Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अस्पताल में बच्चों की मौत पर हटाए गए फर्रुखाबाद के डीएम, सीएमओ व सीएमएस

    By Ashish MishraEdited By:
    Updated: Mon, 04 Sep 2017 10:56 PM (IST)

    राज्य सरकार के प्रवक्ता व स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने सोमवार को बताया कि फर्रुखाबाद के जिलाधिकारी रविंद्र कुमार व सिटी मजिस्ट्रेट जयनेंद्र कुमार जैन ने गलत तरह से काम किया है

    अस्पताल में बच्चों की मौत पर हटाए गए फर्रुखाबाद के डीएम, सीएमओ व सीएमएस

    लखनऊ (जेएनएन)। फर्रुखाबाद के जिला महिला अस्पताल में बच्चों की मौत पर गलत तरह से जांच कराने के लिए शासन ने जिलाधिकारी रविंद्र कुमार को पद से हटा दिया है। जांच रिपोर्ट में जिम्मेदार माने गए फर्रुखाबाद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ.उमाकांत और जिला महिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमएस) डॉ.अखिलेश अग्रवाल को भी स्थानांतरित करने के निर्देश दिए गए हैैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें


    फर्रुखाबाद जिला प्रशासन की जांच रिपोर्ट ने दुधारी तलवार का काम किया है। रिपोर्ट में ऑक्सीजन की कमी की बात ने एक तरफ प्रदेश सरकार के लिए गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज जैसी विषम परिस्थिति खड़ी कर दी तो उधर रिपोर्ट के आधार पर कराई गई एफआइआर ने प्रदेश भर के डॉक्टरों को आंदोलित कर दिया है। अब प्रदेश भर के सरकारी डॉक्टर हड़ताल की चेतावनी दे रहे हैं तो उधर शासन ने भी गलत जांच रिपोर्ट तैयार करने वाले अधिकारियों को सबक सिखाने की तैयारी कर ली है। राज्य सरकार के प्रवक्ता व स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने सोमवार को बताया कि फर्रुखाबाद के जिलाधिकारी रविंद्र कुमार व सिटी मजिस्ट्रेट जयनेंद्र कुमार जैन ने गलत तरह से काम किया है, इसलिए उन पर कार्रवाई की जा रही है।


    स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि पूरा मामला मुख्य सचिव राजीव कुमार की जानकारी में है। उन्होंने कार्रवाई करते हुए जिलाधिकारी को स्थानांतरित कर दिया है, जबकि सिटी मजिस्ट्रेट को भी कार्रवाई के दायरे में लाया जाएगा। मंत्री ने दावा किया कि किसी के साथ नाइंसाफी नहीं होने दी जाएगी। हालांकि नाइंसाफी की ही शिकायत लेकर प्रांतीय चिकित्सा सेवा संवर्ग (पीएमएस) एसोसिएशन के पदाधिकारी स्वास्थ्य मंत्री से मिले और कार्रवाई को लेकर विरोध जताया। एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ.अशोक यादव ने बताया कि मेडिकल नेग्लीजेंस यानी चिकित्सकीय लापरवाही का मामला किसी मेडिकल कमेटी के जरिए ही सिद्ध किए जाने का नियम है, जबकि फर्रुखाबाद के मामले में इसका पालन नहीं किया गया।


    डॉ.यादव की आपत्ति इसे लेकर थी कि सिटी मजिस्ट्रेट महज दो घंटे के भीतर फोन से बात करके कैसे जान सकते हैैं कि मौत की वजह क्या थी। डॉ.यादव ने फर्रुखाबाद के सीएमओ डॉ.उमाकांत व जिला महिला अस्पताल के सीएमएस डॉ.अखिलेश अग्रवाल के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने पर विरोध जताते हुए कहा कि ऐसे तो किसी अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा इलाज करना ही मुश्किल हो जाएगा।

    आज पहुंचेगी टीम
    स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डॉ.हुकुम तो एक सहयोगी अधिकारी के साथ मंगलवार को फर्रुखाबाद जिला महिला अस्पताल में जांच के लिए पहुंचेंगे, लेकिन सोमवार को मामले में हलचल तेज होने के बाद संयुक्त निदेशक डॉ.करन सिंह सोमवार को ही फर्रूखाबाद पहुंच गए। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ.पद्माकर सिंह ने बताया कि यह टीम अस्पताल में हुई मौतों की तकनीकी जांच करेगी।