Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    अखिलेश ने दीपावली से पहले फोड़ा बम, शिवपाल को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जगह नहीं

    By Dharmendra PandeyEdited By:
    Updated: Tue, 17 Oct 2017 10:01 AM (IST)

    आज समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी जारी की गई। इसमें पूर्व कैबिनेट मंत्री तथा इटावा के जसवंतनगर से विधायक शिवपाल सिंह यादव को जगह नहीं मिली ह ...और पढ़ें

    अखिलेश ने दीपावली से पहले फोड़ा बम, शिवपाल को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जगह नहीं

    लखनऊ (जेएनएन)। समाजवादी पार्टी के संरक्षक तथा पिता मुलायम सिंह यादव का आशीर्वाद मिलने के बाद से राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव खुलकर बल्लेबाजी करने लगे हैं। आज उन्होंने समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सूची जारी की। इस सूची में शिवपाल सिंह यादव को स्थान नहीं मिला है। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

     

    दीवापली से पहले पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी जारी कर बड़ा बम फोड़ा है। आज समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी जारी की गई। इसमें पूर्व कैबिनेट मंत्री तथा इटावा के जसवंतनगर से विधायक शिवपाल सिंह यादव को जगह नहीं मिली है।

     

    अखिलेश यादव को पांच साल के लिए समाजवादी पार्टी की कमान मिलने के बाद अब पार्टी की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी घोषित कर दी गई। आगरा में अध्यक्ष चुने जाने के बाद अखिलेश यादव को मुलायम सिंह यादव और शिवपाल सिंह यादव ने आशीर्वाद देकर संकेत देने का प्रयास किया था कि  परिवार में अब सब कुछ सामान्य है।

     

    आज अपने आवास पर शिवपाल ने समर्थकों से कहा कि परिवार एक है और सब लोग एक साथ दीवाली मनाएंगे, लेकिन इसके कुछ ही देर बाद घोषित राष्ट्रीय कार्यकारिणी में उनका नाम नहीं शामिल होने से साफ है कि वह अलग-थलग पड़ गए हैैं। पार्टी का संरक्षक रहे मुलायम सिंह यादव का नाम भी सूची में नहीं है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने इस बारे में कोई टिप्पणी न करते हुए कहा कि पार्टी के संविधान में संरक्षक का प्रावधान नहीं है। 

     

    कार्यकारिणी में अखिलेश ने अपने पिता और पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के करीबियों का खास ध्यान रखा है। मगर, वो अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव को पूरी तरह भूल गए हैं। शिवपाल अभी तक पार्टी का हिस्सा हैं। इस लिस्ट के जरिए अखिलेश यादव ने उन्हें घोषित रूप से किनारे कर दिया है। 

    इस 55 सदस्यीय कार्यकारिणी में एक महीने पहले ही पार्टी में शामिल इंद्रजीत सरोज को राष्ट्रीय महासचिव जैसा महत्वपूर्ण पद प्रदान किया गया है जबकि शिवपाल सिंह यादव को इसमें सदस्य तक नहीं बनाया गया है।

    यह भी पढ़ें: भाजपा के लिए उपचुनाव भी मिशन-2019 की कसौटी

    आज जारी इस कार्यकारिणी में नया पद सृजित कर प्रोफेसर रामगोपाल यादव को प्रमुख राष्ट्रीय महासचिव प्रदान किया गया है।

    यह भी पढ़ें: किसके पैसे से अयोध्या में बनेगी भगवान राम की मूर्ति: ओवैसी

    अध्यक्ष अखिलेश यादव की सहमति के बाद आज प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने ही इस सूची को जारी किया है। अखिलेश यादव के इस फैसले से परिवार में एका को बड़ा झटका भी लगा है।

     

    शिवपाल सिंह यादव को आज जारी कार्यकारिणी की 55 सदस्यीय सूची में जगह न मिलने से परिवार में एकता के दावों को बड़ा झटका लगा है। संभव है इससे शिवपाल और अखिलेश के बीच तल्खी और बढ़ सकती है। इस सूची में अखिलेश यादव के साथ ही रामगोपाल यादव के भरोसेमंद लोग हैं। किरनमय नंदा पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद पर बरकरार हैं।

    यह भी पढ़ें: गौरव नहीं, हमारी संस्कृति पर कलंक है ताज महल: संगीत सोम

    पार्टी के असली महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव ही हैं। इनके साथ सात राष्ट्रीय महासचिव भी बनाए गए हैं। पार्टी में काफी जूनियर नेताओं के भी महासचिव बनाया गया। सुरेद्र नागर जैसे जूनियर भी महासचिव बनाए गए हैं। इनके साथ ही एक महीने पहले बहुजन समाज पार्टी से आए इंद्रजीत सरोज को भी राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है।  

    यह भी पढ़ें: एक्शन में सीएम योगी आदित्यनाथ, पंचायती राज विभाग के 12 घोटालेबाज निलंबित

    अखिलेश ने अपने पिता मुलायम सिंह के नजदीकी नेताओं को जगह दी है। नई लिस्ट में किरणमय नन्दा, संजय सेठ, मधु गुप्ता, बलराम यादव, राम आसरे विश्वकर्मा और अबु आसिम आज़मी के नाम शामिल हैं। समाजवादी पार्टी के सभी नेता मुलायम सिंह के करीबियों में शुमार किए जाते हैं। अखिलेश की टीम में उनके करीबियों आजम खां, नरेश अग्रवाल, अवधेश प्रसाद को महासचिव के रूप में जगह दी गई है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी को राष्ट्रीय टीम में शामिल करते हुए उन्हें सचिव बनाया गया है, जबकि उपाध्यक्ष के रूप में किरनमय नंदा का कद बरकरार है। बसपा से सपा में शामिल हुए इंद्रजीत सरोज और रमा शंकर विद्यार्थी राजभर को महासचिव बनाकर उन्हें अहमियत दी है। इंद्रजीत सरोज पूर्व मंत्री रहे हैं और बसपा से चार बार विधायक रह चुके हैं। 

    उल्लेखनीय है कि आगरा में हुए सम्मेलन में अखिलेश यादव को पांच साल के लिए अध्यक्ष चुनने के साथ ही उन्हें कार्यकारिणी गठन का अधिकार दिया गया था। सोमवार को जारी सूची में छह विशेष आमंत्रित सदस्यों समेत 55 नाम हैैं। दस महासचिव और दस सचिव बनाए गए हैैं। 

    सपा की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी

    अध्यक्ष- अखिलेश यादव

    उपाध्यक्ष- किरनमय नंदा

    प्रमुख महासचिव- प्रो. राम गोपाल यादव

    महासचिव- मो. आजम खां, नरेश अग्रवाल, रवि प्रकाश वर्मा, सुरेंद्र नागर, बलराम यादव, विशंभर प्रसाद निषाद, अवधेश प्रसाद, इंद्रजीत सरोज, रामजी लाल सुमन, रमा शंकर विद्यार्थी राजभर

    कोषाध्यक्ष- संजय सेठ

    सचिव- जे एंटोनी, रामपूजन पटेल, मधु गुप्ता, कमाल अख्तर, अभिषेक मिश्र, राजेंद्र चौधरी, रमेश प्रजापति, पीएन चौहान, अरुणा कोरी, जावेद आब्दी। 

    सदस्य- जया बच्चन, अहमद हसन, राम गोविंद चौधरी, अबू आसिम आजमी, चंद्र पाल सिंह यादव, जावेद अली खां, नीरज शेखर, एसआरएस यादव, अरविंद कुमार सिंह, राम आसरे विश्वकर्मा, ऊषा वर्मा, जूही सिंह, राम हरी चौहान, राम दुलार राजभर, विनोद सविता, डा. लाखन सिंह पाल, सुदीप रंजन सेन, अरुण दुबे, राजीव राय, संतोष द्विवेदी, जगदीप सिंह यादव, अविनाश कुशवाहा, उज्जवल रमण सिंह, संजय लाठर, राजपाल कश्यप। 

    विशेष आमंत्रित सदस्य- अल्ताफ अंसारी, किसान सिंह सैैंथवार, व्यास गौड़, अक्षय यादव, मो. इकबाल कादरी, शिव कुमार राठौर।