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कंबाइन इंडस्ट्री को और श्रमिकों की आवश्यकता, 50 फीसद से नहीं चलेगा काम

कंबाइन इंडस्ट्री श्रमिकों की कटौती से परेशान हैं। इंडस्ट्री मालिकों का कहना है कि वह सिर्फ पचास फीसद श्रमिकों से काम नहीं ले सकते।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 20 Apr 2020 08:40 AM (IST)Updated: Mon, 20 Apr 2020 09:04 AM (IST)
कंबाइन इंडस्ट्री को और श्रमिकों की आवश्यकता, 50 फीसद से नहीं चलेगा काम
कंबाइन इंडस्ट्री को और श्रमिकों की आवश्यकता, 50 फीसद से नहीं चलेगा काम

जेएनएन, पटियाला/अमृतसर। कंबाइन इंडस्ट्री को और श्रमिकों की आवश्यकता है। श्रमिकों की संख्या में पचास फीसद कटौती से कंबाइन इंडस्ट्री परेशान है। नाभा के प्रीत ट्रैक्टर व कंबाइन निर्माता और भादसों में करतार कंबाइन निर्माताओं ने सरकार से और राहत की मांग की है। कहा, सीजन निकलने के कगार पर है। ऐसे में लेबर की कमी नहीं होनी चाहिए।

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उद्योगपति सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के मुताबिक फैक्टरी चलाने मे असमर्थता जता रहे हैं। जिले में चल रही ट्रैक्टर और कंबाइन इंडस्ट्री संचालकों की मानें तो फैक्टरी में शारीरिक दूरी का बिल्कुल पालन नहीं किया जा सकता। दूसरी ओर जहां एक हजार मजदूर एक साथ काम करता है, वहां पांच सौ मजदूरों से काम नहीं लिया जा सकता। नाभा के प्रीत ट्रैक्टर और कंबाइन उत्पादक और कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर हरी सिंह ने कहा कि आधे अधूरे इंतजामों और कम लेबर के साथ काम मुश्किल है।

उन्होंने कहा कि सरकार की छूट के बाद भी वे समझ नहीं पा रहे कि काम कैसे शुरू करें। मुश्किल की घड़ी में सरकार राहत देना चाहती है तो इंडस्ट्रीज के मजदूरों का वेतन उनके खातों में डाले। एक तरफ सरकार कर्फ्यू पास न देने की बात कर रही है, जबकि कंबाइन रिपेयर करने के लिए पंजाब व दूसरे राज्यों में मैकेनिकों को जाना पड़ता है, जिसके लिए पास जरूरी हैं। जीएसटी को कम किया जाना चाहिए।

भादसों की करतार कंबाइन के निदेशक मनप्रीत ने कहा कि फैक्टरी में लगी खरादों पर मुलाजिमों के खड़े होने का फासला एक फीट तक है। ऐसे में शारीरिक दूरी तो संभव ही नहीं। फैक्टरी मालिकों को दी गई गाइडलाइन का पालन संभव ही नहीं। दूसरी ओर अगर क्षमता से कम काम किया तो अधिक नुकसान होगा। सरकार फैक्टरी को राहत दे और होने वाले खर्च में सहायता करे तो कहीं जाकर काम कर सकते हैं। लेबर भी कम है।

गेहूं की खरीद के बीच डीएफएससी ने बदले पांच इंस्पेक्टर

उधर, पंद्रह अप्रैल से शुरू हुई गेहूं की खरीद के बीच अमृतसर के जिला खाद्य आपूर्ति कंट्रोलर (डीएफएससी) लखविंदर सिंह ने रविवार को छुट्टी वाले दिन पांच इंस्पेक्टरों का तबादला कर दिया। इसे लेकर इंस्पेक्टरों में नाराजगी है कि खरीद के दौरान किए तबादले जानबूझ कर किए हैं। चौगांवा मंडी में तैनात इंस्पेक्टर गुरप्रीत सिंह की जगह गुरसिमरन सिंह, इंस्पेक्टर गुरसिमरन सिंह की जगह इंस्पेक्टर गुरप्रीत सिंह, टांगरा मंडी में तैनात इंस्पेक्टर जसदेव सिंह की जगह इंस्पेक्टर गगनदीप सिंह, मजीठा के पाखरपुरा मंडी में इंस्पेक्टर मनप्रीत सिंह की जगह आशीष महाजन और रइया मंडी में तैनात इंस्पेक्टर गगनदीप सिंह की जगह इंस्पेक्टर अमङ्क्षरदर सिंह को तैनात किया गया है। डीएफएससी लखविंदर सिंह ने बताया कि प्रबंधकीय कारणों के कारण तबादला किया गया है।

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