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    अमरनाथ यात्रा: आए मदद करने, कर रहे हैं दरबदर

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    Updated: Tue, 08 Jul 2014 12:16 PM (IST)

    राज्य सड़क परिवहन निगम (एसआरटीसी) की कार्यप्रणाली से अमरनाथ श्रद्धालु खफा हैं। निगम के कर्मी निजी मोटर व्हीकल कंपनियों को फायदा देने के लिए यात्रियों को परेशान तो कर ही रहे हैं, वहीं विभाग को मिलने वाले राजस्व को भी चूना लग रहा है। श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन कर बालटाल पहुंचते हैं तो वहां पर उन्हें एसआरटीसी का

    बालटाल। राज्य सड़क परिवहन निगम (एसआरटीसी) की कार्यप्रणाली से अमरनाथ श्रद्धालु खफा हैं। निगम के कर्मी निजी मोटर व्हीकल कंपनियों को फायदा देने के लिए यात्रियों को परेशान तो कर ही रहे हैं, वहीं विभाग को मिलने वाले राजस्व को भी चूना लग रहा है। श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन कर बालटाल पहुंचते हैं तो वहां पर उन्हें एसआरटीसी का काउंटर ढूंढ़ने में दिक्कतें होती हैं।

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    एसआरटीसी ने अपना बोर्ड तक नहीं लगाया है, जिससे पता चले कि बस की टिकट यहीं से मिलेगी। ऐसे में यात्रियों को मजबूर होकर निजी यात्री वाहनों के काउंटर पर जाना पड़ रहा है। जोकि जोर जोर से आवाज लगाकर श्रद्धालुओं को बुकिंग करवाने के लिए कहते हैं। पिछले वर्ष की तरह इस बार भी बालटाल में एसआरटीसी का काउंटर एक दुकान की बगल में खुले आसमान के तले चल रहा है। बालटाल से जम्मू जाने के लिए एसआरटीसी बसों का निर्धारित किराया 510 रुपये प्रति यात्री है, जबकि निजी वाहनों में यह किराया 550 रुपये है। जब यात्री निजी वाहनों में आते हैं तो उनके चालक रास्ते में मनमर्जी के होटलों में गाड़ी रोकते हैं।

    बालटाल में तैनात एसआरटीसी के दो कर्मियों को कोई परवाह नहीं। जब उनका मन करता है वह अपनी प्लास्टिक की कुर्सी व टेबल को उस दुकान की बगल से उठाते हैं और गायब हो जाते हैं। निजी बसें भरने के बाद ही वे वापस आते हैं। ऐसे में एसआरटीसी की बस भरने में तीन से चार घंटे लग जाते हैं। दिल्ली से आए रमन कुमार ने कहा कि पिछले कई माह से यहां की सरकार अमरनाथ यात्रा की तैयारियों को लेकर बड़े बड़े दावे कर रही थी, परंतु यहां तो कुछ सरकारी विभाग ही यात्रियों को लूटने में लगे हैं। मथुरा से लक्ष्मी बाई, गुजरात से नरेंद्र पटेल ने कहा कि एसआरटीसी के ऐसे कर्मियों पर नकेल कसी जानी चाहिए। वहीं, साधु समाज के लोग भी काफी दरबदर हो रहे हैं। जम्मू से भले ही उनके लिए अलग बसों का इंतजाम हो रहा हो, लेकिन लौटते समय उन्हें बस के फर्श पर भी बैठने के लिए जगह नहीं मिल रही है।

    निगम के कर्मचारी ईमानदारी से नहीं निभा रहे अपनी ड्यूटी-

    एसआरटीसी ने अमरनाथ यात्रा के लिए कुछ निजी बसों को अपने साथ अटैच किया है, लेकिन बालटाल में कई कई दिनों तक नंबर न आने से यह बस चालक काफी परेशान हैं। चालक मोहिंद्र ने बताया कि वह पिछले चार दिन से बालटाल में खड़े हैं, लेकिन उनकी बस को यहां से नहीं भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें केवल आने व जाने के पैसे ही मिलेंगे, जबकि उनके जो चार दिन यहां बेकार गए हैं उनका कुछ नहीं मिलेगा। इसी बीच अन्य चालकों ने कहा कि वह इस बार तो निगम के साथ अपनी बसें अटैच करने की गलती कर चुके हैं। भविष्य में ऐसी गलती नहीं करेंगे।