विधानमंडल सत्र : कानून व्यवस्था और दलित उत्पीड़न जैसे मसलों पर घेरेंगे योगी सरकार
योगी सरकार को विधानसभा के प्रथम सत्र में विपक्ष के हमले झेलने होंगे। सपा कानून व्यवस्था, बसपा दलित उत्पीडऩ व कांग्रेस कर्ज माफी पर घेरेगी।
लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को विधानसभा के प्रथम सत्र में कानून-व्यवस्था और दलित उत्पीड़न जैसे मसलों पर विपक्ष के हमले झेलने होंगे। लगभग 50 दिन की योगी सरकार को घेरने के लिए रविवार को सपा, बसपा व कांग्रेस ने विधानमंडल दलों की बैठकें तय कर सदन में सरकार को घेरने की रणनीति बनायी। सपा कानून व्यवस्था, बसपा दलित उत्पीडऩ व कांग्रेस कर्ज माफी जैसे मसलों पर सरकार को घेरेगी।
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गमछा वालों के कानून हाथ में लेने पर घेरेगी सपा
समाजवादी पार्टी विधानमंडल दल की बैठक में अध्यक्ष अखिलेश यादव राज्यपाल राम नाईक के अभिभाषण में विरोध के पक्षधर नहीं दिखे लेकिन कई वरिष्ठ सदस्यों ने तेवर शुरू से ही दिखाने की पैरोकारी की। उनका कहना था कि भाजपा 46 सदस्यों के जरिये खुल कर विरोध करती रही है। ऐसे में 47 सदस्यों के शांत रहने से जनता में अच्छा संदेश नहीं जाएगा। 50 दिन की सांप्रदायिक घटनाओं, महिला हिंसा की वारदातोंं के आधार पर सरकार की खिंचाई होनी चाहिए। बैठक में आजम खां व शिवपाल मौजूद नहीं थे। एक विधायक ने आजम के खिलाफ योगी सरकार द्वारा उत्पीडऩ का मुद्दा उठाया। प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बताया कि प्रदेश के हालात खराब हैं। चारों तरफ अराजकता है। गमछा वाले कानून हाथ में ले रहे हैं इस मुद्दे पर सरकार को घेरेंगे।
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कर्ज माफी की पोल खोलेगी कांग्रेस
कांग्रेस विधानमंडल दल नेता अजय कुमार लल्लू ने बताया कि सरकार की विफलताओं को चिह्नित कर सदन में विरोध किया जाएगा। खासकर कर्ज माफी को लेकर किसानों के साथ किये गए धोखे की पोल खोली जाएगी। किसानों को किसानों को बकाए गन्ना मूल्य का भुगतान न होने, बंद चीनी मिलों में से मुख्यमंत्री द्वारा सिर्फ अपने क्षेत्र की दो चीनी मिलों को शुरू कराने जैसे मामलों में भेदभाव बरते जाने के मुद्दे जोरशोर से उठाएंगे।
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दलित उत्पीडऩ पर आक्रोशित बसपा
बहुजन समाज पार्टी विधानमंडल दल की बैठक में सरकार की जातीय विद्वेष वाली कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किये गए। प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर व दल नेता लालजी वर्मा की उपस्थिति में दलित उत्पीडऩ व खराब कानून व्यवस्था पर सरकार को घेरने का फैसला किया गया।
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