Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पंजाब के उद्योगपति बोले- बजट में सरकार का हो इंडस्ट्री फ्रेंडली नीतियों पर फोकस

    By Kamlesh BhattEdited By:
    Updated: Thu, 04 Mar 2021 05:18 PM (IST)

    पंजाब विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो चुका है। वित्त मंत्री मनप्रीत बादल 8 मार्च को राज्य का बजट पेश करेंगे। राज्य के उद्योगपतियों को इस बजट से खास उम्मीदें हैं। उनका कहना है कि बजट उद्योग फ्रेंडली होना चाहिए।

    Hero Image
    पंजाब बजट से उद्यमियों को खास उम्मीदें। सांकेतिक फोटो

    लुधियाना [राजीव शर्मा]। पंजाब विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो चुका है। 8 मार्च के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल वर्ष 2021-22 का बजट पेश करेंगे। इस बजट से उद्योग व्यापार जगत को काफी उम्मीदें हैं। उद्यमियों का तर्क है कि पंजाब पोर्ट से दूरी का खामियाजा भुगत रहा है। यहां पर उत्पादन लागत अधिक आ रही है। इसे कम करने के लिए बजट में इंसेंटिव बढ़ाने की जरूरत है। इसके अलावा औद्योगिक इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के उपाय किए जाएं। इसके अलावा छोटे उद्योगों को भी बिजली की दरें पांच रुपये पर सुनिश्चित की जाएं। अभी छोटे उद्यमियों को बिजली महंगी मिल रही है। उद्यमियों को उम्मीद है कि बजट में इंडस्ट्री को नई दिशा देने के उपाय किए जाएंगे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    फेडरेशन ऑफ पंजाब स्माल इंडस्ट्रीज एसोसिएशंस- फोक्रिसया के प्रधान बदीश जिंदल का तर्क है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार ने सत्ता संभालते वक्त पांच रुपये बिजली देने का वादा किया था, लेकिन बिजली दर  भारी भरकम कर लगाए हैं। फिक्स चार्जेज भी काफी हैं। ऐसे में छोटे यूनिट को बिजली आठ रुपये प्रति यूनिट से अधिक महंगी पड़ रही है। इसके अलावा वैट रिफंड के वर्ष 2013-14 के केस लंबित पड़े हैं।

    यह भी पढ़ें: लुधियाना में लव जिहाद, नाबालिग लड़की को सूरत ले गया युवक, कई दिनों तक करता रहा दुष्कर्म

    करीब तीन सौ से चार सौ करोड़ का रिफंड अटका पड़ा है। इसके लिए बजट में फंड का इंतजाम किया जाए। पंजाब सीमावर्ती राज्य है। यहां पर लोहा बिहार के मुकाबले चार रुपये महंगा पड़ता है। नब्बे फीसद तक तैयार माल भी दूसरे राज्यों को जाता है। ऐसे में लागत काफी अधिक आ रही है। लागत कम करने के लिए सरकार उद्योगों को अतिरिक्त इंसेंटिव दे। सूबे की निवेश नीति को छोटे उद्योग के लिए सरल बनाया जाए,ताकि एमएसएमई सेक्टर में निवेश को बढ़ावा दिया जा सके।

    यह भी पढ़ें: हरियाणा में लव जिहाद कानून पर फंसा दुष्यंत चौटाला का पेंच, जताई बड़ी आपत्ति

    यूनाइटेड साइकिल एंड पार्टर्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के प्रधान डीएस चावला के अनुसार अस्सी फीसद से अधिक एमएसएमई इंडस्ट्री मिक्स लैंड यूज एरिया में है। इसे औद्योगिक क्षेत्रों में शिफ्ट करने के लिए नए फोकल प्वाइंट बनाकर प्लाट दिए जाएं। इसके अलावा सूबे में साइकिल को प्रमोट करने के लिए विशेष तौर पर साइकिल ट्रैक बनाए जाएं। चावला ने कहा कि वैट के अलावा जीएसटी के रिफंड भी जारी करने के लिए प्रावधान किए जाएं।

    यह भी पढ़ें: पंजाब में भूजल के अध्ययन के लिए गठित होगी कमेटी, विधानसभा में स्पीकर ने की घोषणा

    नार्दर्न इंडिया इंडक्शन फर्नेस एसोसिएशन के प्रधान केके गर्ग ने कहा कि सरकार फिर से सूबे में बिजली के रेट बढ़ाने की कवायद में है। यहां पर बिजली पहले ही महंगी है। इसकी कीमतों में और इजाफा नहीं होना चाहिए। इसके अलावा लोग पेट्रोल एवं डीजल की महंगाई से त्रस्त हैं। पेट्रोल एवं डीजल पर वैट की दर को सूबा सरकार कम करके राज्य की जनता को राहत दे सकती है। इससे इंडस्ट्री की उत्पादन लागत में भी कमी आएगी।

    अपैक्स चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के सेक्रेटरी रजनीश आहूजा ने कहा कि इंडस्ट्री के फोकल प्वाइंट्स में लिए प्लाटों को लेकर पंजाब स्माल इंडस्ट्रीज एंड एक्सपोर्ट कारपोरेशन के साथ 20-20 साल पुराने विवाद हैं। बजट में इनको खत्म करने के लिए वन टाइम सेटलमेंट स्कीम लाई जाए। उद्यमियों को जुर्माना एवं ब्याज छोड़कर मूल जमा कराने की आप्शन दी जाए। इसके अलावा सूबे में इन्वेस्ट पंजाब के तहत सिंगल विंडो का दावा बेमानी है। उद्यमियों को सरकारी औपचारिकताएं पूरी करने के लिए चक्कर काटने पड़ रहे हैं।

    फेडरेशन आफ इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल आर्गेनाइजेशन में टेक्सटाइल डिवीजन के हेड अजीत लाकड़ा के अनुसार सरकार ने अभी तक वैट का रिफंड देने एंव पुराने वैट के विवाद निपटाने के लिए कोई पहल नहीं की है। बजट में इस संबंध में रोडमैप देने की जरूरत है। इसके अलावा सरकार को औद्योगिक इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए बजट में ठोस उपाय करने की जरूरत है।