किसी भी वर्ष के मुकाबले 2017 में हैं सबसे ज्यादा आउटडेटेड एंड्रॉयड डिवाइसेज
एक विश्लेषण में एंड्रॉयड स्मार्टफोन्स के आउट ऑफ डेट होने के ग्राफ को बताया है, जानें
नई दिल्ली (जेएनएन)। एंड्रॉयड अपडेट के चलते आ रही परेशानी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। यह बात हार्डवेयर इंजीनियर डैन लू द्वारा किए गए विश्लेषण में सामने आई है। वर्ष 2010 से लेकर आजतक आउटडेटेड एंड्रॉयड डिवाइस के आंकड़ों को देखने के लिए डैन लू ने गूगल के डेवलपर डैशबोर्ड डाटा का इस्तेमाल किया है। इस विश्लेषण में डैन लू ने पाया कि वर्ष 2014 में जितनी आउटडेटेड डिवाइस थी उसे कई ज्यादा डिवाइस आज मौजूद हैं।
आउटडेटेड एंड्रॉयड डिवाइस के ग्राफ में बढ़ोतरी:
इसके अतिरिक्त वर्ष 2014 में गूगल के एक्टिव मासिक यूजर्स ने 1 बिलियन का आंकड़ा पार किया था जो वर्ष 2015 के मध्य तक 1.4 बिलियन हो गया था। वहीं, मई 2017 तक यह आंकड़ा 2 बिलियन तक पहुंच गया है। जब मार्किट शेयर को देखा गया तो आउटडेटेड एंड्रॉयड डिवाइस का ग्राफ 80 से 100 फीसद के बीच था। देखा जाए तो यह आंकड़ा बुहत ज्यादा है।
डिवाइस के आउटेडेटड होने का कारण:
डैन लू ने बताया कि ज्यादा पुरानी एक्टिव डिवाइसेज का मौजूद होना भी डिवाइस के आउटेडेटड होने का एक बड़ा कारण हो सकता है। ऐसा इसलिए भी हो सकता है कि गूगल के एंड्रॉयड वर्जन डिस्ट्रीब्यूशन चार्ट में अभी भी मई 2010 में रिलीज हुआ जिंजरब्रैड और अक्टूबर 2011 में जारी हुआ आईस क्रीम सैंडविच वर्जन मौजूद हैं। लेकिन डैन लू का ग्राफ यह भी दर्शाता है कि एंड्रॉयड के नए वर्जन्स स्लो हो रहे हैं। इसका मुख्य कारण यह हो सकता है कि कम यूजर्स नई डिवाइस खरीद रहे हैं और कुछ ही यूजर्स को नए एंड्रॉयड अपडेट मिल रहे हैं। यह ग्राफ दर्शाता है कि 1 बिलियन से ज्यादा डिवाइस ऐसी हैं जो दो वर्ष से पुरानी हैं।
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