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    टिकट वितरण में अनदेखी पर बोले अखिलेश, तुरुप के इक्के का इंतजार करें

    By Dharmendra PandeyEdited By:
    Updated: Tue, 04 Oct 2016 08:52 AM (IST)

    मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मीडिया से कहा कि उन्हें समाजवादी पार्टी में टिकट बंटवारे की कोई जानकारी नही है। टिकट बंटवारे में अधिकार के सवाल के में कहा कि मैंने सब अधिकार छोड़ दिए।

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    लखनऊ (वेब डेस्क)। सरकार और सत्ताधारी दल में अंतर्कलह अभी थमी नहीं है बल्कि वर्चस्व की यह लड़ाई और भी बढऩे के आसार हैं। सोमवार को अपने नए कार्यालय भवन के उद्घाटन के मौके पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बेझिझक इसके भरपूर संकेत भी दिये। सपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव की ओर से सोमवार को नौ विधानसभा क्षेत्रों में सपा प्रत्याशियों की घोषणा किये जाने और 17 पार्टी उम्मीदवारों के टिकट बदले जाने के एलान पर अखिलेश ने कहा कि भले ही उन्होंने टिकटों के बंटवारे का अधिकार छोड़ दिया है लेकिन आखिर में जीत उसी की होगी, जो तुरुप का इक्का चलेगा।

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    संदिग्ध परिस्थितियों में अपनी पत्नी सारा की मौत के मामले में सीबीआइ जांच की आंच झेल रहे अमनमणि त्रिपाठी को नौतनवा से सपा प्रत्याशी घोषित किये जाने के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि बतौर मुख्यमंत्री उनका एजेंडा विकास है और यदि यह पार्टी के अंदर की बात है तो हमारी राय आप जानते हैं। अमनमणि मधुमिता हत्याकांड में सजायाफ्ता पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के पुत्र हैं। इस बारे में और कुरेदे जाने पर उन्होंने साफगोई से कहा-'या तो मैं सच बोलूं या पॉलिटिकल हो जाऊं। सच तो यह है कि मैं अपनी कुछ पुरानी आदतें नहीं बदल सकता। इशारा यही था कि दागी छवि के लोगों को सपा का टिकट दिये जाने के विरोध के अपने पुराने स्टैंड पर वह कायम हैं।

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    टिकट बंटवारे में अधिकार मांगने के सवाल पर उन्होंने कहा कि 'मैने सब अधिकार छोड़ दिये हैं। क्या टिकटों के बंटवारे की जानकारी आपको नहीं दी गई? अखिलेश बोले, 'यह मामला मेरी जानकारी में ही नहीं आया, मैं तो कार्यालय का उद्घाटन करने आया था। जब उनसे प्रश्न हुआ कि समाजवादी पार्टी की रथयात्रा कब से शुरू होगी तो उन्होंने कटाक्ष किया कि इसकी जानकारी देने वाली मेल मेरे पास तो आयी नहीं है, हो सकता है आपके (मीडिया) के पास आयी हो।

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    यादव परिवार में बीते दिनों मचे घमासान के दौरान अखिलेश विधानसभा चुनाव के टिकट वितरण में अपनी निर्णायक भूमिका को लेकर बेहद आग्रही थे। मुख्यमंत्री ने कहा वैसे तो वह शतरंज खेलते हैं लेकिन ताश के खेल में वही जीतता है जिसके पास तुरुप का इक्का होता है। जब उनसे पूछा गया कि टिकट वितरण तो हो गया तो वह अर्थपूर्ण मुस्कान के साथ बोले, 'कोई तुरुप का पत्ता चलेगा तो कोई तुरुप का उससे बड़ा पत्ता डालेगा। फिर कहा कि सियासत कोई खेल नहीं है। क्या बसपा को मालूम था कि नेता विरोधी दल पार्टी छोड़कर चले जाएंगे? अपनी बात उन्होंने भेद भरे दो वाक्यों के साथ खत्म की। यह कहते हुए कि 'राजनीति में कल क्या होगा, कोई नहीं जानता। इसलिए तुरुप के इक्के का इंतजार करिये।