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    बहराइच में मोदी के उतरने को बना हैलीपैड हैलीकाप्टर उतरते ही धंसा

    By Nawal MishraEdited By:
    Updated: Sun, 11 Dec 2016 10:12 PM (IST)

    11 दिसंबर को परिवर्तन रैली में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार जिले में आएंगे। आगमन की तैयारियों के बीचा मोदी के उतरने के लिए बना हैलीपैड सेना का हैलीकाप्टर उतरते ही धंसगया।

    बहराइच (जेएनएन)। 11 दिसंबर को परिवर्तन रैली में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार जिले में आएंगे। इनके आगमन की तैयारिया जोरों पर हैं। इस दौरान मोदी का हेलीकॉप्टर उतारने के लिए बना हेलीपैड सेना का हेलीकॉप्टर उतरते ही धंस गया। इसके बाद अधिकारियों ने हेलीपैड को खारिज कर दिया। आगे की तैयारियां जारी हैं। दूसरी ओर इसके पहले मोदी की हर ट्रिप खुद उनके लिए शुभ परिणाम वाली रही है। यह महज इत्तेफाक है या बहराइच से जुड़ी यात्रा का कोई मिथक। जब भी मोदी बहराइच के दौरे पर आए तो चंद दिनों के भीतर ही उनकी सियासी प्रोफाइल में चार चांद जरूर लगा। वाकया चाहे उनके सीएम बनने का हो या 2014 में पीएम बनने का।

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    सेना का हेलीकॉप्टर उतरते ही धंसा हेलीपैड

    फिलहाल मोदी की रैली को लेकर बड़ी चूक उजागर हो गई और अधिकारियों ने हेलीपैड खारिज कर दिया। बहराइच के बिसवरविया में परिवर्तन रैली के मद्देनजर पीएम का हेलीकाप्टर उतारने के लिए तीन हेलीपैड बनाए गए थे। शुक्रवार को सेना का चॉपर जब ट्रायल के लिए हेलीपैड पर उतारा गया तो उसके दोनों पहिए जमीन में धंसने लगे। चॉपर के पायलट ने सतर्कता बरतते हुए स्थिति को संभालते हुए हेलीकॉप्टर के पहिए को धंसने से रोक लिया। हेलीपैड की खामियां को देख एसपीजी व सेना के अधिकारी सकते में आ गए। उन्होंने बहराइच के डीएम को दूसरा हेलीपैड बनाने का निर्देश दिया। प्रधानमंत्री के लिए बनाए गए इस हेलीपैड में बड़ी चूक का जिम्मेदार कौन है, अब इस बात की भी चर्चा शुरू हो गई। डीएम अभय ने बताया कि मानक के अनुसार हेलीपैड बनाए गए थे, लेकिन कुछ खामियां उजागर हुई हैं। दूसरा हेलीपैड बनाने के निर्देश दिए गए हैं।

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    डेढ़ दशक के अंतराल में पीएम मोदी का बहराइच में तीसरा कार्यक्रम है। जिले की स्मृतियों में मोदी के बीते पल लोगों को बरबस ही याद आ जाता है। वर्ष 2001 सितंबर में जब मोदी राष्ट्रीय महामंत्री संगठन के रूप में बहराइच आए थे और लगन पैलेस में बहराइच और कैसरगंज लोकसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर पार्टी को नई ऊर्जा दी थी। यहां से जाने के बाद मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने। मोदी को एक नई ताकत और ऊंचाई मिली। वर्ष 2013 नवंबर की आठ तारीख को लोकसभा चुनाव के पहले विजय शंखनाद रैली के लिए भी बहराइच पहुंचकर हुंकार भरी।

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    भारत-नेपाल सीमा से सटे बहराइच जिले में उनकी यह पहली रैली थी। मोदी ने यहीं से बम, बंदूक और पिस्तौल की राजनीति करने वालों तथा इंडियन मुजाहिदीन को जड़ से उखाड़ फेंकने का संकल्प दोहराया था। अब यूपी के 2017 विधानसभा चुनाव के पहले 11 दिसंबर को पीएम की बहराइच में आयोजित परिवर्तन रैली आयोजित की गई है। अब यूपी के विधानसभा चुनाव पर लोग कयास लगा रहे हैं।राजनीतिक पंडितों का कहना है कि बहराइच की रैली से विपक्षी दलों की भी नींद उड़ाने का काम करेगी।

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    अब देखना है कि आसन्न विधानसभा चुनाव में कमल को खिलाने के लिए मोदी अपने तरकश से कौन सा शब्द बाण चलाते हैं। यही नहीं, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी बहराइच में आने के बाद ही प्रधानमंत्री बने थे। महाराज सिंह इंटर कॉलेज के प्रांगण में लाल किला रूपी मंच से पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी ने संबोधित किया था और यहां से जाने के बाद प्रधानमंत्री बने थे।