Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यूपी को 1800 करोड़ की चपत लगाकर राज्यकर्मियों की हड़ताल स्थगित

    By Ashish MishraEdited By:
    Updated: Thu, 11 Aug 2016 10:43 PM (IST)

    तीन दिनी हड़ताल के आखिरी दिन शुक्रवार को कर्मचारियों ने इमरजेंसी छोड़ कर प्रदेश भर की चिकित्सा सेवा ठप करने की तैयारी है।

    लखनऊ (जेएनएन)। देर रात राज्यकर्मियों की हड़ताल स्थगित हो गयी। तीन दिनी हड़ताल के दूसरे दिन देर शाम मुख्य सचिव से वार्ता के बाद कर्मचारी संगठनों के हड़ताल स्थगित करने की घोषणा की है। दो घंटे चली वार्ता में पंद्रह दिन में राज्यकर्मियों के लिए कैशलेस इलाज का शासनादेश जारी करने और अन्य मांगें भी पूरी करने का मुख्य सचिव दीपक सिंघल ने आश्वासन दिया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    राज्य कर्मचारियों की हड़ताल से अस्पतालों से लेकर दफ्तरों तक ठप रहा कामकाज

    वहीं लगातार दूसरे दिन चली राज्य कर्मचारियों की हड़ताल का असर गुरुवार को और गहरा गया। अस्पतालों में सुबह तीन घंटे ठप रही चिकित्सा सेवा ने प्रदेश भर में लोगों की तकलीफ बढ़ाई, जबकि अन्य संगठनों का समर्थन मिलने से उत्साहित राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने दो दिनों में कुल करीब 1800 करोड़ रुपये का नुकसान होने का दावा किया है। तीन दिनी हड़ताल के आखिरी दिन शुक्रवार को कर्मचारियों ने इमरजेंसी छोड़ कर प्रदेश भर की चिकित्सा सेवा ठप करने की तैयारी की है।

    उत्तर प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल जारी, हजारों करोड़ का नुकसान

    गुरुवार दोपहर उद्यान विभाग मुख्यालय में तालाबंदी के बाद हुई सभा में संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने सरकार को ललकारा कि तीन दिन की हड़ताल सिर्फ संकेत है। सरकार ने मजबूर किया तो हम अनिश्चितकालीन महाहड़ताल पर भी जा सकते है। तिवारी ने बताया कि परिषद को अधिकारी कर्मचारी महापरिषद सहित कई अन्य संगठनों का लिखित समर्थन मिल चुका है। परिषद पदाधिकारियों ने दूसरे दिन कई जिलों में हड़ताल के शत-प्रतिशत सफल रहने का दावा किया है। उनके मुताबिक मेरठ, फैजाबाद, एटा, मुरादाबाद, कुशीनगर, कौशांबी, गाजीपुर, इटावा, अलीगढ़, हमाीरपुर, बस्ती, सहारनपुर, प्रतापगढ़, सुलतानपुर, मुजफ्फरनगर, मीरजापुर, सोनभद्र, कानपुर देहात, गाजियाबाद, वाराणसी, व इलाहाबाद में कमोवेश कामकाज पूरी तरह प्रभावित रहा।

    यह हुआ नुकसान
    हरिकिशोर तिवारी ने बताया कि दो दिनों की हड़ताल के दौरान राज्य सरकार को रजिस्ट्री से 400, वाणिच्यकर से 700, आबकारी से 200, आरटीओ से 300, राजस्व (मनोरंजन कर, बचत, खनन, रायल्टी, बैंक व स्टांप) से 200 करोड़ रुपये की राजस्व हानि होने का अनुमान है। महामंत्री अतुल मिश्रा ने बताया कि दो दिनों की हड़ताल की वजह से 300 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं हुआ है और 4,26,328 मस्टर रोल फीड नहीं हो पाए है। मनरेगा मजदूरों को भी भुगतान नहीं हो पाया है।

    बंद कराए दफ्तर
    लखनऊ में कर्मचारी संगठन की टोलियों ने गुरुवार को सिंचाई, वाणिच्य कर, आरटीओ, शिक्षा भवन, अर्थ एवं संख्या,, श्रम, समाज कल्याण, विकासदीप, उद्यान, कृषि विपणन, उपभोक्ता फोरम, ट्रेजरी, रजिस्ट्री, आबकारी, वन, मातृ शिशु कल्याण, सहाकारी संघ, विकासभवन, तहसील व बांट-माप सहित अन्य विभागों में पहुंचकर कामकाज बंद कराया और सभाओं का आयोजन किया। परिषद ने इस सभी दफ्तरों के कर्मचारियों के समर्थन का दावा किया है। दफ्तरों के भ्रमण को निकले दलों में परिषद अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी के साथ बीएस डोलिया, अमिता त्रिपाठी, संजीव गुप्ता, अविनाश श्रीवास्तव, धर्मेंद्र सिंह, शिवबरन सिंह यादव, यदुवीर सिंह, अतुल मिश्रा, सुरेश रावत, दिवाकर राय, ओपी राय, आरपी गुप्ता, अशोक कुमार, मणिनायर, शीला कपूर, एसपी गुप्ता व अमरजीत मिश्रा सहित अन्य मौजूद थे।
    लोहिया अस्पताल में सभा आज
    हड़ताल के तीसरे और अंतिम दिन राज्य कर्मचारियों की सभा गोमतीनगर स्थित लोहिया अस्पताल में होगी। शुक्रवार शाम तक कोई रास्ता न निकलने पर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद समीक्षा बैठक करेगी और अनिश्चितकालीन हड़ताल का भी फैसला लिया जा सकता है।
    देर शाम तक चले प्रयास
    गुरुवार की शाम शासन से आए बुलावे के बाद हड़ताली राज्य कर्मचारियों की वार्ता मुख्य सचिव दीपक सिंघल के साथ खबर लिखे जाने तक जारी थी। इससे पहले बुधवार रात लखनऊ के जिलाधिकारी ने भी परिषद पदाधिकारियों से हड़ताल को दूसरे दिन न बढ़ाने का आग्र्रह किया था, लेकिन मांगों पर आदेश जारी होने से कम पर कर्मचारी नेता मानने को तैयार नहीं थे।
    लोहिया अस्पताल में तोडफ़ोड़
    लखनऊ में राज्य कर्मचारियों के कारण अस्पतालों में काम न होने पर मरीजों व उनके तीमारदारों ने हंगामा किया। लोहिया अस्पताल में तोडफ़ोड़ हुई। बलरामपुर अस्पताल की पैथोलॉजी में जमकर हंगामा हुआ। दवा काउंटरों पर भी मरीजों ने बवाल काटा। आरटीओ में दो दिन काम न होने से करीब दो करोड़ रुपये का कार्य प्रभावित रहा। वाराणसी में वक्ताओं ने कहा कि राज्य कर्मचारी विकास में बाधक न बने इसलिए उनकी मांगों को पूरा किया जाए। इलाहाबाद में राजकीय मुद्रणालय के मुख्य द्वार पर एकत्रित विभिन्न विभाग के कर्मचारियों ने राज्य सरकार के रवैये पर नाराजगी जताई।