सूफी संत की तीन तलाक देने वालों पर सरकार से बड़ा जुर्माना लगाने की मांग
मुस्लिम संगठन के साथ ही अब सूफी संत भी तीन तलाक के खिलाफ हैं। अलीगढ़ में कल सूफी संत ने तो तीन तलाक देने वालों पर बड़ा जुर्माना लगाने की मांग कर दी है।
अलीगढ़(जेएनएन)। देश में तीन तलाक को लेकर चल रही बहस चरम पर है। इसी बीच कुछ मुस्लिम संगठन के साथ ही अब सूफी संत भी तीन तलाक के खिलाफ हैं। अलीगढ़ में कल सूफी संत ने तो तीन तलाक देने वालों पर बड़ा जुर्माना लगाने की मांग कर दी है।
अलीगढ़ में गुजरात से आए सूफी संत एमके चिश्ती ने कहा कि तीन तलाक देने वालों पर सरकार को जुर्माना लगाना चाहिए। अगर सरकार ऐसे लोगों पर अर्थदंड लगाती है तो निश्चित रूप से मुस्लिम महिलाओं का उत्पीडऩ रुकेगा। तलाक देने वाले को भी सौ बार सोचना पड़ेगा।
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ओमप्रकाश भारद्वाज चैरिटेबल ट्रस्ट के बुलावे पर खिरीरी मस्तीपुर धाम में हनुमान जयंती समारोह में हिस्सा लेने के बाद चिश्ती कल पत्रकारों से रूबरू हुए। उन्होंने कहा कि पवित्र कुरान में भी तीन तलाक को ठीक नहीं बताया गया है। यह गुनाह है। इसे रोकने के लिए प्रतिबंध लगाना जरूरी नहीं है। सरकार नियम बनाए कि जो भी तीन तलाक दे, उसके खिलाफ अर्थदंड लगाया जाए।
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पीडि़त को भी कुछ मदद मिल सके और तलाक देने वाले दोबारा ऐसा साहस न कर सकें। चिश्ती ने कहा कि भारत को नई ऊंचाइयों पर सूफी व संत ले जा सकते हैं। दोनों के विचार काफी मिलते हैं, इसलिए राममंदिर विवाद का हल भी इन्हें ही निकालना चाहिए।
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उन्होंने कहा कि आतंकी कसाब भी सूफी विचारधारा से प्रभावित था, वह लेकिन कट्टरपंथियों के साथ आकर आतंकी बन गया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने गुजरात की तस्वीर बदल दी। 14 वर्षों में गुजरात को दंगा मुक्त कर दिया। कांग्रेस-राज में अक्सर दंगे होते थे। गोहत्या पर कहा कि पैगंबर साहब भी गाय के गोश्त को जहर व गाय के दूध-दही को दवा बताते थे।
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