तीन तलाक प्रथा डेढ़ साल में खत्म कर देगा मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
बोर्ड ने सर्वोच्च न्यायालय में विवादास्पद ट्रिपल तलाक के खिलाफ दायर जनहित याचिका का विरोध किया है।बुधवार को बोर्ड ने कहा कि मौखिक तलाक की प्रथा एक से डेढ़ साल में खत्म हो जाएगी।
नई दिल्ली(एएनअाई)। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का कहना है कि बोर्ड खुद ही अगले डेढ़ साल में तीन बार तलाक बोलने की प्रथा को खत्म कर देगा। सरकार को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
बोर्ड ने सर्वोच्च न्यायालय में विवादास्पद ट्रिपल तलाक के खिलाफ दायर जनहित याचिका का विरोध किया है।बुधवार को बोर्ड ने कहा कि मौखिक तलाक की प्रथा एक से डेढ़ साल में खत्म हो जाएगी।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष डॉ. सैयद सादिक के हवाले से शिवसेना के मुखपत्र सामना में कहा गया है कि ट्रिपल तलाक पूरे भारत में कई मुस्लिम परिवारों को बर्बाद कर दिया है। लिंग समानता और महिलाओं की गरिमा के खिलाफ कोई समझौता नहीं सकता है। उन्होंने कहा कि बोर्ड ने फैसला लिया है कि एक से डेढ़ साल के अंदर इस प्रथा को खत्म कर दिया जाएगा, सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का यह कथन उस बयान के बाद अाया है जिसमें बोर्ड की महिला शाखा की अायशा जोहरा ने कहा था कि तीन तलाक मामले में किसी का भी हस्तक्षेप मंजूर नहीं होगा, फिर चाहे वह सरकार ही क्यों न हो। जयपुर में हुए बोर्ड के दो दिवसीय सेमिनार में देशभर से आईं करीब 20 हजार मुस्लिम महिलाओं ने तीन तलाक के समर्थन में आवाज उठाई है।
इस सम्मेलन में महिलाओं ने तलाक को कुरआन और शरीयत के अनुसार बताया गया और कहा कि इसके हक में देशभर से मुस्लिम महिलाओं से साढ़े तीन करोड़ फार्म मिले हैं।
वहीं बोर्ड के उपाध्यक्ष मौलाना कल्बे सादिक ने मुसलमानों को गोमांस खाने से बचने की भी सलाह दी। उन्होंने कहा कि तीन तलाक प्रथा महिलाओं के पक्ष में नहीं है। लेकिन यह समुदाय का निजी मसला है और वे खुद एक-डेढ़ साल के भीतर इसे सुलझा लेंगे। मौलाना ने कहा, यदि सरकार देश में गोवध और बीफ खाने पर प्रतिबंध लगाने के लिए कोई कानून लाती है तो मुसलमान उसका स्वागत करेंगे। उन्होंने कथित गोरक्षकों की गैरकानूनी गतिविधियों की आलोचना करते हुए उन्हें बंद करने की मांग की। राम मंदिर के मामले पर, उन्होंने कहा कि विवाद अब खत्म होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को वहां मस्जिद बनाने की जिद नहीं करनी चाहिए जहां मंदिर बनना है।
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