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    लखनऊ में जालसाज एक ग्राहक के आधार से बेच देते थे कई सिम कार्ड

    By Amal ChowdhuryEdited By:
    Updated: Mon, 09 Oct 2017 10:56 AM (IST)

    इंस्पेक्टर हजरतगंज आनंद कुमार शाही के मुताबिक दूसरे के आधार से लिंक किया गया मोबाइल नंबर हासिल कर बदमाश उसका इस्तेमाल अपराधिक घटनाओं में करते हैं। ...और पढ़ें

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    लखनऊ में जालसाज एक ग्राहक के आधार से बेच देते थे कई सिम कार्ड

    लखनऊ (जागरण संवाददाता)। ई-केवाईसी के नाम पर फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ है। साइबर क्राइम सेल ने एक मोबाइल शॉप के दुकानदार को गिरफ्तार किया है। सीओ हजरतगंज अभय कुमार मिश्र के मुताबिक बायोमीट्रिक मशीन पर फिंगर इंप्रेशन लगवाने के नाम पर आरोपित एक ही व्यक्ति के आधार से कई सिम प्री-एक्टिव कर लोगों को बेच देता था। आरोपित के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में एफआइआर दर्ज थी, जिसे साइबर क्राइम सेल की मदद से दबोच लिया गया।

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    साइबर सेल के प्रभारी इंस्पेक्टर अरुण कुमार सिंह के मुताबिक कृष्णापुरी कॉलोनी करीमगंज निवासी हिमांशु वर्मा ने उनके आधार नंबर से दो सिम जारी होने की शिकायत की थी। आरोप लगाया कि बिना जानकारी के उनका आधार नंबर किसी दूसरे सिम से लिंक कर दिया गया है।

    पड़ताल के दौरान पुलिस ने कसरावां, बछरावां रायबरेली निवासी आशीष कुमार द्विवेदी को दबोच लिया। पूछताछ में पता चला कि आशीष की मोबाइल की दुकान है, जहां से वह विभिन्न कंपनियों के सिम बेचता है।

    आरोपित ने बताया कि 15 अगस्त को हिमांशु ने उसकी दुकान से एक सिम खरीदा था। इस दौरान उसने बायोमीट्रिक मशीन पर फिंगर इंप्रेशन लगवाने के बहाने दो सिम एक्टिवेट कर दिए थे। एक सिम हिमांशु को देने के बाद दूसरे सिम को उसने अज्ञात व्यक्ति को बेच दिया था।

    उधर, सूत्रों का कहना है कि एक महिला पुलिस अधिकारी के वाट्स एप पर अज्ञात नंबर से लगातार मैसेज किया जा रहा था। इसमें महिला अधिकारी से अभद्रता की गई थी, जिसकी शिकायत साइबर सेल में हुई थी। छानबीन में पुलिस को उक्त वाट्सएप नंबर बंद मिला।

    इसके बाद उस व्यक्ति की तलाश शुरू की गई, जिसके नाम से वह नंबर जारी किया गया था। छानबीन में वह नंबर हिमांशु के नाम पर होना पाया गया। पुलिस ने जब हिमांशु को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने बताया कि वह सिर्फ एक ही सिम प्रयोग करता है, जो आशीष की दुकान से खरीदा था। संदेह होने पर पुलिस ने आशीष को पकड़कर पूछताछ की तो फर्जीवाड़ा उजागर हुआ।

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    अपराधिक गतिविधि में होता है प्रयोग: इंस्पेक्टर हजरतगंज आनंद कुमार शाही के मुताबिक दूसरे के आधार से लिंक किया गया मोबाइल नंबर हासिल कर बदमाश उसका इस्तेमाल अपराधिक घटनाओं में करते हैं। इन नंबरों का प्रयोग लोगों को धमकी देने, रंगदारी मांगने और फर्जी सूचना देने में किया जाता है। रुपयों के लालच में दुकानदार यह फर्जीवाड़ा कर रहे हैं। शिकायत पर साइबर सेल से मदद मांगी गई थी। जिसके बाद आशीष को गिरफ्तार किया गया। आरोपित के पास से दो मोबाइल फोन और एक फिंगर प्रिंट लेने वाली मशीन बरामद की गई है।

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