चंडीगढ़ के नतीजे से पंजाब विस चुनाव में नोटबंदी बनेगी प्रमुख मुद्दा
चंडीगढ़ नगर निगम के चुनाव परिणाम को नोटबंदी पर जनता की मुहर बताया जा रहा है। इस परिणाम के पंजाब विधानसभा चुनाव में असर पड़ने की संभावना से सभी दलों में हलचल तेज हो गई है।

जेएनएन, चंडीगढ़। नगर निगम चुनाव में भाजपा की ऐतिहासिक जीत ने पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए भी भाजपा-अकाली गठबंधन में उत्साह भर दिया है। इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के कदम पर सिटी ब्यूटीफुल के लाेगों की मुहर माना जा रहा है। भाजपा अौर अकाली नेताओं को उम्मीद है कि विधानसभा चुनाव में भी इसका उन्हें फायदा मिलेगा। दूसरी ओर, कांग्रेस ने अपनी करारी हार को तो स्वीेकार कर लिया है, लेकिन वह इसे नोटबंदी का असर मानने को तैयार नहीं है। कांग्रेस नेता पंजाब विधानसभा चुनाव पर इसका असर पड़ने की बात को भी खारिज कर रहे हैं।
भाजपा और अकाली दल के नेताओं में उत्साह, नोटबंदी का लाभ उठाने की करेंगे कोशिश
चंडीगढ़ की सांसद किरण खेर ने कहा कि जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों का समर्थन किया है। जनता ने नोटबंदी और कालाधन खत्म करने के लिए प्रधानमंत्री के कदमों को व्यापक समर्थन दिया है। चंडीगढ़ की जनता के फैसले ने पूरे देश और पंजाब के लोगों के रुख को स्पष्ट किया है।
पढ़ें : चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव : भाजपा का क्लीन स्वीप, बुरी तरह पिटी कांग्रेस
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व रेल मंत्री पवन बंसल ने नगर निगम चुनाव हार मानते हुए इसकी जिम्मेदारी ली है। उन्होंने कहा कि जनता का फैसला स्वीकार है और अपनी हार व चुनाव परिणाम की समीक्षा कर अपनी कमियाें को ठीक करेंगे। बंसल ने कहा कि लोकतंत्र में हार और जीत तो हाेती रहती है। यह फैसला शिरोधार्य है और हम आगे भी लोगों की बेहतर सेवा कर वापसी करेेंगे।
पूर्व सांसद सतपाल जैन ने कहा कि जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाेटबंदी के फैसले पर मुहर लगाने के साथ कांग्रेस की वोटबंदी कर दी है। चंडीगढ़ ने कांग्रेस मुक्त भारत की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुहिम को आगे बढ़ाया है। इसका आने वाले चुनावों पर व्यापक असर पड़ेगा।
पढ़ें : कांग्रेस में दलबदलुओं को टिकट पर फंसा पेंच, उलझे अमरिंदर व गहलोत
नगर निगम चुनाव के नतीजे के साथ ही इसके विधानसभा चुनाव पर भी असर पर भी चर्चा शुरू हो गई है। अकाली दल और भाजपा के नेताओं में इस नतीजे से उत्साह का माहौल है। राजनीतिक क्षेत्रों में भी चर्चाआें का दौर शुरू हो गया है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि चंडीगढ़ नगर निगम के चुनाव परिणाम का पंजाब विधानसभा चुनाव पर खासा असर पड़ सकता है।
नोटबंदी को लेकर सभी दलों को बनानी होगी नए सीरे से रणनीति
जानकारों का मानना है कि इस परिणाम का खासतौर पर राज्य के शहरी क्षेत्रों में असर पड़ने की संभावना है। इसके बाद सभी दलों को अपनी चुनावी रणनीति पर फिर गौर करना होगा अौर नोटबंदी के असर को लेकर नई रणनीति तैयार करनी पड़ेगी।
इसके साथ ही अकाली दल और भाजपा नोटबंदी से बने माहौल का चुनावी लाभ लेने के लिए पूरी तरह से जुट जाएगी। उन्होंने इसकी तैयारी शुरू भी कर दी है। दोनों दल इसे शहरी क्षेत्रों में ही नहीं ग्रामीण इलाकोंं में भी भुनाने की कोशिश करेंगे। गठबंधन के नेताओं को चंडीगढ़ में उम्मीद से भी बढ़कर जीत में विधानसभा चुनाव में भी कामयाबी की राह दिखाई दे रही है।
पढ़ें : पंजाब की सियासत में बदलाव के संकेत, सिद्धू विस चुनाव लड़ने को तैयार
दोनों पार्टियां जनता के बीच नोटबंदी को भ्रष्टाचार और काला धन के खात्मे के लिए उठाए गए कदम के रूप में प्रचारित कर इसे विरोधियों काे करारा जवाब देने की तैयारी कर रही हैं। भ्रष्टाचार के मुद्दे को जोर-शोर से उठा रही आम अादमी पार्टी काे भी नोटबंदी के माध्यम से शिअद - भाजपा गठबंधन घेरेगी। बता दें कि 'आप' संयोजक अरविंद केजरीवाल ओर अन्य आप नेता नोटबंदी के खिलाफ काफी मुखर हैं। ऐसे में गठबंधन उनके खिलाफ जनता के मूड को हथियार बना सकता है।
कांग्रेस के अनुसार, चुनाव में भ्रष्टाचार, नशा और अकालियों के घोटाले ही रहेंगे प्रमुख मुद्दा
दूसरी ओर, कांग्रेस नेता चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव के परिणाम के पंजाब विधानसभा चुनाव पर असर की संभावना को सिरे से खारिज कर रहे हैं। उनका कहना है कि यदि विधानसभा चुनाव में नोटबंदी का नकारात्मक असर ही पड़ेगा। नोटबंदी के कारण विभिन्न शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में जिस तरह लोगों को दिक्कत हो रही है व उद्योग धंधों पर जिस तरह का असर पड़ा है उससे सत्ताधारी गठबंधन को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
नोटबंदी के खिलाफ पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह लगातार बोल रहे हैं और इसे अाम लोगों पर चोट बता रहे हैं। कांग्रेस नेताआें का कहना है कि राज्य में कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार, नशा और घोटाले चुनाव में प्रमुख मुद्दे होंगे। इस पर सत्ताधारी अकाली-भाजपा को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ेगा।
दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी ने अभी चंडीगढ़ नगर निगम के चुनाव परिणाम पर कोई खास टिप्पणी नहीं की है, लेकिन उसे भी नोटबंदी को लेकर अपनी रणनीति पर दोबारा विचार करना होगा। पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल नोटबंदी के खुलकर खिलाफत कर रहे हैं और पार्टी का मानना है कि चंड़ीगढ़ के नतीजे को नोटबंदी पर जनता की मुहर नहीं माना जा सकता।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।