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Coronavirus in France: 59 हजार मरीज और 5 हजार से ज्‍यादा मौतें, फिर भी लापरवाह बनें हैं लोग, 3 लाख से ज्‍यादा का जुर्माना

फ्रांस के लोगों की लापरवाही सरकार के लिए बड़ा खतरा बनती जा रही है। अब तक यहां पर तीन लाख से अधिक लोगों को लॉकडाउन के नियत तोड़ने के चलते जुर्माना लगाया जा चुका है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Fri, 03 Apr 2020 01:53 PM (IST)Updated: Fri, 03 Apr 2020 02:10 PM (IST)
Coronavirus in France: 59 हजार मरीज और 5 हजार से ज्‍यादा मौतें, फिर भी लापरवाह बनें हैं लोग, 3 लाख से ज्‍यादा का जुर्माना

पेरिस। फ्रांस में कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। यहां पर अब तक 59105 मामले सामने आ चुके हैं। इसकी वजह से यहां पर अब तक 5387 लोगों की जान इस वायरस से संक्रमित होने के बाद जा चुकी है। इस बीच 12428 मरीज ठीक भी हुए हैं। यहां पर कोरोना वायरस के करीब 6399 मामले गंभीर हालत में हैं। ये कुल मामलों के करीब 15 फीसद तक हैं, जबकि अन्‍य 85 फीसद मामले माइल्‍ड कंडिशन वाले हैं। कोरोना का इतना बड़ा खतरा होने के बाद भी यहां पर लोग इसको लेकर गंभीर नहीं दिखाई दे रहे हैं।

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दरअसल फ्रांस के सरकारी आंकड़े ही इस बात की पुष्टि कर रहे हैं। यहां के आंतरिक मंत्री क्रिस्‍टोफर कास्‍टनर के मुताबिक प्रशासन और पुलिस द्वारा अब 350,000 से ज्‍यादा लोगों पर लॉकडाउन के दौरान बेवजह बाहर घूमने की वजह से लगाया जा चुका है। सड़कों पर बेवजह घूमते यहां की सरकार और स्‍थानीय प्रशासन के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुके हैं। इतना ही नहीं इनमें से सैकड़ों ऐसे लोग हैं जिनपर दो से अधिक बार जुर्माना लगाया जा चुका है। बीते दिनों ही फ्रांस में एक व्‍यक्ति पांच बार लॉकडाउन के नियम तोड़ने का दोषी पाया गया था। इसके बाद उसको वोलेंटरी सर्विस के तौर पर सड़क पर खड़ा किया गया साथ ही उसको दो माह की जेल और जुर्माने की सजा भी सुनाई गई।

क्रिस्‍टोफर की मानें तो लॉकडाउन के एलान के दो सप्‍ताह के अंदर ही इसके नियमों को तोड़ने की वजह से हजारों लोगों के चालान कर जुर्माना लगाया गया था। उनका कहना था कि इस तरह के लोग इसके बाद भी सरकार के लिए समस्‍या खड़ी कर रहे हैं। ये लोग बेवजह घरों से बाहर निकल रहे हैं और दूसरों के साथ-साथ अपने लिए भी खतरा पैदा कर रहे हैं।

ऐसे लापरवाह और दूसरों के लिए खतरा बने लोगों की वजह से सरकार ने जुर्माने की राशि 135 पाउंड से बढ़ाकर 200 पाउंड तक कर दी है। सरकार ने कोरोना के बढ़ते खतरे और मामलों को देखते हुए लॉकडाउन की अवधि 15 अप्रैल तक बढ़ा दी है। इस दौरान किसी भी तरह से इकट्ठा होने पर पूरी तरह से रोक है। केवल सड़क पर उन्‍हीं लोगों को आने की इजाजत है जिन्‍हें कुछ जरूरत के लिए कोई सामान लेना है। इसमें भी केवल दवाइयां और खाने-पीने के सामान को रखा गया है। आपको बता दें कि फ्रांस में 17 मार्च से लॉकडाउन लागू किया गया था। कास्‍टनर ने लोगों से गुजारिश की है कि वो लापरवाह न बनें और अपने और दूसरों की जान को खतरे में न डालें।

आपको यहां पर ये भी बता दें कि पहले सरकार ने दो सप्‍ताह के लिए लॉकडाउन का एलान किया था। लेकिन तेजी से बढ़ते मामलों ने सरकार की धड़कनें बढ़ा रखी हैं। सरकार अब तक इन पर काबू पाने में नाकाम साबित हो रही है। फ्रांस के प्रधानमंत्री ई फिलिप ने यहां तक की आशंका जताई है कि आने वाले दिनों में कोरोना का खतरा और अधिक बढ़ सकता है। उनके मुताबिक फ्रांस अब तक महामारी के पहले चरण या शुरुआती दौर में है। गौरतलब है कि फ्रांस कुछ शहर इस समय कोरोना वायरस की जबरदस्‍त चपेट में हैं। एक स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी के मुताबिक बुधवार को गंभीर हालत में बीमार करीब 40 लोगों हाईस्‍पीड ट्रेन में सफर किया था। सरकार ने कोरोना के मरीजों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए हेलीकॉप्‍टरों को भी लगाया है।

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