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    छड़ी मुबारक का भूमि पूजन व ध्वजारोहण

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    Updated: Sun, 13 Jul 2014 09:49 PM (IST)

    व्यास पूर्णिमा पर शनिवार सुबह पहलगाम कस्बे में लिद्दर दरिया के किनारे हर-हर महादेव के जयघोष के साथ पवित्र छड़ी मुबारक का भूमि पूजन और ध्वजारोहण संपन्न हुआ। इसी के साथ पौराणिक व सनातन मान्यताओं के मुताबिक बाबा बर्फानी की पवित्र यात्रा भी शुरू हो गई। हालांकि श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की ओर से 2

    श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। व्यास पूर्णिमा पर शनिवार सुबह पहलगाम कस्बे में लिद्दर दरिया के किनारे हर-हर महादेव के जयघोष के साथ पवित्र छड़ी मुबारक का भूमि पूजन और ध्वजारोहण संपन्न हुआ। इसी के साथ पौराणिक व सनातन मान्यताओं के मुताबिक बाबा बर्फानी की पवित्र यात्रा भी शुरू हो गई। हालांकि श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की ओर से 28 जून से ही यात्रा शुरू कर दी गई है। अभी तक लगभग दो लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन भी कर चुके हैं।

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    भूमि पूजन और ध्वजारोहण के बाद पवित्र छड़ी मुबारक के संरक्षक और दशनामी अखाड़ा के महंत दिपेंद्र गिरी ने बताया कि आज से श्री अमरनाथ की तीर्थयात्रा सनातन परंपरा के मुताबिक प्रारंभ हो रही है। उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रा का महत्व तभी है, जब उसे धार्मिक रीतियों के अनुसार ही किया जाए। इसलिए उन्हीं श्रद्धालुओं को बाबा बर्फानी के दर्शन का पुण्यलाभ होगा जो शास्त्रों के मुताबिक बताए गए विधान के मुताबिक ही यात्रा करेंगे। महंत दिपेंद्र गिरी ने यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं से कहा कि वह यात्रा करते हुए पर्यावरण संरक्षण का भी पूरा ध्यान रखें।

    इससे पूर्व तड़के कड़ी सुरक्षा के बीच श्रीनगर स्थित दशनामी अखाड़ा से महंत दिपेंद्र गिरी की अगुवाई में पवित्र छड़ी मुबारक पहलगाम के लिए रवाना हुई। रास्ते में मरतड मंदिर में छड़ी मुबारक भगवान सूर्य की आराधना के लिए रुकी। पहलगाम में पूजा अर्चना के बाद छड़ी मुबारक सायंकाल वापस दशनामी अखाड़ा लौट आई। पवित्र छड़ी मुबारक पवित्र गुफा के लिए रवाना होने से पूर्व 26 जुलाई को अमावस्या की सुबह गोपाद्री पर्वत पर स्थित शंकाराचार्य मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए जाएगी। उसके बाद 27 जुलाई को प्रतिपदा के दिन हारि पर्वत में मां शारिका की पूजा के लिए छड़ी मुबारक जाएगी और वापस दशनामी अखाड़ा आएगी। तीन दिन बाद 30 जुलाई को तृतिया के दिन दशनामी अखाड़ा में ही भगवान अमरेश्वर के मंदिर में छड़ी स्थापना और ध्वजारोहण होगा।

    पहली अगस्त शुक्रवार की शाम चार बजे दशनामी अखाड़ा में पवित्र छड़ी पूजन होगा। उसके बाद पांच अगस्त तक पवित्र छड़ी मुबारक का श्रद्धालु दशनामी अखाड़ा में दर्शन कर सकेंगे। छह अगस्त की सुबह दशमी के दिन पवित्र छड़ी मुबारक पहलगाम के लिए प्रस्थान करेगी। पहलगाम पहुंचने से पहले दुर्गानाग, सूर्येश्वर, पांपोर, बीजबेहाड़ा, मट्टन सूर्य मंदिर में पूजा अर्चना के लिए पवित्र छड़ी सनातन परंपराओं का निर्वाह करते हुए पूजा अर्चना के लिए रुकेगी। शाम को पहलगाम में पहुंचने के बाद रात्रि विश्राम होगा। सात अगस्त शनिवार को एकादशी के दिन पूजा अर्चना के बाद पवित्र छड़ी मुबारक चंदनबाड़ी के लिए प्रस्थान करेगी और वहीं पर रात्रि विश्रम करेगी। आठ अगस्त को चंदनबाड़ी से पवित्र छड़ी मुबारक शेषनाग के लिए प्रस्थान करेगी। 10 अगस्त को पवित्र छड़ी मुबारक भगवान शंकर की पवित्र गुफा में प्रवेश करेगी।

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