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मायावती को एक और झटका, ब्रजेश पाठक भाजपा में शामिल

बहुजन समाज पार्टी से बर्खास्तगी के चंद मिनट बाद ही पाठक भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। भाजपा को ब्रजेश पाठक के आने से उन्नाव क्षेत्र में फायदा होने की उम्मीद है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Mon, 22 Aug 2016 04:35 PM (IST)Updated: Tue, 23 Aug 2016 09:51 AM (IST)
मायावती को एक और झटका, ब्रजेश पाठक भाजपा में शामिल

लखनऊ (वेब डेस्क)। करीब पंद्रह दिन पहले बहुजन समाज पार्टी छोडऩे की खबर को अफवाह बताने वाले पूर्व सांसद ब्रजेश पाठक ने आज नई दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया। बहुजन समाज पार्टी से बर्खास्तगी के चंद मिनट बाद ही पाठक भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह ने केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा की मौजूदगी में पाठक को पार्टी में शामिल कराया।

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बहुजन समाज पार्टी ने आज पूर्व राज्यसभा सदस्य ब्रजेश पाठक को बर्खास्त कर दिया है। ब्रजेश पाठक के ऊपर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। पार्टी के महासचिव तथा राज्यसभा सदस्य सतीश चंद्र मिश्रा ने आज ब्रजेश पाठक को पार्टी से बर्खास्त करने का बयान जारी किया है। नई दिल्ली में आज भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने पाठक को पार्टी की सदस्यता दिलाई।

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स्वामी प्रसाद मौर्य व आरके चौधरी के बाद एक ब्रजेश पाठक जैसे बड़े नेता को बसपा से बाहर होना पड़ा। नई दिल्ली में भाजपा में शामिल होने से चंद मिनटों पहले बसपा ने उन्हें बर्खास्त कर दिया। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने पाठक को पार्टी की सदस्यता दिलाई। पार्टी ज्वाइन करने के बाद पाठक ने कहा प्रदेश में गुंडों का बोलबाला है और प्रदेश को बचाने के लिए उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार जरुरी है। उन्होंने कहा बसपा में सर्व समाज की उपेक्षा हो रही थी। इसी कारण मैंने भाजपा में शामिल होने का निर्णय किया। उनके भाजपा में शामिल होने की खबरें पिछले दिनों ही आई थी लेकिन उन्होंने इसे महज अफवाह बताया था। पाठक की पत्नी भी भाजपा में शामिल होंगी।

बसपा में दलित-ब्राह्मण गठजोड़ की शुरुआत पाठक ने ही की थी। उनके जाने से बसपा को एक और झटका लगा है। ब्रजेश पाठक कल आगरा में सम्पन्न मायावती की रैली में मीडिया संयोजक थे। वह उन्नाव से 2004 का लोकसभा चुनाव जीते थे। इसके बाद 2009 व 2014 में उनको शिकस्त झेलनी पड़ी। उनकी पत्नी नम्रता पाठक ने उत्तर प्रदेश में 2012 का विधानसभा चुनाव लड़ा था। माना जा रहा है कि पाठक के पार्टी से बाहर होने से बसपा सुप्रीमो मायावती के अभियान को झटका लगेगा।

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छात्र राजनीति से किया सियासी सफर हरदोई के रहने वाले बृजेश पाठक ने लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्र राजनीति से सियासी जीवन की शुरुआत की और छात्रसंघ अध्यक्ष भी चुने गए। दबंग छवि वाले पाठक वर्ष 2002 में कांग्रेस के टिकट पर हरदोई की मलवां विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े लेकिन जीत नहीं सके, बसपा के सतीश वर्मा में मात्र 130 वोटों से हार गए। बृजेश बसपा में शामिल हो गए और 2004 में उन्नाव लोकसभा सीट पर बसपा प्रत्याशी के रूप में सांसद निर्वाचित होने के बाद चर्चा में आएं। बसपा के प्रमुख ब्राह्मण नेताओं में शुमार रहे पाठक दो बार राज्यसभा के सदस्य भी रहें। उन्होंने 2009 में भी लोकसभा चुनाव लड़ा परन्तु हार गए। बसपा शासन काल में मायावती ने बृजेश पाठक की पत्नी नम्रता पाठक को राज्य मंत्री दर्जा प्रदान किया था। बसपा ने पाठक की पत्नी को 2012 में विधानसभा चुनाव लड़ाया परन्तु जीत हासिल नहीं हो सकी।

BSP को एक और झटका, पूर्व सांसद ब्रजेश पाठक भाजपा में शामिल

बृजेश पाठक बसपा में लंबे अर्से से असंतुष्ट चल रहे थे। कई बार उनके दलबदल की चर्चा उड़ी परन्तु बार बार खंडन करते रहे। आगरा में कल मायावती की रैली में पाठक मीडिया संयोजक की भूमिका रहें परन्तु उन्होंने आज जिस तरह भाजपा में शामिल होने का एलान किया है। उससे बसपा के सर्वसमाज जोड़ो अभियान को तगड़ा झटका लगा है।


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