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    मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में सबसे आगे मनोज सिन्हा भगवान की शरण में

    By Nawal MishraEdited By:
    Updated: Sat, 18 Mar 2017 12:27 PM (IST)

    यूपी के मुख्यमंत्री का फैसला विधायकों की बैठक में होगा परंतु जिन दावेदारों के नाम चलते रहे उनमें केंद्रीय रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा को सबसे मजबूत है।

    मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में सबसे आगे मनोज सिन्हा भगवान की शरण में

    लखनऊ (जेएनएन)। मुख्यमंत्री के नाम को लेकर उहापोह की स्थिति बनी रही। फैसला शनिवार को विधायकों की बैठक में होगा परंतु जिन दावेदारों के नाम चलते रहे उनमें केंद्रीय रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा को सबसे मजबूत है। शनिवार सुबह वे वाराणसी के काल भैरव मंदिर पहुंचे और पूजा की। माला चढ़ाई और प्रार्थनाएं की। काशी विश्वनाथ के दर्शन भी किए। मनोज सिन्हा के नाम पर मुहर लगना लगभग तय है। आज विधायक दल की बैठक में फैसला हो जाएगा और कल यूपी का सीएम तय हो जाएगा। इस बीच मनोज सिन्हा ने शायराना अंदाज में कहा कि ख्वाहिशें बड़ी बेवफा होती हैं, पूरी होते ही बदल जाती हैं। नए मुख्यमंत्री को लेकर चल रहीं अटकलों पर उन्होंने कहा कि मुझे रेल व संचार मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गयी है, मैं इसी में खुश हूं।

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    उनके अलावा केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, केशव प्रसाद मौर्य, सुरेश खन्ना और श्रीकांत शर्मा जैसे नाम चर्चाओं में हैं। समझा जाता है कि मनोज सिन्हा के नाम पर पीएमओ की भई मंजूरी मिल चुकी है। केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा के नाम की चर्चा तेज होने से जहां उनके समर्थकों में जबरदस्त उत्साह है वहीं प्रशासन की ओर से सक्रियता भी दिखने लगी है। गृह जनपद गाजीपुर में स्वागत की तैयारी होने लगी है।
    सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक,एमटेक हैं मनोज सिन्हा
    गाजीपुर से तीसरी बार सांसद बने मनोज सिन्हा, रेल राज्यमंत्री व संचार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हैं। वर्ष 1982 में बीएचयू छात्रसंघ अध्यक्ष रहे सिन्हा आइआइटी बीएचयू से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक और एमटेक किए हुए है। गोल्ड मेडेलिस्ट रहे सिन्हा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभविप) से जुड़े रहे हैं। शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री सिन्हा का नाम मुख्यमंत्री पद की रेस में आगे होने पर जहां उनके समर्थकों में जबरदस्त उत्साह है वहीं प्रशासन की सक्रियता भी दिखने लगी है।
    गाजीपुर संवाददाता के अनुसार शनिवार को मनोज सिन्हा का एक कार्यक्रम में शामिल होना प्रस्तावित है। इसकी अधिकृत सूचना भी आ चुकी है। दिल्ली से शुक्रवार की शाम वाराणसी पहुंचे सिन्हा यहां रात्रि विश्राम करेंगे और सुबह गाजीपुर के लिए चलेंगे। यहां भाजपा जिलाध्यक्ष भानुप्रताप की दिवंगत माताश्री के त्रयोदशाह में शामिल होने के लिए उनके पैतृक गांव बरहट (शादियाबाद) जाएंगे। सिन्हा अपने पैतृक गांव मोहनपुरा जाएंगे और मंदिर में दर्शन-पूजन भी करेंगे। उनके आने की खबर के साथ उनके मकान परिसर स्थित ठाकुरजी मंदिर की देर रात साफ सफाई कराई गई।
    पीएम के प्रधान सचिव ने संभाली कमान
    भाजपा की सत्ता में ताजपोशी की कमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रधान सचिव नृपेन्द्र मिश्र ने संभाल ली है। प्रधानमंत्री कार्यालय के कई वरिष्ठ अधिकारियों के साथ यहां पहुंचे मिश्र ने प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री व मंत्रियों के शपथ ग्रहण, भाजपा के संकल्प पत्र पर अधिकारियों से बात की है। माना जा रहा है कि सरकार के काम शुरू करते ही केन्द्र में सेवारत आधा दर्जन आइएएस व इतने ही आइपीएस अधिकारी यूपी वापस लौटेंगे। मुख्य जिम्मेदारियां इन्हीं के हाथों में रहेगी। मुख्यमंत्री व मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह की तिथि निर्धारित होने के कुछ घंटे बाद प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव दो वरिष्ठ आइएएस अधिकारियों के साथ लखनऊ पहुंचे।
    यूपी कैडर के आइएएस मिश्र ने अपने करीबी आइएएस अधिकारियों से समाजवादी सरकार की मुख्यधारा में रहे आइएएस व आइपीएस अधिकारियों की कार्यशैली की जानकारी जुटाई। नई सरकार की प्राथमिकताओं की जानकारी दी। माना जा रहा है कि सरकार के कामकाज शुरू करते ही वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी रजनीकांत मिश्र, आरआर भटनागर, ओपी सिंह, आइएएस अधिकारी देवेश चतुर्वेदी, अवनीश अवस्थी, राजीव कुमार, अनिल स्वरूप, दुर्गाशंकर मिश्र, दीपक कुमार, संजय प्रसाद, नरेन्द्र भूषण, अनंत कुमार सिंह वापस लौट सकते है। सूत्रों का कहना है कि समाजवादी सरकार में महत्वहीन पदों पर नियुक्त रहे कई आइएएस अधिकारी मुख्यधारा में लौटेंगे।