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केदारनाथ कूच पर अड़े पुरोहित, टकराव के आसार

केदारनाथ कूच को लेकर प्रशासन और तीर्थ पुराहितों के बीच टकराव के आसार बनते नजर आ रहे हैं। एक ओर सरकार चुनिंदा लोंगों के साथ

By Edited By: Published: Mon, 09 Sep 2013 07:33 PM (IST)Updated: Mon, 09 Sep 2013 07:43 PM (IST)

रुद्रप्रयाग, [जासं]। केदारनाथ कूच को लेकर प्रशासन और तीर्थ पुराहितों के बीच टकराव के आसार बनते नजर आ रहे हैं। एक ओर सरकार चुनिंदा लोंगों के साथ 86 दिनों बाद 11 सितंबर को केदारनाथ में पूजा शुरू कराने जा रही है, वहीं अपनी उपेक्षा से तीर्थ पुरोहित आहत हैं। वे मंगलवार सुबह गुप्तकाशी से केदारनाथ के लिए रवाना होंगे। उनका कहना है कि वे पैदल ही परंपरागत मार्ग से जाएंगे। उधर, पुलिस अधीक्षक बीजे सिंह ने कहा कि 'बिना इजाजत किसी को भी केदारनाथ नहीं जाने दिया जाएगा।'

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रविवार को तीर्थ पुराहितों का संगठन केदारसभा ऊखीमठ में आयोजित बैठक में अपनी मंशा साफ कर चुका है। तीर्थ पुरोहित विष्णुकांत शुक्ला ने बताया कि गुप्तकाशी में चालीस से अधिक गांवों के पुरोहित एकत्रित होंगे। यहां से वाहनों के जरिये सोनप्रयाग पहुंचकर पैदल कूच किया जाएगा। गौरतलब है कि केदारनाथ में होने वाली पूजा में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा समेत 142 लोग ही भाग लेंगे। इनमें तीर्थ पुरोहितों की संख्या मात्र सात है। यही वजह है कि तीर्थ पुरोहितों का एक बड़ा धड़ा केदारनाथ जाने पर अड़ा है। तीर्थ पुरोहित व जिला पंचायत सदस्य केशव तिवारी ने आरोप लगाया कि प्रशासन उनके हक-हकूक समाप्त करने का कुचक्र कर रही है, जिसका विरोध किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी यदि पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश भी की तो वे वहीं धरने पर बैठ जाएंगे। दूसरी तरफ प्रशासन भी सख्त तेवर अपनाए हुए है। सोनप्रयाग, गौरीकुंड, चौमासी, त्रिजुगीनारायण के साथ ही केदारनाथ में पुलिस चौकी स्थापित की जा चुकी है। अपर राहत आयुक्त गुप्तकाशी नितिन भदोरिया ने कहा कि कानून व्यवस्था में खलल डालने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा।

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