चुनाव आयोग ने यूपी बोर्ड परीक्षा कार्यक्रम पर लगाई रोक
यूपी बोर्ड की परीक्षा तिथि घोषित करने पर चुनाव आयोग ने रोक लगा दी। सचिव माध्यमिक शिक्षा और निदेशक माध्यमिक शिक्षा को कल दिल्ली तलब कर लिया है।
लखनऊ (जेएनएन)। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा-2017 के गुरुवार को दिन में जारी कार्यक्रम पर देर शाम चुनाव आयोग ने रोक लगा दी। इजाजत के बगैर परीक्षा की तिथियां घोषित करने पर आयोग ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए शुक्रवार को सूबे के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा व निदेशक माध्यमिक शिक्षा को दिल्ली तलब भी कर लिया है। शुक्रवार को आयोग की बैठक के बाद 16 फरवरी से 20 मार्च के दरमियान परीक्षा के कार्यक्रम के साथ ही विधानसभा चुनाव की तिथियों की भी कुछ हद तक तस्वीर साफ हो सकती है।
दरअसल, माध्यमिक शिक्षा परिषद की सचिव शैल यादव ने गुरुवार मध्यान्ह में यूपी बोर्ड की परीक्षाएं 16 फरवरी से 20 मार्च तक कराए जाने का कार्यक्रम घोषित किया। परीक्षा कार्यक्रम की जानकारी मिलते ही हरकत में आए चुनाव आयोग ने राज्य के प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेन्द्र कुमार से संपर्क किया। बिना अनुमति के घोषित किए गए परीक्षा कार्यक्रम पर एतराज जताते हुए आयोग ने फिलहाल परीक्षा कार्यक्रम रोकने के निर्देश दिए। आयोग के कड़े रुख पर प्रमुख सचिव ने परिषद सचिव को परीक्षा का कार्यक्रम स्थगित करने के साथ ही गजट न जारी करने के निर्देश दिए हैं।
इस बीच शुक्रवार को चुनाव आयोग ने प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी टी. वेंकटेश के साथ ही प्रमुख सचिव माध्यमिक जितेन्द्र कुमार और निदेशक माध्यमिक अमरनाथ वर्मा को दिल्ली बुलाया है। गौर करने की बात यह है कि यदि आयोग ने परीक्षा के कार्यक्रम को रद करने के निर्देश दिए तो एक बात साफ हो जाएगी कि आयोग इस बीच ही चुनाव कराना चाहता है और यदि आयोग ने परीक्षा कार्यक्रम को यथावत बनाए रखने को हरी झंडी दे दी तो तय है कि चुनाव 20 मार्च के बाद ही होंगे।
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आयोग का निर्देश न मिलने पर जारी किया कार्यक्रम :
दिन में परीक्षा कार्यक्रम घोषित करते हुए परिषद सचिव शैल यादव ने बताया कि चुनाव आयोग ने राज्य के विधानसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर काफी पहले यूपी बोर्ड परीक्षाओं के कार्यक्रम के संबंध में जानकारी मांगी थी। बोर्ड की ओर से आयोग को यह जानकारी लिखकर भेजी गई थी कि इधर कुछ वर्षों से परीक्षाएं फरवरी मध्य से शुरू होकर मार्च के तीसरे सप्ताह तक खत्म हो रही हैं। इसके बाद भी आयोग की ओर से कोई निर्देश नहीं मिला। उन्होंने बताया कि पहले यह तैयारी की गई थी कि यदि आयोग ने जल्द चुनाव कराने का एलान किया तो परीक्षाएं उसी के आगे या फिर बाद में शुरू करा देंगे, लेकिन अब तक चुनाव कार्यक्रम का एलान न होने और आयोग की ओर से किसी तरह का निर्देश न मिलने पर परीक्षा तैयारियों की दिशा में बढऩा पड़ा।
सचिव ने कहा कि अब और इंतजार करना इसलिए उचित नहीं था, क्योंकि उससे परीक्षा तैयारियां प्रभावित होती। हर साल परीक्षा कार्यक्रम घोषित करने से पहले शासकीय अवकाश की सूची का इंतजार होता था, जो इस बार दिसंबर के पहले सप्ताह में ही जारी हो गई। इससे तारीखवार कार्यक्रम बनाना आसान हो गया। इसी बीच सीआइसीएसई (द काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन) ने भी छह फरवरी से परीक्षाओं का एलान कर दिया और अब सीबीएसई किसी भी दिन परीक्षा कार्यक्रम जारी कर सकता है। ऐसे में परिषद क्यों परीक्षाएं विलंबित करता।
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परिषद का यह था परीक्षा कार्यक्रम :
माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा यूपी बोर्ड की परीक्षा 2017 के गुरुवार दिन में घोषित किए गए कार्यक्रम के मुताबिक परीक्षाएं 16 फरवरी से शुरू होकर 20 मार्च 2017 तक चलनी थी। हाईस्कूल की परीक्षाएं 16 फरवरी से शुरू होकर 6 मार्च को खत्म होती जबकि इंटर की परीक्षाएं 16 फरवरी से शुरू होकर 20 मार्च तक चलनी थी। विदित हो कि पिछले वर्ष परीक्षा 18 फरवरी को शुरू होकर 21 मार्च को पूरी हुई थी। उल्लेखनीय है कि इस बार की हाईस्कूल की परीक्षा के लिए 34 लाख चार हजार 471 एवं इंटरमीडिएट में 26 लाख 24 हजार 681 समेत कुल 60 लाख 29 हजार 152 परीक्षार्थी पंजीकृत हैं, जो पिछले साल की अपेक्षा सात लाख 63 हजार 882 कम हैं।
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लगातार घट रही परीक्षा शुरू होने की तारीख :
प्रदेश भर के विद्यालयों में शैक्षिक सत्र बदलने का सबसे प्रभावी असर यूपी बोर्ड परीक्षा पर ही है। जब जुलाई से सत्र शुरू होता था, तब परीक्षाएं मार्च-अप्रैल में होती रही हैं, लेकिन 2015 से सत्र अप्रैल से शुरू करने के आदेश हुए तो परीक्षा की चाल भी बदल गई। इतना ही नहीं, लगातार परीक्षा शुरू होने की तारीख भी उसी रफ्तार से घट रही है। वर्ष 2015 में परीक्षाएं 19 फरवरी से शुरू होकर 23 मार्च तक चलीं, वर्ष 2016 में परीक्षा 18 फरवरी से शुरू होकर 21 मार्च तक चली और अब 2017 में परीक्षा 16 फरवरी से शुरू होकर 20 मार्च तक चलेंगी।