पंजाब यूनिवर्सिटी के वाईफाई का दुरुपयोग, स्टूडेंट्स देखते हैं पोर्न साइट्स
पीयू में फ्री वाई फाई सुविधा का दुरुपयोग हो रहा है। रात दस बजे से लेकर सुबह चार बजे तक पोर्न साइट्स साइट्स ज्यादा देखी जा रही हैं। ...और पढ़ें

चंडीगढ़ [डॉ. रविंद्र मलिक]। पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) में पढ़ाई के साथ अन्य जरूरी काम के इस्तेमाल करने के लिए दी गई वाईफाई की सुविधा का गलत इस्तेमाल हो रहा है। वाईफाई पर पोर्न फिल्म देखी जा रही हैं और इन्हें डाउनलोड भी किया जा रहा है। दूसरी तरफ, पीयू प्रशासन को सब जानकारी होने के बावजूद इस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही।
रात दस बजे से लेकर सुबह चार बजे तक पोर्न साइट्स साइट्स ज्यादा देखी जा रही हैं। हालांकि, एहतियात के तौर पर पीयू ने कुछ वेबसाइट ब्लॉक कर रखी हैं, लेकिन स्टूडेंट्स प्रोक्सी सर्वर का इस्तेमाल कर सभी साइट्स आसानी से खोल लेते हैं। हैरत की बात तो यह है कि पीयू के कंप्यूटर सेंटर को इस बारे में पता है, लेकिन किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है।
वाईफाई की जिम्मेदारी संभाल रहे कंप्यूटर सेंटर के हेड प्रोफेसर रविंदर कुमार सिंगला ने कहा कि अकेले एक ही काम नहीं है हमें। आप वीसी से क्यों नहीं पूछते?
प्रोक्सी सर्वर से हटता है सेफ सर्च का विकल्प
हॉस्टल नंबर तीन में रहे बीटेक के एक स्टूडेंट ने बताया कि स्टूडेंट्स पीयू प्रोक्सी सर्वर से प्रतिबंधित साइट्स खोल लेते हैं। इनको सिस्टम में डालते हैं, जिसके बाद प्रतिबंधित कंटेट देखा या डाउनलोड किया जा सकता है। इनके इस्तेमाल से सेफ सर्च का विकल्प हट जाता है। अगर कोई स्टूडेंट पोर्न कंटेट देखता या डाउनलोड करता है तो उसको लेपटॉप या मोबाइल के आइपी अड्रेस से ट्रैक किया जा सकता है।
साइबर सेल शिकायत पर कार्रवाई करेंगे : नवीन
साइबर सेल के सब इंस्पेक्टर नवीन ने कहा कि पोर्नोग्राफी देखने या डाउनलोड करने वाले का पता लग जाता है। अगर पीयू शिकायत करेगी तो हम कार्रवाई करेंगे।
आरोपी को एक साल की हो सकती है जेल
इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी (आइटी) एक्ट 67 के तहत अगर कोई अश्लील कंटेंट(सामग्री) डाउनलोडिंग या ट्रांसमिटिंग करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है। इसके तहत उसको एक साल की कैद की सजा तक हो सकती है।
कई एप का प्रयोग कर रहे स्टूडेंट्स
केमिकल इंजीनियरिंग के सुभम ने बताया कि कई एप का इस्तेमाल स्टूडेंट्स कर रहे हैं। इनसे बैन की साइट विजिट करने में कोई दिक्कत नहीं आती है। साल 2016 में हॉट स्पॉट शिल्ड एप का इस्तेमाल पोर्नोग्राफी के लिए किया जा रहा था, जिसे बाद में बैन कर दिया गया।
एजुकेशनल साइट खुलती है न पीयू एंथम डाउनलोड होता
यूआइसीईटी विभाग के स्टूडेंट मेंटो ने बताया कि कई एजुकेशनल साइट नहीं खुलती हैं। सोशल वर्किग साइट कोरा नहीं खुलती। इतना ही नही पीयू का एंथम भी डाउनलोड नहीं होता है।
प्रोक्सी सर्वर के लिए यूज हो रही एप की बेहतर टीआरपी
प्रोक्सी सर्वर के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले एप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करते हैं। ट्रबो एप को 5 में से 4.7 अंक मिले हैं। वहीं साइफोन को 5 में से 4.3 अंक मिले हैं।
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