बरेली में शोहदों के आतंक से गांव की लड़कियों ने स्कूल जाना छोड़ा
बरेली में शोहदों के आतंक से डर कर एक दो नहीं पूरे गांव की 50 से अधिक छात्राओं ने स्कूल जाना छोड़ दिया है।
बरेली (जेएनएन)। बुलंदशहर की घटना के बाद पूरे प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा चर्चा बड़ा विषय बना हुआ है।ऐसा ही मामला बरेली में भी प्रकाश में आया है। जहां शोहदों के आतंक से डर कर एक दो नहीं पूरे गांव की 50 से अधिक छात्राओं ने स्कूल जाना छोड़ दिया है।
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बता दें, कि शाही थानाक्षेत्र के अन्तर्गत यह है दुनका गांव का इण्टर कालेज जहां मनचलों ने अपनी नापाक हसरतें पूरा करने का अड्डा बना लिया है। यहां पढ़ रही छात्राओं को स्कूल आते जाते छेड़ना उन पर अश्लील फब्तियॉ कसना, तेज आवाज में अश्लील गाने चलाकर गंदी हरकते करना मनचलों के आये दिन की आदत बन गयी है।तस्वीरें: बुलंदशहर की घटना बेहद शर्मनाक, मिला अहम सुराग
हद तो तब हो गयी जब शोहदों के बुलंद हौसलों ने एक कदम आगे बढ़कर मोटरसाइकिलों से लड़कियों की साइकिल पर टक्कर मारना शुरू कर दी और उनका रास्ता घेरना शुरू कर दिया। मनचलों के इस दुस्साहस से परेशान छात्राओं ने कई बार अपने स्कूल के प्रिंसपल और अभिभावकों से इसकी शिकायत की लेकिन मनचलों के नापाक हौसलों पर अंकुश लगाने के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाये गये।
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तंग आकर धनेली और औरंगाबाद गांव की 50 से अधिक छात्राओं ने स्कूल जाना छोड़ दिया। छात्राओं के स्कूल न जाने पर ग्रामीणों ने स्थानीय शाही थाने में जाकर मामले की शिकायत की तब जाकर पुलिस नींद से जागी।मामले में छात्राओं के बयान के आधार पर पुलिस ने दो आरोपी शोहदों को गिरफ्तार कर लिया है।
वहीं घटना में अब तक पुलिस की शिथिलता की बात सामने आने पर डीआईजी आशुतोष कुमार ने हलके के पुलिस कर्मियों की अब तक की भूमिका की जांच कराने की बात कही है।
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