब डेस्क)। दिल्ली में भाजपा में शामिल होने के बाद पहली बार प्रदेश मुख्यालय में आए पूर्व नेता प्रतिपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने दमखम दिखाया। उन्होंने सपा और बसपा को जमींदोज करने तक संघर्ष का ऐलान किया जबकि मोदी और शाह की जमकर तारीफ की। समर्थकों से आह्वान किया कि 22 सितंबर को रमाबाई मैदान में होने वाली रैली में पांच लाख से ज्यादा भीड़ लेकर आयें। स्वामी ने मायावती पर हमला बोलने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी।

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    प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य और भाजपा के पदाधिकारियों की मौजूदगी में भाजपा कार्यालय पहुंचे स्वामी प्रसाद मौर्य का भव्य स्वागत हुआ। एयरपोर्ट से भाजपा दफ्तर पहुंचने में करीब साढ़े तीन घंटे लगे। स्वामी के काफिले में चल रहे वाहनों में असलहों से लैस लोग भी मौजूद थे। कार्यकर्ताओं ने स्वामी प्रसाद और केशव प्रसाद मौर्य का ढोल-नगाड़े के बीच भव्य स्वागत किया। स्वामी समर्थकों ने आतिशबाजी भी की। अपने उद्बोधन में स्वामी ने मायावती को भ्रष्टाचार की देवी बताया और कहा कि यह उमड़ा जनसैलाब माया के भ्रष्टाचार के प्रति गुस्सा है। मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व में भाजपा में जाने का जो फैसला किया उसका स्वागत भी हुआ है।

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    आजादी के बाद अब तक मोदी जैसा कोई प्रधानमंत्री नहीं हुआ जबकि शाह जैसी संगठन क्षमता किसी के पास नहीं है। उन्होंने मायावती पर टिकटों की बिक्री समेत कई गंभीर आरोप लगाए। कहा कि माया ने दलितों को ठगा। अंबेडकर के मिशन को खत्म किया और कांशीराम के सपनों को लूट लिया। 20 साल तक बसपा में रहा लेकिन जैसे कीचड़ में कमल खिलते हैं, उसी तरह मैं रहा। मेरे ऊपर एक भी दाग नहीं लगा। कहा कि अब उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने से कोई रोक नहीं सकता। स्वामी ने रहस्योद्घाटन किया कि मायावती चाहती हैं कि दलितों का उत्पीडऩ हो। कहा कि जब मैनें खुद और नसीमुद्दीन को दलित उत्पीडऩ वाले मामलों में मौके पर जाने और आंदोलन के लिए अनुमति मांगी तो उन्होंने कहा कि नहीं इन पर जितना ही हमला होगा उतना ही हमारा वोट बैंक मजबूत होगा।

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    वह पैसे की हवस में दलितों और पिछड़ों के हक को थैलीशाहों को परोस रही हैं। इसीलिए मैंने भाजपा में जाने का फैसला किया। उन्होंने सपा को गुंडों की सरकार बताया और कहा कि पूरे प्रदेश में हाहाकार मचा है। विकास कार्य ठप हो गए हैं। राजनीतिक मर्यादा तार-तार हो गयी है। लोहिया जिंदा होते तो सपा की सरकार को बर्खास्त कर देते या फिर आत्महत्या कर लेते। उन्होंने कहा कि मोदी जिस तरह काम कर रहे हैं उससे लगता है कि भगवान बुद्ध का संदेश अमलीजामा ले रहा है। मुस्लिम समाज के लोग भाजपा में शामिल होने को तैयार हैं। सभा को संबोधित करते हुए केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि भाजपा अपने मिशन को पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि सपा परिवार को यहां से विदा कर सैफई भेजना है।

    22 की रैली में लोकतांत्रिक बहुजन मंच का होगा विलय

    स्वामी प्रसाद मौर्य ने लोकतांत्रिक बहुजन मंच के बैनर तले 22 सितंबर को रमाबाई मैदान में रैली आयोजित करने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा कि मंच का अलग से कोई वजूद नहीं है। यह रैली के दिन भाजपा में शामिल हो जाएगा। बुधवार को स्वामी ने अपने साथ भाजपा में शामिल होने वालों की लंबी सूची पढ़ी। इसमें विधायक उदयलाल मौर्य, पूर्व विधायक अनिल मौर्य, रिटायर्ड आइएएस प्रभुदयाल श्रीवास, मेरठ के पूर्व सपा विधायक हरपाल सैनी, पूर्व विधायक डॉ. सिद्धार्थशंकर, पूर्व मंत्री जयपाल सिंह, भगवती प्रसाद सोनकर, दिनेश शाक्य, अजय यादव समेत सैकड़ों प्रमुख लोगों के नाम गिनाए।

    स्वामी को सिर्फ मोदी और शाह की ही अगुवाई कबूल

    स्वामी प्रसाद मौर्य के बसपा छोडऩे पर मायावती ने कहा था कि अगर वह भाजपा में गये तो उन्हें केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में काम करना पड़ेगा। बुधवार को स्वामी प्रसाद भाजपा मुख्यालय पहुंचे तो वह मायावती की उस टिप्पणी से उबर नहीं पाये थे। तभी तो उन्होंने बार-बार साबित करने की कोशिश की कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की अगुवाई में ही काम करेंगे। इसीलिए दिल्ली में उन्होंने भाजपा की सदस्यता भी ली। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य और उनके पदाधिकारी भी स्वामी की मंशा को भांप लिए गए थे। इसीलिए संचालक पहले केशव को माल्यार्पण कराते और फिर स्वामी प्रसाद को। स्वामी ने समर्थकों की लंबी सूची गिनाते हुए प्रदेश अध्यक्ष से कहा कि रैली के लिए उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष से अनुमति ले ली है। वह रैली की तैयारी के लिए जिलों और कई मंडलों में बैठक कर समर्थकों को भाजपा की सदस्यता दिलाना चाहते हैं। इसके लिए प्रदेश से पदाधिकारी भेजे जाएं। केशव ने अपने उद्बोधन में साफ कर दिया कि अब अलग-अलग बैठक और आयोजन नहीं होंगे। जिसे सदस्यता दिलानी है मुख्यालय पर दिला दी जाएगी। कहा कि हम सब एक परिवार हैं और 22 सितंबर की रैली के लिए भाजपा पूरा जोर लगाएगी। स्वामी प्रसाद ने केशव प्रसाद और भाजपा पदाधिकारियों को धन्यवाद दिया कि उनके कई घंटे देर पहुंचने के बावजूद उनके समर्थकों को सलीके से संभाले रखे। स्वामी यह कहकर दर्शाना