मुख्यमंत्री के जाते ही शहीद के घर से अफसर उठा ले गए एसी व कालीन
देवरिया में अफसरों की अदूरदर्शिता ने एक मई को पाकिस्तान की बर्बर कार्रवाई में शहीद हुए प्रेमसागर के गांव में सरकार व प्रशासन की किरकिरी करा दी। ...और पढ़ें

देवरिया (जेएनएन)। देश की खातिर जान गवां देने वाले देवरिया के लाल प्रेम सागर के घर पर कल जो कुछ हुआ उससे जिला प्रशासन के अधिकारियों की संवेदनहीनता सभी के सामने आ गई। प्रदेश में सरकार तो बदल गई लेकिन, अफसरों की मानसिकता अभी भी नहीं बदली है। योगी आदित्यनाथ शहीद के परिवार से मिलने 11 दिन बाद गए थे।
देवरिया में अफसरों की अदूरदर्शिता ने एक मई को पाकिस्तान की बर्बर कार्रवाई में शहीद हुए प्रेमसागर के गांव में सरकार व प्रशासन की किरकिरी करा दी। कल शहीद के घर परिवारीजन को सांत्वना देने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहुंचे थे। प्रशासन ने सादगी पसंद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए भी पुरानी ही परिपाटी में आनन-फानन शहीद के घर के एक कमरे में एसी (एयर कंडीशनर), सोफे लगाने के साथ कालीन बिछा दिया लेकिन, जैसे ही योगी वहां से निकले, आनन फानन एसी निकाल लिया गया। जिस कमरे में शहीद के परिवार से सीएम को मिलना था उसमे बल्लियों के सहारे ऐसी लगवाई गई, लेकिन सीएम के जाने के महज आधे घंटे के भीतर ही अधिकारी ऐसी भी निकाल ले गए। वहां बिछी कालीन व सोफे सहित अन्य साजो सामान भी समेटकर कर्मचारी लेते गए।
Matter of disrespect: Dayashankar, brother of BSF head constable Prem Sagar on removal of AC, sofa & carpet post UP CM's visit #Deoria pic.twitter.com/vzmufgP69Q
— ANI UP (@ANINewsUP) May 14, 2017
ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन ने शहीद के घर से सारा सामान हटाने में जिस तरह की तेजी दिखाई वह ठीक नहीं थी। मुख्यमंत्री के आने से पहले घर के अंदर का माहौल ऐसा बनाया गया जैसे वह मुख्यमंत्री का कक्ष हो। जमीन पर बिछी कालीन व केसरिया रंग से सजे कमरे के बीच सोफे पर बैठ कर मुख्यमंत्री ने परिवारीजन की पीड़ा सुनी। उनके जाने के बाद एसी के साथ ही कालीन तक समेट लिया गया। यह मामला पूरे गांव में चर्चा का विषय बना रहा।
टीकमपार गांव से मुख्यमंत्री के लौट जाने के बाद अब ग्रामीण उनके वादों के पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं। प्रेम सागर के परिवारीजन को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री ने जो आश्वासन दिया है, वह शीघ्र ही हकीकत में बदलेगा। शहीद की पत्नी ज्ञांती देवी ने बताया कि मुख्यमंत्री से हमने कहा कि परिवार को अब उनका ही सहारा है। उन्होंने बेटों व बेटी को नौकरी देने, गांव में कन्या विद्यालय खोलने, शहीद स्मारक बनाने व शहीद की पत्नी को जीविकोपार्जन के लिए गैस एजेंसी व पेट्रोल पंप दिलाने का आश्वासन दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री को संवेदनशील बताते हुए कहा कि एसी व अन्य सामान ले जाने का उन्हें कोई मलाल नहीं है।
इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा ने अपने बयान में कहा कि शहीद के परिवार के साथ स्थानीय प्रशासन से हुई चूक की वह जांच कराएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा साफ है, जो दोषी होगा उस पर कार्रवाई होगी।
पुंछ में शहीद हुए थे प्रेम सागर
देवरिया जिले के टिकमपार गांव में रहने वाले शहीद प्रेम सागर एक मई को पुंछ में पाकिस्तानी आर्मी बॉर्डर एक्शन टीम के भारतीय इलाके में 250 मीटर अंदर तक घुस आने के बाद पैट्रोलिंग पार्टी पर हुए हमले के दौरान शहीद हो गए थे। इस हमले में 200वीं बटालियन के हेड कॉन्स्टेबल प्रेम सागर और 22 सिख इन्फैंट्री के नायब सूबेदार परमजीत सिंह शहीद हो गए।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।