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    नसीमुद्दीन बोले 'महारानी' से बड़ा ब्लैकमेलर इस दुनिया में नहीं

    By Nawal MishraEdited By:
    Updated: Sat, 13 May 2017 11:21 AM (IST)

    बसपा से निष्कासित नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने मायावती पर टिकट, मेंबरशिप के नाम पर लोगों की जमीनों का बैनामा कराने का इल्जाम लगाते हुए दुनिया का सबसे बड़ा ब्लैकमेलर बताया।

    नसीमुद्दीन बोले 'महारानी' से बड़ा ब्लैकमेलर इस दुनिया में नहीं

    लखनऊ (जेएनएन)। बसपा से निष्कासित होने के बाद नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने लगातार दूसरे दिन पार्टी सुप्रीमो मायावती पर टिकट, मेंबरशिप के नाम पर लोगों की जमीनों का बैनामा करा लेने का इल्जाम लगाया। उनकी संगठनात्मक क्षमता पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि शहरी निकाय के चुनाव होने हैैं, जिसमें वह पार्षद चुनाव जीतकर दिखाएं। खुद पर टेपिंग ब्लैकमेलर होने केइल्जाम पर पलटवार करते हुए कहा, मैने मायावती से जो सीखा, वह उन्हें लौटाया है। 'महारानी ' (मायावती) से बड़ा ब्लैकमेलर दुनिया में नहीं देखा।

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    गुरुवार को पहले नसीमुद्दीन ने आडियो रिकार्डिंग के जरिये मायावती पर वसूली का इल्जाम लगाया। कुछ देर बाद मायावती ने नसीमुद्दीन को टेपिंग ब्लैक मेलर की उपमा दी और पार्टी का धन हड़पने वाला ठहराया। शुक्रवार को नसीमुद्दीन ने मायावती के हर एक इल्जाम का जवाब दिया। कहा कि मायावती, सतीश चंद्र मिश्र एंड कंपनी और आनंद का तथ्यों के साथ जवाब दूंगा। कहा कि मायावती ने बसपा के सैकड़ों वफादार लोगों को प्रताडि़त कर बाहर निकाला। इसमें बरखूराम, आरके चौधरी, राज बहादुर, जंग बहादुर, सोनेलाल पटेल, रामाधीन बाबू, बाबू सिंह कुशवाहा समेत दो दर्जन लोग शामिल हैैं। 

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    मायावती से बड़ा ब्लैकमेलर नहीं देखा

    नसीमुद्दीन ने कहा कि मैंने मजबूरी में फोन टेप किया, ताकि परिवार को बचा सकूं। मैंने जो आडियो टेप जारी किये, उसमें ब्लैक मेलिंग कहां है? वह मेरी सच्चाई साबित करते हैैं। मायावती से जो कुछ सीखा, वही उनको लौटाया है। नसीमुद्दीन ने वहां मौजूद दो नेताओं का नाम लेकर कहा कि इनके सामने  मायावती ने कहा था कि अपने बेटे को फतेहपुर से चुनाव लड़ा दो। बार-बार मना करने के बाद चुनाव लड़ाया और मुझे प्रचार में नहीं जाने दिया। मायावती ने कहा कि 1990 में बांदा नगर पालिका का चुनाव हार गया, जबकि इस वर्ष वहां कोई चुनाव हुआ ही नहीं। 90 में चुनाव हुआ होगा तो राजनीति से संन्यास ले लूंगा। अगर नहीं हुआ तो मायावती खुद राजनीति से संन्यास ले लें। 

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    कांशीराम की बात क्यों नहीं मानी

    नसीमुद्दीन ने कहा कि मायावती कह रही हैैं कि कांशीराम ने कहा था नसीमुद्दीन ठीक नहीं है, इसको आगे मत बढ़ाना। अर्थ यह हुआ कि कांशीराम जो कहते थे वे उसके विपरीत काम करती थीं। क्योंकि कांशीराम की जीवित रहते वह सिर्फ प्रदेश सचिव थे, उनके स्वर्गवासी होने के बाद राष्ट्रीय महासचिव क्यों  बना दिया? सरकार में 18-18 विभाग क्यों दिये मुझे? नसीमुद्दीन ने कहा कि सच्चाई यह है कि कांशीराम ने कहा था ये (सतीश चंद्र मिश्रा) मिशन चौपट कर देगा। इससे दूर रहना। आज मिश्राजी ने मिशन चौपट कर दिया। तबाह कर दिया उसने। कहा कि कल इन्होंने (मायावती) कह दिया मेरी बेटी नहीं थी। वह क्या जाने औलाद क्या होती है। 

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    सीएम से मांगी सुरक्षा

    नसीमुद्दीन ने कहा कि सच्चाई उजागर होने के बाद बसपा के अपराधियों का गिरोह सक्रिय हो गया है। मायावती मुझ पर, परिवार व समर्थकों पर हमले करा सकती है। कहा कि हाईकोर्ट ने जेड श्रेणी की सुरक्षा दे रखी है, इसलिए सुरक्षा बरकार रखने की मांग करता हूं। कहा कि वह धमकियों से डर नहीं रहे। क्या मुख्यमंत्री से मिलकर सुरक्षा मांगेंगे?  सिद्दीकी ने कहा कि सबसे बात की जाएगी। आवश्यक होगा तो मुलाकात करने में क्या हर्ज है। दल कोई भी हो मगर मुख्यमंत्री प्रदेशभर का होता है।   

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    मैं किसी की व्यक्तिगत जिंदगी में नहीं घुसना चाहता 

    (नसीमुद्दीन सिद्दीकी से सवाल व उसके जवाब)

    • अपनी बेटी की मौत का दर्द बयां कर रहे हैं, मगर एक दशक पहले दीनानाथ भास्कर ने भी एक बेटी का इल्जाम मढ़ा था, सच्चाई क्या थी ?

    देखिए मैं किसी की व्यक्तिगत जिंदगी में नहीं घुसना चाहता।  बसपा के लिए काम कर रहा था। मैं इस पर कुछ नहीं जानता। 

    • आप इल्जाम लगा रहे हैैं, कार्रवाई के लिए कानून का सहारा क्यों नहीं लेते?  

    हम वकीलों से बात कर रहे हैैं, उनकी राय के आधार पर आगे का निर्णय लेंगे। मगर हमारे वकील सतीश चंद्र मिश्र नहीं होंगे। 

    •  असली, नकली बसपा की लड़ाई देखने को मिलेगी?

    मायावती ने बसपा के असली लोगों को एक-एक कर किनारे लगा दिया, जिनमें से आधे दुनिया छोड़कर चले गए। पहले यह देख लें कि मायावती, आनंद, सतीश मिश्र किस सीमा तक जाते हैैं, उसके बाद समर्थकों, संघर्ष के साथियों से बात कर फैसला होगा। शेर पढ़ा-'मैं गुलदस्ते बनता हूं वह शमशीर (तलवार) बनाती हैं।

    • क्या मायावती राजनीति की कारोबारी (जो शब्द था, वह लिखना उचित नहीं) हैं?

    वह महिला भी हैं, इसलिए वह शब्द इस्तेमाल करना उचित नहीं है। यह कह सकता हूं कि वह (मायावती) मानवता के लिए कलंक हैैं।

    •  पूर्व मंत्री शिवपाल के साथ संपर्क में हैं आप?

    राजनीति में सबंध होना गलत बात नहीं है। मगर यह कह सकता हूं कि इसमें सच्चाई नहीं है।

    • ये मेंबरशिप किताबें क्या होती हैैं? 

     ये तौकीर आजमी खड़े हैैं, इनसे 72 लाख रुपये लिए गए। रामनरेश यहां हैैं, उन्होंने 75 लाख रुपया दिया। जमील भाई हैैं, उनका 50 लाख रुपया ले लिया गया, यही लोग सब कुछ बता रहे हैैं। अब जानने को क्या बचता है। मेंबरशिप के नाम पर लोगों की संपत्तियां लिखा ली गई।

    • आपने आपसी बातें रिकार्ड क्यों कराईं? 

    अंदेशा था। परिवार की सुरक्षा व खुद को बचाए रखने के लिए किया। हमसे ज्यादा मायावती को उनके परिवार के सदस्य भी नहीं जानते हैैं। वह क्या करना चाहती हैैं, क्या कहती हैैं। हम जानते हैैं, पता हो गया था कि सादे कागजों, स्टाम्प पेपरों में हस्ताक्षर कराकर मुझे दिवालिया बना सकती हैैं। इसी आशंका में सबूत जुटाए। 

    एक और ऑडियो जारी 

    बसपा से निकाले जाने के बाद पार्टी की मुखिया मायावती पर हमलावर नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने शुक्रवार को एक और आडियो सीडी जारी की। इसमें कार्यालय प्रभारी व नसीमुद्दीन के बीच बातचीत है जिसमें मेम्बरशिप का पूरा पैसा जमा हो जाने की बात है।   

    नसीमुद्दीन सिद्दीकी: हां, प्रदेश कार्यालय से भैया। नसीमुद्दीन बोल रहा हूं। मित्तल जी हैं?

    बसपा कार्यालय का ऑपरेटर: हां हैैं,

    नसीमुद्दीन: दे दीजिए। 

    ( कार्यालय प्रभारी राम औतार मित्तल के फोन लाइन पर आने पर )

    नसीमुद्दीन: जय भीम, भाई मैं यह कह रहा था कि मेंबरशिप की कोई किताबें व्यक्तिगत मेरे पास तो नहीं है। जो थीं, वो मिल गई आपको

    मित्तल: हां, हां वह तो मिल गई?

    नसीमुद्दीन : जो कटी नहीं है, वह वापस हो गई, उनके पैसे का कोई सवाल नहीं। मैने व्यक्तिगत तो नहीं ले रखी हैैं? 

    मित्तल: हां, हां। आपकी वो सब आ गई, उस दिन बात हो गई थी।  

     नसीमुद्दीन: तो मेरे पास अब कोई रिकार्ड नहीं, तो फिर भाई मैैं खत्म कर रहा हूं इसको

    मित्तल: अरे सर, थोड़ी मदद भी चाहिए थी आपकी

    नसीमुद्दीन: कहे की भाई

    मित्तल: अरे वो बबलू राठ नहीं है, उसने बड़ा वादा किया था, मेंबरशिप की किताब ले गया, अब वह आनाकानी कर रहा 

    नसीमुद्दीन : अभी बांदा में हूं, आता हूं तो उसे बुलाकर बात करता हूं, मेरे ऊपर तो नहीं है कुछ

    मित्तल: जी, नहीं आप पर कुछ नहीं है...अरे बबलू से बात...?

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