गायत्री प्रजापति के साथ आरोपियों में मजिस्ट्रेट का बेटा और अधिकारी
मंत्री गायत्री प्रजापति समेत सातों आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए शुक्रवार तड़के पुलिस ने चार लोगों के आवास पर दबिश दी लेकिन सभी फरार मिले।
लखनऊ (जेएनएन)। दुष्कर्म की एफआइआर में नामजद मंत्री गायत्री प्रजापति समेत सातों आरोपियों की 17 जुलाई, 2016 को महिला संग मंत्री आवास पर लोकेशन मिलने के बाद शुक्रवार तड़के पुलिस ने चार लोगों के आवास पर दबिश दी लेकिन, सभी फरार मिले। गायत्री समेत सभी आरोपियों के मोबाइल फोन बंद हैं और वे अंडरग्राउंड हो गए हैं। अधिकारियों के मुताबिक आरोपियों के विदेश भागने की आशंका के मद्देनजर बाहर जाने के सभी विंदुओं पर निगरानी सख्त कर दी गई।
एसएसपी मंजिल सैनी के मुताबिक, गायत्री संग एफआइआर में नामजद आलमबाग निवासी विकास वर्मा लखनऊ में तैनात अपर नगर मजिस्ट्रेट टीपी वर्मा का बेटा है। मडिय़ांव के सीतापुर रोड योजना निवासी चंद्रपाल उनका शैडो है। सरवनपुर अमेठी निवासी अशोक तिवारी लेखपाल है। रजनीखंड शारदानगर आशियाना निवासी रूपेश्वर उर्फ रूपेश सचिवालय में अतिरिक्त निजी सचिव के पद पर तैनात है। नौबस्ता कानपुर निवासी आशीष शुक्ला ठेकेदार हैं। विकासखंड गोमतीनगर निवासी अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह गायत्री का अमेठी से क्षेत्र प्रतिनिधि है। वह जमीन से लेकर अन्य सारा कारोबार भी देखता है।
गौरतलब है कि 18 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गौतमपल्ली थाने में गायत्री प्रजापति समेत सात लोगों पर सामूहिक दुष्कर्म, दुष्कर्म का प्रयास, धमकी, पॉक्सो एक्ट समेत आइपीसी की अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था। महिला ने तहरीर में कहा है कि तीन वर्ष पूर्व वह गायत्री प्रसाद प्रजापति से खनन की जमीन के पट्टे के लिए उनके पांच गौतमपल्ली मंत्री आवास पर मिली थी, जहां उन्होंने चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर दिया। जिससे महिला बेहोश हो गई और गायत्री समेत सात लोगों ने मिलकर दुष्कर्म किया। महिला ने अपनी नाबालिग बेटी संग दुष्कर्म के प्रयास करने का मामला भी दर्ज कराया था। जिन अन्य लोगों को मुकदमे में नामजद किया गया है वह गायत्री के करीबी हैं, जिसमें विकास वर्मा, चंद्रपाल, रूपेश, आशीष गुप्ता, पिंटू सिंह व अशोक तिवारी शामिल हैं।
मजिस्ट्रेट ने कहा बेटे को गिरफ्तार करो
एसएसपी मंजिल सैनी के मुताबिक उन्होंने विकास के संबंध में एसीएम पांच टीपी वर्मा से जानकारी ली, जिसपर एसीएम ने बताया कि विकास से उनका कोई मतलब नहीं है और न ही वह उनके संपर्क में हैं। उन्होंने बताया कि एसीएम ने बेटे को गिरफ्तार करने के लिए भी कहा।
सरकारी कर्मियों के निलंबन के लिए पत्र
एसएसपी के मुताबिक आरोपी लेखपाल अशोक तिवारी, शैडो (मुख्य आरक्षी) चंद्रपाल और सचिवालय अधिकारी रूपेश उर्फ रूपेश्वर के निलंबन के लिए संबंधित विभागों को पत्र लिखे गए हैं। एसएसपी मंजिल सैनी ने बताया कि एफआइआर में नामजद चार आरोपियों के घर पर दबिश दी गई थी, सभी फरार हैं। शनिवार को सातों आरोपियों का न्यायालय से गैर जमानती वारंट ले लिया जाएगा। जिसके बाद गायत्री समेत सातों आरोपियों के आवासों और संभावित ठिकानों पर दबिश देकर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।
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