Move to Jagran APP

बुलंदशहर कांड में पुलिस ने रात में ही बदले दो बदमाशों के नाम

बुलंदशहर पुलिस की इस हरकत से उत्तर प्रदेश पुलिस के महानिदेशक जावीद अहमद का बयान और कार्रवाई पर सवाल उठने लगे हैं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Mon, 01 Aug 2016 03:39 PM (IST)Updated: Mon, 01 Aug 2016 04:27 PM (IST)

लखनऊ (वेब डेस्क)। बुलंदशहर में गैंग रेप तथा लूट के मामले में पुलिस अभी हवा में तीर मार रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री के अल्टीमेटम के बाद भी पुलिस गंभीर नहीं है। इस मामले में एसएसपी सहित चार बड़े अधिकारी निलंबित हैं, जबकि आज यहां पर नये एसएसपी तथा एसपी सिटी को तैनाती भी दे दी गई है।

loksabha election banner

माना जा रहा है कि कल दबाव के बाद पुलिस ने देर शाम पांच में से तीन संदिग्धों को कांड में लिप्त बताया था, लेकिन देर रात में ही तीन में से दो बदमाशों के नाम बदल लिए गये।

पढ़ें-बुलंदशहर की घटना बेहद शर्मनाक, मिला अहम सुराग : डीजीपी

अब इस मामले में पुलिस का फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है। पुलिस ने यहां पर रातों-रात दो बदमाशों की गिरफ्तारी को बदल दिया है। बुलंदशहर पुलिस की इस हरकत से उत्तर प्रदेश पुलिस के महानिदेशक जावीद अहमद का बयान और कार्रवाई पर सवाल उठने लगे हैं।

पुलिस अधिकारियों ने अपनी गर्दन बचाने के लिए जल्दबाजी में जिन बदमाशों के नामों का खुलासा किया, वह अभी तक बदमाश पुलिस की गिरफ्त में ही नहीं हैं। प्रदेश के डीजीपी ने जिन बदमाशों के नाम लिए, उनकी जगह दूसरे बदमाशों की गिरफ्तारी दिखाई गई है।

पढ़ें- बुलंदशहर गैंगरेप केस में कई अधिकारी सस्पेंड, हिरासत में तीन आरोपी

आश्चर्यजनक यह भी है कि बाबरिया गैंग का नाम लेने वाली पुलिस की गिरफ्त में वो बदमाश हैं जो कि घुमंतू जाति के नहीं है।

सनसनीखेज मामले के खुलासे में फर्जीवाड़ा करते हुए बुलंदशहर के सस्पेंडेड एसएसपी वैभव कृष्ण ने उत्तर-प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को भी गुमराह किया। बुलंदशहर पहुंचे डीजीपी और गृह सचिव को एसएसपी ने बताया कि हिरासत में पांच में से तीन बदमाशों की पीडि़त परिवार ने शिनाख्त की है। डीजीपी ने पत्रकारों को बताया था कि हिरासत में 15 बदमाश हैं।

तस्वीरें: बुलंदशहर की घटना बेहद शर्मनाक, मिला अहम सुराग

जिन बदमाशों के नाम पुलिस महानिदेशक ने बताए थे, वे बुलंदशहर के सुतारी गांव का रईस, हरियाणा के फरीदाबाद का बबलू और पंजाब के भटिंडा का नरेश ठाकुर था। पुलिस ने इसी आधार पर मामले के खुलासे का दावा किया था।

बुलंदशहर की पुलिस ने डीजीपी को जो कुछ बताया सब फर्जी था। दो दिन से बुलंदशहर के एसएसपी वैभव कृष्ण बदमाशों के घुमंतू या बाबरिया गैंग के होने का दावा कर रहे थे। एसएसपी ने बताया था कि वारदात को अंजाम देने वाले अपराधी धुमंतू जनजाति के हैं।

पढ़ें- मुख्यमंत्री अखिलेश का बुलंदशहर कांड पर 24 घंटे का अल्टीमेटम, डीजीपी पहुंचे

दरअसल, पुलिस ने जिन्हें गिरफ्तार दिखाया है वह तीनों बुलंदशहर और पास के रहने वाले हैं। अब एसएसपी के दावे की हवा निकल गई है। इसके बाद डीजीपी का बयान झूठा साबित हो चुका है। पुलिस ने गिरफ्तार तीन में से दो बदमाश बदल दिए हैं।

पुलिस के रिकॉर्ड में अब गिरफ्तार बदमाशों में बुलंदशहर का रईस, हापुड़ का शाहजेब और नोएडा का जबरसिंह है। जिन बदमाशों को पुलिस अब गिरफ्तार बता रही है उनका तो प्रेस कांफ्रेंस में डीजीपी ने जिक्र तक नहीं किया। अब फरीदाबाद के बबलू और भटिंडा के नरेश ठाकुर की गिरफ्तारी से पुलिस क्यों मुकर गई। पुलिस की भूमिका पर अब सवाल उठ रहा है कि डीजीपी जावीद अहमद के जाने के बाद जिला पुलिस ने पूरे मामले की स्क्रिप्ट क्यों बदल दी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.