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    PM मोदी ने वयोवृद्ध नेता को फोन कर पूछा- कैसे हैं आप, फिर चला बातचीत का सिलसिला

    By Kamlesh BhattEdited By:
    Updated: Thu, 23 Apr 2020 10:34 AM (IST)

    भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य व वयोवृद्ध पार्टी नेता मनमोहन व्यास से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की डेढ़ मिनट तक बात की।

    PM मोदी ने वयोवृद्ध नेता को फोन कर पूछा- कैसे हैं आप, फिर चला बातचीत का सिलसिला

    लुधियाना [राजेश शर्मा]। भाजपा के वयोवृद्ध नेता मदनमोहन व्यास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन करके उनकी कुशलक्षेम पूछी। करीब डेढ़ मिनट हुई बातचीत का दावा करते हुए भाजपा के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य व्यास ने कहा कि दोपहर करीब दो बजे उनके मोबाइल पर प्राइवेट नंबर से कॉल आई। उन्होंने फोन नहीं उठाया तो कुछ समय बाद दोबारा फिर कॉल आई तो उन्होंने बात की। दूसरी तरफ से एक व्यक्ति ने बात करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बात करेंगे।

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    पहले तो उन्होंने समझा कि कोई मजाक कर रहा है, लेकिन चंद सेकेंड में सामने से जाने पहचाने लहजे में आई आवाज से पता चल गया कि प्रधानमंत्री मोदी ही बात कर रहे हैं। आरएसएस के विंग विद्या भारती के पूर्व प्रांतीय अध्यक्ष और लुधियाना नगर सुधार ट्रस्ट के दो बार चेयरमैन रह चुके मदनमोहन व्यास ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा कि पुराने साथियों से बात करने का मन था इस कारण उन्होंने उन्हें फोन किया। व्यास की कुछ वर्ष पहले प्रधानमंत्री मोदी से उनके कार्यालय में उस समय संक्षिप्त मुलाकात हुई थी जब वह प्रधानमंत्री रिलीफ फंड के लिए राशि देने गए थे।

    कुछ इस तरह हुई फोन पर बात

    प्रधानमंत्री: मनमोहन जी कैसे हैं

    व्यास: प्रणाम सर, मैं ठीक हूं। लॉकडाउन में बैठे हैं। बहुत परिश्रम कर रहे हैं आप। अपने स्वास्थ का ख्याल रखिए।

    प्रधानमंत्री: ध्यान आया कि पुराने साथियों से बात करूं, इसलिए आपको फोन कर लिया।

    व्यास: सर आपने तो मेरा खून बढ़ा दिया। रोज आपको देखते सुनते हैं। आज बात करने का सुअवसर भी मिल गया। आपको देखकर, सुनकर प्रेरणा मिलती है। इसी के चलते संगठन और पार्टी का काम करते रहते हैं।

    प्रधानमंत्री: ठीक है काम तो करना ही है और यह सबकुछ तो राष्ट्र के लिए ही है।

    व्यास: सर मैंने तो एक बात समझी है। दायित्व मिले तो उसे पद न समझकर कार्य की गरिमा को समझना चाहिए।

    प्रधानमंत्री: बिल्कुल ठीक, पद तो एक्स हो जाना ही है। कार्य ही जिंदा रहता है। आपके लिए द्वार सदैव खुले हैं।

    व्यास: जी सर, कभी अवसर मिला तो जरूर आऊंगा।

    प्रधानमंत्री: ठीक है, अपना ख्याल रखिए। नमस्कार..।

    व्यास: प्रणाम सर।

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