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    बदायूं में डेढ़ वर्ष की बच्ची को चाचा ने बनाया हवस का शिकार

    By Dharmendra PandeyEdited By:
    Updated: Tue, 24 Oct 2017 10:14 AM (IST)

    बिनावर में डेढ़ वर्ष की मासूम बच्ची के साथ हुई घटना ने सभी को इस बात से हिला कर रख दिया है कि घटना को अंजाम किसी और ने नहीं बल्कि उसके रिश्ते के चाचा ने ही दिया।

    बदायूं में डेढ़ वर्ष की बच्ची को चाचा ने बनाया हवस का शिकार

    बदायूं (जेएनएन)। रिश्ते के चाचा ने कल देर शाम बदायूं में डेढ़ वर्ष की बच्ची को अपनी हवस का शिकार बनाया। शराब के नशे में उसने बच्ची से दरिंदगी की। वहां पर इससे भी निंदनीय कृत्य तो जिला अस्पताल की डॉक्टर नाजिया ने किया। डॉक्टर नाजिया प्राइवेट क्लीनिक में डिलीवरी कराने गईं थी, जिसके कारण बच्ची को समय से चिकित्सा नहीं मिली। हालत खराब होने पर बच्ची को बरेली रेफर किया गया है। वहशी दरिंदे को पकड़ लिया गया है। 

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    बदायूं के बिनावर कस्बे में घर के बाहर खेल रही डेढ़ वर्ष की बच्ची को रिश्ते का चाचा कुछ खिलाने के बहाने उठा ले गया। नशे में धुत चाचा ने हैवानियत की हदें पार करते हुए उसके साथ दुष्कर्म किया। आरोपी ने भागने की कोशिश की, लेकिन पकड़ा गया। बच्ची को गंभीर हालत में जिला अस्पताल भेजा जहां वह इलाज के लिए डेढ़ घंटे तड़पती रही। डॉक्टर नाजिया निजी अस्पताल में डिलीवरी कराने गईं थीं। मामले में उनके खिलाफ भी लापरवाही का मुकदमा दर्ज हुआ है। 

    घटना कल देर शाम की है। बच्ची के रिश्ते का चाचा प्राइवेट एंबुलेंस चालक विवेक कुमार शराब के नशे में गली से गुजर रहा था। उसकी नजर जब मासूम पर पड़ी तो वह उसको गोद में उठाकर घर चल दिया। वह रिश्ते का चाचा और पड़ोसी था इसलिए किसी ने उसपर गौर नहीं किया। वह बच्ची को घर ले गया, जहां उसके साथ हैवानियत भरी घटना को अंजाम दे दिया। 

    अचानक बच्ची दरवाजे से गायब होने पर परिवार के लोगों ने आसपास तलाश की। किसी ने बताया कि उसको विवेक ले गया है। परिवार के लोग ब आरोपी के घर पहुंचे तो बच्ची खून से लथपथ चारपाई पर बेहोश पड़ी थी। उनको देख आरोपी ने भागने की कोशिश की, लेकिन परिवार वालों ने दरवाजा बंद कर दिया और फिर पुलिस को बुलाया। 

    मासूम को दुलार की जगह दे दिया जिंदगी भर का दर्द

    समाज में चाचा और भतीजा-भतीजी का पवित्र रिश्ता माना जाता है, वहीं समाज में छिपे कुछ भेडिय़े इन पावन रिश्तों को कलंकित करने से नहीं चूक रहे हैं। हवस में अंधे कुछ लोग ही जहां रिश्तों को बदनाम कर रहे हैं, वहीं समाज में दिन पर दिन इन खूनी रिश्तों को कमजोर करते जा रहे हैं। बिनावर में डेढ़ वर्ष की मासूम बच्ची के साथ हुई घटना ने सभी को इस बात से हिला कर रख दिया है कि घटना को अंजाम किसी और ने नहीं बल्कि उसके रिश्ते के चाचा ने ही दिया। वह भी इस तरह की वारदात के बारे में कोई कल्पना भी नहीं कर सकता, जो इस तरह की हरकत कोई कर जाएगा। मासूम बच्ची को वह अक्सर खिलाने के बहाने ले जाता था। उसके मन में क्या चल रहा था इस बारे में कोई सोच भी नहीं सका। वजह थी कि मासूम पर कोई गंदी नीयत रखेगा ऐसा इंसान तो दुनिया में नहीं होता।

    मगर, उस इंसान के अंदर अगर बहशी दरिंदा छिपा हो तो उसके कोई पहचान भी नहीं सका। एंबुलेंस चालक जब भी उस बच्ची को अपनी गोद में उठाकर ले जाता तो उसको दुकान से ढेर सारी चीजें दिलवाता था। कल उसके अंदर का शैतान जागा तो उसने रिश्तों को कलंकित कर दिया। मासूम को दुलार की जगह उसने जिंदगी भर का दर्द दे दिया जो उम्र भर उसके सीने में कसकता रहेगा। इस घटना के बाद लोगों का कहना है कि कानून भले ही इस दरिंदे को माफ कर दे, लेकिन समाज इसे माफ नहीं करेगा।

    बरेली रेफर

    दुष्कर्म की शिकार डेढ़ वर्ष की मासूम को यहां जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। एडीएम प्रशासन अजय कुमार श्रीवास्तव, एसपी सिटी कमल किशोरी, सीएमओ डॉ.नेमी चंद्रा भी पहुंचे और जायजा लिया। आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाया। बच्ची की हालत खराब होने पर चिकित्सकों ने बरेली रेफर कर दिया, घटना के खिलाफ लोगों में आक्रोश है।

    मासूम की जिंदगी से भी खेल गए बेदर्द डॉक्टर

    महिला अस्पताल में व्याप्त भ्रष्टाचार की पोल उस वक्त खुली जब बिनावर में दरिंदगी की शिकार हुई डेढ़ साल की मासूम दर्द से कराहती रही और जिम्मेदार निजी नर्सिंग होम में अपनी जेब भर रहे थे। मासूम की तड़प से पूरा अस्पताल परेशान था, लेकिन धरती के भगवानों को उसकी चीख सुनाई नहीं दी। यह जानकारी जब सीएमओ और एसपी सिटी को हुई तो उन्होंने बच्ची को बरेली रेफर कराने के बाद आरोपी डॉक्टर नाजिया के खिलाफ मुकदमे के आदेश दिए।

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    कोतवाली पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी है। दरिंदगी की शिकार मासूम को इलाज के लिए महिला अस्पताल लाया गया था। चूंकि मामला संगीन था इसलिए अस्पताल स्टाफ को पहले ही बता दिया गया था। जिला प्रशासन घटना को लेकर काफी गंभीर था, लेकिन महिला अस्पताल का स्टाफ अपनी मनमर्जी के मुताबिक अवैध वसूली में ही व्यस्त था। बच्ची इमरजेंसी में करीब एक घंटे तक तड़पी। मगर, उसको प्राथमिक उपचार तक नहीं दिया गया।

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    दो साल पहले भी हुई थी घटना

    करीब दो साल पहले बदायूं के लालपुल चौराहे के पास भी इसी तरह की हैवानियत हुई थी। तब पड़ोस में रहने वाले एक युवक ने यहां भी डेढ़ साल की मासूम को अपने साथ ले गया था और उसके साथ दरिंदगी की थी। समाज में हो रही इस तरह की घटनाएं चिंता का विषय बनी हुई हैं। बताते हैं कि वह युवक भी नशे की हालत में था जिसने घटना को अंजाम दिया था।

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    महिला चिकित्सक की गलती 

    सीएमओ डॉक्टर नेमी चंद्रा ने बताया कि महिला अस्पताल में तैनात डॉक्टर नाजिया की गलती सामने आई है। उस डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। जांच चल रही है जो भी दोषी हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

    केस दर्ज किया गया 

    एसपी सिटी कमल किशोर ने बताया कि डॉक्टर की काफी हद तक सामने आई है। उनके खिलाफ कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया है। मासूम का समय से इलाज नहीं दिया गया।

    मामला काफी गंभीर

    एसओ बिनावर ने कहा कि बच्ची को स्वास्थ्य परीक्षण के लिए अस्पताल भेजा गया है। मामला काफी गंभीर है। इस आरोपी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।

     

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