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    सपा में फिर बड़ा घमासान होने की आशंका, 21 को लोहिया ट्रस्ट की बैठक

    By Dharmendra PandeyEdited By:
    Updated: Sun, 17 Sep 2017 03:37 PM (IST)

    लखनऊ में राज्य अधिवेशन से मुलायम सिंह यादव ने लखनऊ में 21 सितंबर को लोहिया ट्रस्ट की बैठक बुलाई है। सबकी निगाहें अखिलेश यादव व रामगोपाल यादव के शामिल ...और पढ़ें

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    सपा में फिर बड़ा घमासान होने की आशंका, 21 को लोहिया ट्रस्ट की बैठक

    लखनऊ (जेएनएन)। विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी में चल रहा घमासान एक बार फिर बड़े बवाल की ओर बढ़ रहा है। पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के लखनऊ में होने वाले राज्य अधिवेशन से पहले पार्टी के सरंक्षक मुलायम सिंह यादव ने लखनऊ में 21 सितंबर को लोहिया ट्रस्ट की अहम बैठक बुलाई है। अब सबकी निगाहें समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव व वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव के बैठक में शामिल होने को लेकर हैं।

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    माना जा रहा है कि पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव इस बैठक में कोई बड़ा निर्णय ले सकते हैं। बैठक में ही समाजवादी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष तथा अखिलेश यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे शिवपाल सिंह यादव पार्टी के सरंक्षक मुलायम सिंह की सहमति से नए मोर्चे का एलान कर सकते हैं।

    लोहिया ट्रस्ट की इस बैठक के लिए मुलायम सिंह यादव ने रामगोपाल यादव, आजम खां, शिवपाल यादव, अखिलेश यादव, भगवती सिंह, धर्मेंद्र यादव, बलराम यादव, दीपक मिश्र, जगपाल सिंह, राम सेवक यादव, राम नरेश यादव व राजेश यादव को पत्र भेज कर आमंत्रित किया है। डेढ़ महीने में दोबारा इस बैठक को बुलाए जाने के पीछे की वजह आपसी खींचतान को माना जा रहा है।

    ट्रस्ट की बैठक में रूटीन के मसलों पर चर्चा होती है लेकिन माना जा रहा है कि मुलायम सिंह इस बैठक में कोई अहम राजनीतिक फैसला कर सकते हैं। शिवपाल सिंह के बयान के बाद लगाए जा रहे हैं कयास हाल ही में मैनपुरी में शिवपाल ने कहा है कि नेताजी का अपमान अब बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। शीघ्र ही कोई फैसला किया जाएगा। हो सकता है, यह फैसला लोहिया ट्रस्ट में कर लिया जाए।

    एक विकल्प सेकुलर फ्रंट के गठन का भी हो सकता है। इसके बैनर तले मुलायम सिंह के लोग अपनी सक्रियता बरकरार रख सकते हैं। मुलायम पहले ही लोकसभा चुनाव से पहले गठबंधन का विरोध कर चुके हैं जबकि अखिलेश गठबंधन की तरफ बढ़ रहे हैं। राष्ट्रपति के चुनाव समेत कई मौकों पर उनकी राय अलग रही है।

    माना जा रहा है कि अब पिता-पुत्र के राजनीतिक रास्ते भी अलग-अलग होंगे। ट्रस्ट में मुलायम के नजदीकियों का बहुमत है। लोहिया ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी मुलायम सिंह और ट्रस्टी सचिव रामगोपाल यादव हैं। इसके अलावा 11 ट्रस्टी हैं। इनमें अखिलेश यादव और बलराम यादव भी हैं। अन्य ट्रस्टी शिवपाल सिंह यादव, आजम खां, भगवती सिंह, दीपक मिश्रा, जगपाल सिंह, रामसेवक यादव, रामनरेश यादव और राजेश यादव हैं। ये सभी मुलायम के नजदीकी माने जाते हैं। ट्रस्ट की पिछली बैठक में अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव नहीं आए थे। इस बार भी आने की संभावना नहीं है।

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    समाजवादी पार्टी के 23 सितंबर को रमाबाई अंबेडकर रैली स्थल में होने वाले प्रदेश सम्मेलन से दो दिन पहले मुलायम सिंह यादव ने 21 सितंबर को लोहिया ट्रस्ट की बैठक बुला ली है। समाजवादी पार्टी में किनारे चल रहे मुलायम सिंह यादव इस बैठक में कोई राजनीतिक फैसला भी ले सकते हैं। शिवपाल सिंह यादव मैनपुरी में इसका संकेत दे चुके हैं। 

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    समाजवादी पार्टी का प्रदेश सम्मेलन 23 सितंबर को लखनऊ और राष्ट्रीय अधिवेशन 5 अक्टूबर को आगरा में होगा। पार्टी की स्थापना के बाद से यह पहला मौका है जब समाजवादी पार्टी के सम्मेलनों में मुलायम सिंह की कोई भूमिका नहीं है। वह पार्टी में हाशिये पर हैं। उन्हें दोबारा राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने की शिवपाल सिंह की मांग पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई। 

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    पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से इस बाबत सवाल किया गया तो उन्होंने इसको टाल दिया। तय है कि पांच अक्टूबर को राष्ट्रीय अधिवेशन में उन्हें दूसरी बार पार्टी का अध्यक्ष चुन लिया जाएगा। ऐसे में अब लग रहा है कि समाजवादी पार्टी में मुलायम सिंह यादव व शिवपाल सिंह यादव के लिए कोई जगह नहीं रहेगी।