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    केंद्रीय मंत्री हरसिमरत की मांग, लंगर की रसद को रखा जाए जीएसटी से बाहर

    By Kamlesh BhattEdited By:
    Updated: Tue, 04 Jul 2017 09:27 AM (IST)

    केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने लंगर के राशन को जीएसटी से बाहर रखने की मांग की है। जीएसटी के दायरे में आने पर एसजीपीसी पर 10 करोड़ रुपये का वित्तीय भार पड़ेगा।

    केंद्रीय मंत्री हरसिमरत की मांग, लंगर की रसद को रखा जाए जीएसटी से बाहर

    जेएनएन, चंडीगढ़। केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली से मांग की है कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) द्वारा लंगर के लिए खरीदी जाने वाली रसद को जीएसटी से बाहर किया जाए। उनका कहना है कि जीएसटी काउंसिल की सिफारिश और नए जीएसटी एक्ट के सेक्शन 11 व आइजीएसटी एक्ट के सेक्शन 6 के तहत यह छूट दी जाती है।

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    एसजीपीसी के अध्यक्ष कृपाल सिंह बडूंगर द्वारा यह मुद्दा उठाए जाने के बाद हरसिमरत ने यह मांग जेटली से की है। उन्होंने कहा कि एसजीपीसी द्वारा प्रत्येक वर्ष लंगर के लिए देसी घी, चायपत्ती, चीनी आदि पर 72 करोड़ रुपये खर्च किया जाता है।

    जीएसटी के दायरे में आने पर एसजीपीसी पर 10 करोड़ रुपये का वित्तीय भार पड़ेगा, क्योंकि उक्त सामान को 5 से 18 फीसद जीएसटी के दायरे में रखा गया है। चूंकि लंगर की सेवा सिख धर्म से भी जुड़ी हुई है। गुरु नानक देव जी ने 1481 में लंगर की सेवा शुरू की थी जोकि आज तक जारी है। अत: इस सेवा के लिए खरीदी जाने वाली रसद को जीएसटी से छूट दी जानी चाहिए।

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