PETN मामले SFSL के डायरेक्टर श्यामबिहारी उपाध्याय सस्पेंड
विधान भवन में संदिग्ध पदार्थ के पीईटीएन होने का मामला तूल पकडऩे के बाद कोई ठोस सबूत नहीं मिले थे। आज एफएसएल के डायरेक्टर श्याम बिहार उपाध्याय को निलंबित कर दिया गया।
लखनऊ (जेएनएन)। एक्सपायर्ड किट से परीक्षण करने के बाद लखनऊ के विधान भवन में संदिग्ध पदार्थ के पीईटीएन होने का मामला तूल पकडऩे के बाद की पुष्टि को लेकर कोई ठोस सबूत नहीं मिले थे। इसके बाद जांच को के बीच खुलासे ने सरकार की मुश्किलें बढ़ाने का काम किया था। इस मामले में आज एफएसएल के डायरेक्टर श्याम बिहार उपाध्याय को निलंबित कर दिया गया।
संदिग्ध पीईटीएन की जांच का पहला पड़ाव ही गलत था। रिपोर्ट जिस किट से पीईटीएन की जाच हुई थी, वह तो एक्सपायर्ड था। इसकी पुष्टि शासन ने अपनी रिपोर्ट में भी कर दी। रिपोर्ट में कहा गया था कि फोरेंसिक लैब हेड श्याम बिहारी उपाध्याय ने सरकार को गुमराह करने का काम किया।
डीजीपी सुलखान सिंह ने श्याम बिहारी उपाध्याय के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। रिपोर्ट में विभागीय कार्रवाही करने की संस्तुति दी गई थी। विधान भवन में संदिग्ध पाउडर को पीईटीएन बताये जाने के मामले में एफएसएल के निदेशक श्याम बिहारी उपाध्याय को निलंबित कर दिया गया है। हितेश अवस्थी को पूरे मामले की जाँच के लिए अधिकारी नियुक्त किया गया है। इस मामले में गुमराह करने का गंभीर आरोप श्याम बिहारी उपाध्याय पर है।
श्याम बिहारी उपाध्याय ने अपने स्तर से कराई गई जाँच में पाउडर को पीईटीएन कहा गया। हैदराबाद एफएसएल की रिपोर्ट ने इसे महज क्वार्टज बताया था। इसके बाद योगी सरकार की बहुत किरकिरी हुई थी।
एक्सपायर हो चुके किट का प्रयोग करके उपाध्याय ने राज्य पुलिस के मुखिया और सूबे की सरकार को गुमराह किया। जांच के लिए प्रयोग की जाने वाली किट मार्च 2016 में ही एक्सपायर हो चुकी थी। डायरेक्टर भ्रम फैलाने के लिए जिम्मेदार हैं, उन्हें मामले की पूरी जानकारी थी।
विधान भवन में में संदिग्ध पाउडर पाए जाने के बाद उसे जाँच के लिए भेज दिया गया था, लेकिन इस जांच को लेकर तब सवाल उठे जब आगरा एफएसएल के अनुसार संदिग्ध पदार्थ पीईटीएन नहीं था। आनन-फानन में इस खबर को नकारते हुए लखनऊ एफएसएल की रिपोर्ट को सही बताया गया था।
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लखनऊ एफएसएल ïको लेकर भी सवाल उठे थे कि जो टीम जांच में शामिल थी वो अनुभवहीन थी। वहीं एफएसएल चीफ के भ्रष्टाचार में शामिल होने की ख़बरें भी थी। इन सभी बातों की पुष्टि रिपोर्ट में हुई और प्रमुख सचिव गृह ने बताया कि इसी आधार पर निदेशक हेड श्याम बिहारी उपाध्याय के खिलाफ कार्रवाई करने की संस्तुति दी गई थी।
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