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लघुकथा: राजकुमारी और सांप

महाराज आपको अपने कर्मो का फल अवश्य मिले' रोज-रोज के ये कड़वे वचन सुनकर राजा अपनी दूसरी पुत्री से तंग आ गया था

By Babita kashyapEdited By: Published: Wed, 09 Nov 2016 11:59 AM (IST)Updated: Wed, 09 Nov 2016 12:05 PM (IST)

राजा देवशक्ति का एक ही पुत्र था जिसके पेट में एक सांप रहता था इससे राजकुमार अत्यंत दुर्बल हो गया था। राज वेदों ने उसकी चिकित्सा की लेकिन वह फिर भी ठीक नहीं हो पाया जिसकी वजह से राजा बहुत दुखी था। निराश होकर राजकुमार ने एक दिन चुपके से घर छोड़ दिया और भटकते-भटकते किसी अन्य राज्य में आ पहुंचा तो वहां वो भिक्षा मांग कर खा लेता और एक मंदिर में सो जाया करता था। उस राज्य के राजा का नाम बलि था और उसकी दो पुत्रिया थी और दोनों ही युवा थी। अपने पिता को रोज सवेरे प्रणाम करते समय उनमें से एक राजा से कहती 'महाराज की जय हो ताकि हम सब उनके राज्य में सुखी रहे' जबकि दूसरी हमेशा ये कहती 'महाराज आपको अपने कर्मो का फल अवश्य मिले' रोज-रोज के ये कड़वे वचन सुनकर राजा अपनी दूसरी पुत्री से तंग आ गया था और अपने मंत्रियों को एक दिन आदेश दे दिया कि इसकी शादी किसी परदेशी से कर दो ताकि ये अपने कर्मो का फल भुगते।

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इस पर मंत्रियों ने उस राजकुमारी की शादी उस मंदिर में रहने वाले भिखारी राजकुमार से कर दी इस पर वह राजकुमारी जरा भी विचलित नहीं हुई और मन से अपने पति की सेवा करने लगी। कुछ दिनों बाद वो किसी दूसरे राज्य में चले गये और किसी सरोवर के किनारे अपना बसेरा बना लिया एक दिन वह राजकुमारी अपने पति को घर में ही छोड़ भोजन के लिए गयी तो पीछे से राजकुमार जब सो रहा था तो उसके पेट वाला सांप हवा खाने के लिए बाहर निकल आया इस पर पास के ही एक अन्य बिल वाला सांप भी निकल आया और दोनों बातें करने लगे ।

बिल वाला सांप कहने लगा तुम क्यों राजकुमार केपेट में पड़े हो और उसे दुखी कर रखा है तो राजकुमार के पेट वाले सर्प ने कहा तुम भी तो अपने बिल के नीचे दबे धन की रखवाली कर रहे तो बिल वाले सांप ने कहा क्या कोई यह नहीं जानता कि अगर राई का घोल राजकुमार को पिला दिया जाये तो तुम मर जाओगे इस पर पेट वाले सांप ने भी उसका राज खोलते हुए कहा क्या कोई ये नहीं जानता कि अगर गर्म खौलता हुआ तेल तुम्हारे बिल में डाल दिया जाये तो तुम भी नष्ट हो जाओगे इस पर राजकुमारी जो जल्दी लौट आई थी उसने चुपके से इनकी बातों को सुन लिया और दोनों तरीको से दोनों सर्पों को नष्ट कर जमीन के नीचे गड़े धन को लेकर अपने राज्य लौट गयी और सर्प के मर जाने से राजकुमार भी जल्दी स्वस्थ हो गया और दोनों सुखमय जीवन व्यतीत करने लगे।

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