गूगल प्ले स्टोर से UC ब्राउजर को हटाया गया, डाटा चोरी का आरोप
पिछले दो महीने से यूसी ब्राउजर पर डाटा चोरी के आरोप का मामला चल रहा है। गूगल ने अब इस पर कदम उठाया है
नई दिल्ली(जेएनएन)। गूगल ने प्ले स्टोर से 30 दिन के लिए यूसी ब्राउजर को हटा दिया है। इसका मतलब है की यूजर्स अब एक महीने के लिए प्ले स्टोर से यूसी ब्राउजर डाउनलोड नहीं कर पाएंगे। ऐसा सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखकर किया गया है। यूसी ब्राउजर पर भारतीय यूजर्स का डाटा अपने सर्वर भेजने का आरोप लगा है। इसी के साथ यूसी ब्राउजर पर यह आरोप भी लगाया जा रहा है की यूजर के ब्राउजर अनइंस्टाल करने या ब्राउजिंग हिस्ट्री डिलीट करने के बाद भी यूसी का डिवाइस पर पूरा कंट्रोल रहता है।
दो महीने से चल रहा था विवाद
यूसी ब्राउजर पर सुरक्षा मानकों को लेकर पिछले दो महीने से विवाद चल रहा था। इस मामले में भारत सरकार ने यूसी से पूछताछ करने के साथ-साथ सरकारी डिजिटल लैब से इसकी जांच करने के लिए भी कहा था।
स्टैटकॉउंटर और गूगल ने यूसी को पाया दोषी
डाटा रिसर्च फर्म स्टैटकॉउंटर ने इस बारे में कहा की यूसी ब्राउजर फोन का IMEI नंबर और लोकेशन जैसी जानकारियां चीन स्थित अपने सर्वर पर भेज रहा है। इसी के साथ गूगल ने भी यूसी को अपनी पॉलिसी के खिलाफ यूजर्स का निजी डाटा स्टोर करते हुए पाया और इसके चलते यूसी को प्ले स्टोर से हटा दिया।
गूगल भी चोरी में पीछे नहीं
यूसी ही नहीं गूगल पर भी वॉयस असिस्टेंट फीचर के जरिए यूजर्स की जासूसी करने का आरोप लगा है। डाटा रिसर्च कंपनी माउंटेन व्यू ने गूगल वॉयस अस्सिटेंट द्वारा स्टोर किए डाटा की स्टडी की। इससे सामने आया की फोन पर वॉयस असिस्टेंट फीचर बंद होने के बाद भी यह फीचर यूजर की कही गई बातों को रिकॉर्ड करता है। रिपोर्ट के अनुसार वॉयस अस्सिटेंट का इस्तेमाल कर रहे यूजर्स को गूगल अकाउंट से लॉगिन कर My Activity सेक्शन में जाना चाहिए। अगर उन्हें यहां कोई निजी जानकारी दिखे तो वो डिलीट एक्टिविटी का विकल्प इस्तेमाल कर सकते हैं।
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