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    छात्रों के भविष्य से नहीं हो सकेगा खिलवाड़, स्कूलों में लगी बायोमैट्रिक मशीनें

    By amal chowdhuryEdited By:
    Updated: Mon, 31 Jul 2017 01:46 PM (IST)

    पूरे जनपद में सीसीटीवी कैमरे व बायोमैट्रिक सिस्टम लगाने के लिए डीआइओएस ने बैठक भी बुलाई है। ...और पढ़ें

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    छात्रों के भविष्य से नहीं हो सकेगा खिलवाड़, स्कूलों में लगी बायोमैट्रिक मशीनें

    आजमगढ़ (जागरण संवाददाता)। आजमगढ़ में शिक्षा के मंदिर में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले शिक्षकों पर लगाम लगाने के लिए प्रदेश सरकार ने पूरी तरह से बायोमैट्रिक हाजिरी की व्यवस्था शुरू कर दी है। प्रदेश सरकार का यह आदेश जिला मुख्यालय पर आकर नेतागिरी करने वाले शिक्षकों के लिए जी का जंजाल बन गया है।

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    अब वह सुबह भी सही समय से स्कूल जहां पहुंच रहे हैं वहीं तीन टाइम की हाजिरी भी लगा रहे हैं। शिक्षकों के विद्यालय में रहने की वजह से शिक्षा के मंदिर गुलजार हैं और बच्चों को भी शिक्षक स्कूल आने का दबाव बना रहे हैं। इससे छात्रों की पढ़ाई जहां पूरी होगी वहीं साक्षरता की दर भी बढ़ेगी।

    शहर के कई विद्यालयों में बायोमैट्रिक सिस्टम लगा दिया गया है। पूरे जनपद में सीसीटीवी कैमरे व बायोमैट्रिक सिस्टम लगाने के लिए डीआइओएस ने बैठक भी बुलाई है। ऐसे में अब शिक्षकों पर पूरी तरह लगाम लग गई है। विभाग की तरफ से सभी विद्यालयों में सीसीटीवी कैमरे व बायोमैट्रिक मशीन जल्द से जल्द लगवाने के लिए निर्देशित किया जा चुका है।

    इसकी रणनीति बन चुकी है। तमाम विद्यालयों ने यह प्रक्रिया पूरी भी कर ली है। शहर के वेस्ली कालेज में दो जुलाई को ही पंचिग मशीन व सीसी टीवी कैमरा लगा दिया गया है। विद्यालय में प्रवेश प्रक्रिया युद्धस्तर पर शुरू है। अब तक करीब 200 नए छात्रों का पंजीकरण भी हो चुका है।

    बीते दिनों शिब्ली कालेज में बैठक कर सभी प्रधानाचार्यों को शासन के निर्देशों से अवगत कराया जा चुका है। सभी लोगों को जल्द से जल्द बायोमैट्रिक मशीन व सीसीटीवी कैमरा लगाने के लिए निर्देशित कर दिया गया है। बिना बायोमैट्रिक हाजिरी के लोगों को वेतन भी नहीं मिलेगा।

    ऐसे में हर हाल में शिक्षकों को हाजिरी लगाना जरूरी है। इसे लेकर शिक्षकों के समक्ष संकट उत्पन्न हो गया है। सुबह जाने के वक्त भी हाजिरी, लंच के दौरान दोपहर भी हाजिरी और घर जाते वक्त भी हाजिरी लगानी है। अधिकांश विद्यालयों में अध्यापक केवल सुबह हस्ताक्षर के लिए जाते थे। उसके बाद वह राजनीति करते थे।

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    यानी छात्रों को शिक्षा देने की जगह वह जिला मुख्यालय का रास्ता पकड़ लेते थे। इस तरह के तमाम शिक्षक केवल सरकार के राजस्व को चूना लगा रहे हैं। शिक्षक जेएस शुक्ला ने कहा कि अब तीन टाइम हाजिरी लगानी पड़ रही है। आने-जाने का समय भी सीसीटीवी कैमरे में कैद हो रहा है। ऐसे में उन लोगों के समक्ष संकट उत्पन्न हो गया है। वह लोग प्रतिदिन विद्यालय जा रहे हैं।

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