बाबा समर्थकों से भरी ट्रेनें पहुंच रही चंडीगढ़, स्टेशन पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात
डेरा मुखी पर सीबीआई कोर्ट के फैसले से पहले डेरा प्रेमी पंचकूला पहुंच रहे हैं। ट्रेन से भी अलग-अलग स्थानों से अनुयायी बड़ी संख्या में पहुंचे।
जेएनएन, चंडीगढ़। रेलवे स्टेशन पर अन्य राज्यों से आने वाली ट्रेनों में हजारों की संख्या में डेरा समर्थक पहुंच रहे हैं। ज्यादातर संख्या महिलाओं की है जोकि अपने जरूरी सामान के बैग लेकर पंचकूला की तरफ जा रहे हैं। बाबा समर्थकों के चंडीगढ़ पहुंचने का सिलसिला लगातार जारी है।
बुधवार को भी हजारों की संख्या में बाबा समर्थक ट्रेनों के माध्यम से चंडीगढ़ पहुंचे। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि इंटर सिटी एक्सप्रेस, बाड़मेर एक्सप्रेस और कालका-हावड़ा सुपरफास्ट ट्रेन से हजारों समर्थक पहुंचे। इन समर्थकों की तलाशी लेकर इन्हें बाहर जाने दिया गया।
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रेलवे की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता
अंबाला मंडल के एसपी कमलदीप गोयल ने बताया कि हमारे सामने सबसे बड़ी दिक्कत लॉ एंड ऑर्डर को बनाए रखने की है, क्योंकि रेलवे देश की लाइफ लाइन है, इसलिए हम डेरा समर्थकों को रोक नहीं रहे हैं। बस इतना ध्यान रख रहे हैं कि कोई व्यक्ति अपने साथ हथियार आदि लेकर को नहीं जा रहा है।
सुरक्षा के मद्देनजर तैनात किए अतिरिक्त सुरक्षा बल
रेलवे यातायात की सुरक्षा के मद्देनजर अंबाला मंडल की तरफ से चंडीगढ़, मोहाली और पंचकूला रेलवे स्टेशन पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात कर दिए हैं। जीआरपी ने 85 अतिरिक्त जवानों की तैनाती की है, आरपीएफ ने 35 अतिरिक्त जवानों की तैनाती की है। यह सभी जवान रेलवे स्टेशन परिसर, रेलवे स्टेशन को जाने वाले एंट्री प्वाइंट पर तैनात है।
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बंद किए अतिरिक्त एंट्री प्वाइंट
रेलवे स्टेशन पर दर्जनों एंट्री प्वाइंट हैं लेकिन इस मामले को देखते हुए जीआरपी ने अपनी चौकसी बढ़ा दी है और सभी एंट्री प्वाइंट बंद कर दिए हैं, अभी रेलवे स्टेशन पर दो ही एंट्री प्वांइट हैं जिनसे यात्री स्टेशन परिसर में दाखिल हो रहे हैं। एक प्वाइंट को प्लेटफार्म नंबर एक पर रखा गया है और दूसरा प्वाइंट पंचकूला रेलवे स्टेशन की तरफ रखा गया है। इसके अतिरिक्त सभी प्लेटफार्म को बंद कर दिया गया है।
छाता साथ ले जाने पर बिफरे समर्थक
डेरा समर्थकों को मंगलवार तक छाता साथ नहीं ले जाने दिया जा रहा था लेकिन बुधवार सुबह जीआरपी कर्मचारियों ने बाबा समर्थकों को छाता साथ नहीं ले जाने के लिए रोका, तो उन्होंने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। हालात न बिगड़े इसे देखते हुए बाबा समर्थकों को बाद में छाता ले जाने की अनुमति दे दी गई।
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