उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव में नहीं दिखेगी अखिलेश-राहुल की दोस्ती
यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच बना गठबंधन निकाय चुनाव में चलने की उम्मीद नहीं है।
लखनऊ (जेएनएन)। यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच बना गठबंधन निकाय चुनाव में चलने की उम्मीद नहीं है। यूपी को ये साथ पसंद है, का नारा देने वाले अखिलेश यादव और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी यूपी निकाय चुनाव में एक दूसरे के खिलाफ खड़े दिखाई देंगे। कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया कि निकाय चुनावों में पार्टी अकेले ही मैदान में उतरेगी। हालांकि विधानसभा चुनाव के समय इस गठबंधन के आगे चलने को लेकर उठे सवालों को दोनों नेता टाल गए थे। माना जा रहा है कि कांग्रेस निकाय निकाय चुनाव के जरिए मिशन 2019 को मजबूती देगी । 2019 में लोकसभा चुनाव होने हैं।
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निकाय चुनाव व्यक्तिगत, विचारधारा का नहीं
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजबब्बर ने कहा कि नगर निकाय चुनाव विचारधारा का नहीं, व्यक्तिगत है। निकाय चुनाव पार्टी कार्यकर्ता लड़ते हैं। यदि इसमें गठबंधन किया जाएगा तो निचले स्तर पर कार्यकर्ताओं को निराशा होगी। इसमें गठबंधन को कोई भी नहीं मानेगा। यही नहीं कांग्रेस ने गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर भी तस्वीर साफ़ नहीं है। राजबब्बर गठबंधन के सवाल पर वह कहते हैं कि इसका फैसला तो पार्टी हाईकमान को करना है। बसपा के साथ गठबंधन के सवाल पर राजबब्बर ने कहा कि इस पर भी फैसला पार्टी को ही करना है। उन्होंने कहा कि हम तो उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के लोग हैं जो दिशा निर्देश मिलेंगे उसी के अनुसार काम करेंगे।
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कांग्रेस निकाय चुनाव अपने सिंबल पर लड़ेगी
निकाय चुनाव की फैजाबाद मंडल प्रभारी कांग्रेस विधायक आराधना मिश्रा ने तो बहुत पहले ही अपने मंडल में निकाय चुनाव अकेले लड़ने की तैयारी कर ली है। वह बैठकों के जरिए पिछले एक पखवारे से कार्यकर्ताओं को इसके लिए तैयार करने में लगीं है। शुक्रवार को उन्होंने फैजाबाद में पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉ निर्मल खत्री व नेताओं कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की थी। इसके बाद उन्होंने कहा कि कांग्रेस निकाय चुनाव अपने दम व अपने सिंबल पर लड़ेगी। वह निकाय चुनाव में मौजूदगी दर्ज कराएगी। निकाय चुनाव के जरिए वह 2019 के लोकसभा चुनाव में मजबूती देगी ।
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