कैप्टन और मनोहर ने लिखा केंद्र को पत्र, मांगी सुरक्षा बलों की ज्यादा कंपनियां
डेरा मुखी पर फैसले से पहले हरियाणा और पंजाब में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। इसी बीच दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र को पत्र लिखा है।
जेएनएन, चंडीगढ़। डेरा प्रमुख बाबा गुरमीत राम रहीम 25 अगस्त को आने वाले सीबीआई कोर्ट के फैसले से पहले चंडीगढ़ और पंचकूला में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किये गए हैं। वहीं डेरा प्रेमी भी पंचकूला और चंडीगढ़ में पहुंच चुके हैं। धारा 144 लागू होने के बावजूद डेरा समर्थक कई इलाके में डटे हैं। इसी बीच पंजाब और
हरियाणा के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र से और पैरा मिलट्री फोर्स की मांग की है।
पंचकूला और चंडीगढ़ में पहले ही जवान तैनात है और पंजाब व हरियाणा की सीमा को सील कर दिया गया है। इसके बावजूद बुधवार सुबह भी डेरा प्रेमियों के आने का क्रम जारी रहा। अब तक डेढ़ लाख डेरा प्रेमी पहुंच चुके हैं। पंजाब के बठिंडा, मानसा, संगरूर, पटियाला व बरनाला को भी संवेदनशील घोषित किया गया है। इसी दौरान
दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिहं पत्र लिखकर ज्यादा पैरा मिलट्री फोर्स की मांग की है।
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मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिख पैरा मिलट्री फोर्स की 256 कंपनियां मांगी है। जबकि पंजाब को अबतक 75 कंपनी मिल चुकी है। कैप्टन ने कहा है कि पंजाब ज्यादा संवेदनशील राज्य है, इसलिए यहां ज्यादा फोर्स दिया जाए। पंजाब सरकार ने अपने 11,000 पुलिस मुलाजिम को भी सड़कों पर उतरा है।
वहीं दूसरी ओर हरियाणा के मुख्यमंत्री ने भी राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर अतिरिक्त सुरक्षा बल की मांग की है। तमाम सुरक्षा व्यवस्थाओं के बीच हरियाणा के डीजीपी और होम सेक्रेटरी ने पंचकूला में मार्ग और हेलीपैड स्थल का जायजा भी लिया। कानून व्यवस्था बहाल रखने के लिए पंचकूला में 34 ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किये गए हैं। बताया जा रहा है कि सुरक्षा के लिहाज से डेरा प्रमुख को हवाई मार्ग से सिरसा से पंचकूला ले जाया जाएगा। वहीं हरियाणा सरकार ने पंचकूला के सभी स्कूल कॉलेजों को तीन दिन के लिए बंद किया है।
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गृह सचिव रामनिवास ने कहा है कि सुरक्षा में 2500 आंतरिक पुलिस बल तैनात किए गए हैं, सुरक्षा एजेंसियों से मिलने वाले इनपुट को भी संबंधित अधिकारियों को तुरंत भेजा जा रहा है। पुलिस सोशल मीडिया पर भी अफवाह और गलत संदेशों पर नजर रखी रही है। डेरा के नाम पर जो भी लाइसेंसी हथियार हैं, उन्हें भी जमा करवाने पर विचार किया जा सकता है। ऐसे में अगर कर्फ्यू लगाने की जरूरत पड़ी तो यह फैसला लिया जा सकता है।
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