जीएसटी के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर
जीएसटी के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। याचिका में उपभोक्ताओं से दो-दो कर वसूलने का आरोप लगाया गया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। केंद्र सरकार की ओर से पहली जुलाई से देश भर में सभी अप्रत्यक्ष करों को खत्म कर उनकी जगह जीएसटी लागू करने के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर इसे चुनौती दी गई है।
एडवोकेट जगमोहन सिंह भट्टी ने जीएसटी के खिलाफ दायर जनहित याचिका में इसे उपभोक्ताओं पर दोहरे कर का हवाला देकर इस पर रोक लगाने की मांग की हैं। याचिका में बताया गया है कि जीएसटी के लागू होने के बाद से उपभोक्ताओं से दो-दो कर वसूले जाने लगे हैं। याचिकाकर्ता ने पंजाब और हरियाणा के ढाबों के बारे में बताया कि वहां अब खाने पर सीजीएसटी और एसजीएसटी एक साथ वसूला जा रहा है।
इससे एक तरह से एक ही वस्तु पर दो-दो कर उपभोक्ता से वसूले जा रहे हैं। इस तरह से उपभोक्ता पर जीएसटी लागू होने के बाद दोहरे कर की मार पडऩे लगी है। जो न सिर्फ पूरी तरह से अवैध है, बल्कि संविधान के अनुच्छेद- 14, 15, 16 और 21 सहित राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों का भी उल्लंघन है।
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याचिका में बताया गया है कि पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और केंद्र सरकार ने इस बिल को पास कर नोटिफिकेशन कर दी है। लिहाजा अब याचिकाकर्ता ने इस पर रोक लगाने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में सोमवार को जनित याचिका दायर की है। हाईकोर्ट याचिका पर संभवत एक दो दिन में इस मामले पर सुनवाई करे।
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