रेलवे के चीफ इंजीनियर ने की महिला से छेड़छाड़, मुकदमा
राप्ती गंगा एक्सप्रेस के एसी कोच में सफर कर रही एक महिला के साथ रेलवे के चीफ इंजीनियर ने छेड़छाड़ की। बाराबंकी स्टेशन पर उसे हिरासत में ले लिया गया।
बाराबंकी (जेएनएन)। राप्ती गंगा एक्सप्रेस के एसी कोच में सफर कर रही एक महिला के साथ रेलवे के चीफ इंजीनियर ने छेड़छाड़ की। महिला के पति द्वारा रेल मंत्रालय को इस आशय का ट्वीट किए जाने के बाद जीआरपी ने बाराबंकी रेलवे स्टेशन पर चीफ इंजीनियर को हिरासत में ले लिया, लेकिन पूछताछ के बाद छोड़ दिया। बाद में हरदोई रेलवे स्टेशन पर जीआरपी में मुकदमा दर्ज किया गया।
चीफ इंजीनियर उत्तर रेलवे पीके राय निवासी भांवरपुर गाजीपुर, बुधवार की रात राप्ती गंगा एक्सप्रेस के ए-वन कोच में सफर कर रहे थे। इसी कोच में देहरादून में प्रोफेसर के पद पर तैनात जीपी श्रीवास्तव भी अपनी पत्नी के साथ सफर कर रहे थे। रात के दो बजे जब उनकी पत्नी शौचालय गईं तो पीछे-पीछे पीके राय भी चले गए और महिला के साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी। महिला की चीख सुनकर उसके पति भी पहुंच गए और उन्होंने रेल मंत्रालय को ट््वीट कर इस घटना की जानकारी दी। बताया कि ट्रेन बाराबंकी रेलवे स्टेशन पहुंचने वाली है और बाराबंकी जीआरपी को भी सूचित किया। रेल मंत्रालय से तुरंत बाराबंकी जीआरपी को इसकी सूचना दी गई। बाराबंकी में ट्रेन रुकते ही पीके राय को हिरासत में ले लिया गया। स्टापेज दो मिनट का होने के कारण महिला यहां से रवाना हो गई।
चीफ इंजीनियर को जीआरपी थाने में ले जाकर पूछताछ शुरू की गई। रेलवे में अधिकारी होने के कारण उन्होंने जीआरपी पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। लगातार 14 घंटे तक पूछताछ के दौरान वे अपने शुभङ्क्षचतकों को फोन कर बचाव के रास्ते तलाश करते रहे। दबाव रंग लाया और अंतत: गुरुवार की शाम पांच बजे जीआरपी ने उन्हें रिहा कर दिया। उधर, जीपी श्रीवास्तव ने हरदोई रेलवे स्टेशन पहुंचने के बाद वहां तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया। जीआरपी थाना प्रभारी वीरेंद्र राम भारती ने बताया कि जिस महिला ने उन्हें मोबाइल पर सूचना दी थी, उसकी ओर से कोई लिखित तहरीर नहीं है।
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